उत्तर प्रदेश: भड़काऊ भाषण के आरोप में आज़म ख़ान के ख़िलाफ़ एक और मामला दर्ज

पिछले दो दिनों में अयोग्य ठहराए गए विधायक आज़म ख़ान के ख़िलाफ़ यह दूसरा मामला है. बीते एक दिसंबर को एक चुनावी सभा के दौरान महिलाओं के को लेकर कथित रूप से अपमानजनक टिप्पणी करने के आरोप में उनके विरूद्ध मामला दर्ज किया गया था.

आजम खान. (फोटो: पीटीआई

पिछले दो दिनों में अयोग्य ठहराए गए विधायक आज़म ख़ान के ख़िलाफ़ यह दूसरा मामला है. बीते एक दिसंबर को एक चुनावी सभा के दौरान महिलाओं के को लेकर कथित रूप से अपमानजनक टिप्पणी करने के आरोप में उनके विरूद्ध मामला दर्ज किया गया था.

आजम खान. (फोटो साभार: फेसबुक)

रामपुर: उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान के खिलाफ पुलिस और चुनाव आयोग जैसी संवैधानिक संस्थाओं के खिलाफ ‘भड़काऊ’ शब्दों का इस्तेमाल करने के आरोप में एक नया मामला दर्ज किया गया है. पुलिस ने इसकी जानकारी दी.

पिछले दो दिनों में अयोग्य ठहराए गए विधायक आजम खान के खिलाफ यह दूसरा मामला है. बीते एक दिसंबर को एक चुनावी सभा के दौरान महिलाओं के खिलाफ कथित रूप से अपमानजनक टिप्पणी करने के आरोप में उनके विरूद्ध मामला दर्ज किया गया था.

रामपुर उपचुनाव में वीडियो सर्विलांस टीम के प्रभारी सुजेश कुमार सागर की शिकायत पर शुक्रवार (2 दिसंबर) को यह एफआईआर कोतवाली थाने में दर्ज की गई.

शिकायत में कहा गया है, ‘समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार असीम राजा के समर्थन में एक जनसभा को संबोधित करते हुए आजम खान ने एक भाषण दिया. इसमें उन्होंने आम जनता को भड़काने के लिए पुलिस, चुनाव आयुक्त और चुनाव आयोग जैसी संवैधानिक संस्थाओं के खिलाफ अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया.’

शिकायत में कहा गया है कि मोहम्मद आजम खान ने अपने संबोधन में कहा, ‘यहां आइए मुख्य चुनाव आयुक्त, आप यहां आ जाइए, दे दो सर्टिफिकेट एमएलए का, हम भी ताली बजाएंगे, भांडो की तरह, जरूरी थोड़ी है कि भांडगिरी आप ही करेंगे, हमें भी भांड बना लो, कही भांडगिरी से शासन नहीं होता, भांडगिरी से देश नहीं चलता.’

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, ‘आजम खान ने अपने पूरे भाषण में पुलिस, चुनाव आयुक्त और चुनाव आयोग जैसी संवैधानिक संस्थाओं के खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल कर जनसभा में मौजूद लोगों के बीच नफरत भड़काकर और फैलाकर जनता की शांति भंग करने की कोशिश की और आचार संहिता का उल्लंघन किया. उन्होंने भड़काऊ भाषण दिया और कहा कि आज तुम कम हो लेकिन पुलिस की वर्दी ज्यादा है.’

उक्त भाषण को शिकायत में उद्धृत किया गया था, देश चलाने वालों और जो लोग निर्दोषों को धमकाते हैं और बुर्का पहनने वालों के खिलाफ लाठी का इस्तेमाल करते हैं, को बधाई.

शिकायत के अनुसार, ‘आजम खान ने कहा कि खाकी वर्दी का सम्मान छीन लिया गया है.’

शिकायत में उनके हवाले से कहा गया है, ‘हमसे हमारे पहनावे के बारे में पूछा जाता है. हमसे पूछा जाता है कि हम कौन सा चेहरा ढक रहे हैं और लाउडस्पीकर कहां है और इसकी संख्या क्या है. मौलवियों को कमजोर और लाचार बना दिया गया है. इतना लाचार कि जामा मस्जिद और ईदगाह के मौलवी कह रहे हैं कि लोग जुमे की नमाज घर में ही पढ़ें. भारत चलाने वालों ने मस्जिदें सूनी कर दी हैं, अल्लाह का घर सूना है.’

उक्त रैली में समाजवादी अध्यक्ष अखिलेश यादव भी शामिल हुए और वहां सभा को संबोधित किया .

कोतवाली थाने के थाना प्रभारी किशन अवतार ने कहा, ‘शिकायत के आधार पर हमने आजम खान के खिलाफ मामला दर्ज किया है.’

खान के खिलाफ धारा 153ए (विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) और 505 (1) (बी) (किसी भी बयान, अफवाह या प्रचार को प्रकाशित या प्रसारित करना) तथा जन अधिनियम का प्रतिनिधित्व 1951 और 1988 की धारा 125 के तहत मामला दर्ज किया है.

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में रामपुर की एमपी/एमएलए अदालत ने 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान सपा नेता एवं विधायक आजम खान को भड़काऊ भाषण देने के मामले में गुरुवार को दोषी करार देते हुए तीन साल कैद की सजा सुनाई थी.

उल्लेखनीय है कि आजम खान को घृणा भरे भाषण और अभद्र भाषा के प्रयोग के लिए रामपुर की एक एमपी/एमएलए अदालत ने दोषी करार देते हुए तीन साल कैद की सजा सुनाई थी, जिसके चलते उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी गई और अब रामपुर विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव हो रहा है.

रामपुर में आजम खान के करीबी आसिम राजा सपा के उम्‍मीदवार हैं, जबकि भारतीय जनता पार्टी ने यहां आकाश सक्‍सेना को अपना उम्‍मीदवार बनाया है. यहां पांच दिसंबर को उपचुनाव है.

जनप्रतिनिधित्व अधिनियम कहता है कि दो साल या उससे अधिक की सजा पाने वाले किसी भी व्यक्ति को ‘ऐसी सजा की तारीख से’ अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा और जेल में समय बिताने के बाद छह साल के लिए अयोग्यता बरकरार रहेगी.

आजम खान पर 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान मिलक कोतवाली इलाके के खातानगरिया गांव में जनसभा को संबोधित करने के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ को लेकर अपमानजनक भाषा का इस्‍तेमाल करने और जिला प्रशासन के वरिष्‍ठ अधिकारियों को भला-बुरा कहने पर भड़काऊ भाषण देने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया था.

गौरतलब है कि 2017 में उत्तर प्रदेश में भाजपा के सत्ता में आने के बाद से आजम खान के खिलाफ चोरी से लेकर भ्रष्टाचार तक के 87  मामले दर्ज किए गए.

जमीन कब्जाने से संबंधित मामले में वे करीब दो सालों तक जेल में रहे थे. मई 2022 में सुप्रीम कोर्ट अंतरिम जमानत मिलने के बाद उन्हें जेल से रिहा किया गया था.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)