विधानसभा चुनाव: उत्तर और मध्य गुजरात के कई गांवों में लोगों ने मतदान का बहिष्कार किया

गुजरात में दूसरे और अंतिम चरण में राज्य की 93 विधानसभा सीट पर सोमवार को मतदान हुआ है. मेहसाणा ज़िले के तीन गांवों के छह मतदान केंद्रों पर करीब 5,200 मतदाताओं ने स्थानीय मुद्दों को लेकर मतदान नहीं किया. वहीं, खेड़ा जिले के उंधेला गांव के क़रीब 1,400 मुस्लिम मतदाताओं ने वोट नहीं दिया.

(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

गुजरात में दूसरे और अंतिम चरण में राज्य की 93 विधानसभा सीट पर सोमवार को मतदान हुआ है. मेहसाणा ज़िले के तीन गांवों के छह मतदान केंद्रों पर करीब 5,200 मतदाताओं ने स्थानीय मुद्दों को लेकर मतदान नहीं किया. वहीं, खेड़ा जिले के उंधेला गांव के क़रीब 1,400 मुस्लिम मतदाताओं ने वोट नहीं दिया.

(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

खेड़ा/नई दिल्ली: सोमवार को दूसरे चरण के मतदान के दौरान उत्तर और मध्य गुजरात के कई गांवों में मतदान का बहिष्कार किया गया. दूसरे और अंतिम चरण में राज्य की 93 विधानसभा सीट पर मतदान हुआ है.

खेड़ा जिले के उंधेला गांव के करीब 1,400 मुस्लिम मतदाताओं ने मतदान का बहिष्कार किया. समुदाय के स्थानीय नेताओं ने यह जानकारी दी है.

ज्ञात हो कि यह वही गांव है जहां इस साल अक्टूबर में एक नवरात्रि गरबा कार्यक्रम में कथित रूप से पत्थर फेंकने के बाद कुछ मुसलमानों को पुलिस ने सार्वजनिक रूप से पीटा था.

समुदाय के नेताओं ने कहा कि मातर तालुका में स्थित गांव के कुल 3,700 मतदाताओं में से सभी 1,400 मुस्लिम मतदाताओं ने मतदान का बहिष्कार किया.

उंधेला के स्थानीय मुस्लिम नेता मकबूल सैय्यद ने दावा किया, ‘सरेआम पिटाई और दोषियों को दंडित करने से प्रशासन के इनकार के विरोध में गांव के सभी मुस्लिम मतदाता मतदान प्रक्रिया से दूर रहे. हमने पुलिस द्वारा एकतरफा कार्रवाई पर अपना रोष व्यक्त करने के लिए इस बहिष्कार का आह्वान किया. अब तक किसी भी पुलिसकर्मी को उनके कृत्य के लिए निलंबित नहीं किया गया है.’

वहीं, गुजरात की मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) पी. भारती ने बताया कि मेहसाणा जिले के तीन गांवों के छह मतदान केंद्रों पर करीब 5,200 मतदाताओं ने स्थानीय मुद्दों को लेकर मतदान नहीं किया.

द हिंदू के अनुसार, मेहसाणा में चार गांवों के मतदाताओं ने कहा कि वे अपने गांवों और आसपास के क्षेत्रों में विकास न होने के कारण विधानसभा चुनाव का बहिष्कार कर रहे हैं. उन्होंने खराब सड़कों और पानी की कमी की शिकायत की.

पानी की कमी के विरोध में मेहसाणा के खेरालु तालुका में वरेथा, दलिसाना और दावोल के ग्रामीणों ने लगातार तीसरे वर्ष वोट देने से परहेज किया. इन तीन गांवों के निवासियों ने पहले हुए तालुका, जिला और ग्राम पंचायत चुनावों के दौरान अपना वोट नहीं डाला था.

ग्रामीणों ने कहा कि वे गांव की झीलों को भरने के लिए नर्मदा के पानी की मांग कर रहे हैं और राज्य के अधिकारियों ने अभी तक नर्मदा नहर से पानी उपलब्ध नहीं कराया है.

अख़बार के मुताबिक, मेहसाणा के जिला कलेक्टर उदित अग्रवाल ने प्रशासन द्वारा ग्रामीणों की मांगों पर विचार करने का आश्वासन देने के लिए एक महीने पहले गांवों का दौरा किया था, लेकिन ग्रामीण मतदान का बहिष्कार के अपने आह्वान से पीछे नहीं हटे.

इस बीच, जिले के बेचारजी में बेरियाफ गांव के निवासी भी बहिष्कार में शामिल थे, लेकिन स्थानीय अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद वहां के लगभग 50% मतदाताओं ने दोपहर में मतदान किया.

हालांकि, अधिकारियों ने कहा कि बहिष्कार नहीं हुआ. खेड़ा के जिलाधिकारी केएल बचानी ने स्थानीय निर्वाचन अधिकारियों का हवाला देते हुए कहा कि बहिष्कार का कोई आह्वान नहीं था.

बचानी ने कहा, ‘निर्वाचन अधिकारी की रिपोर्ट के अनुसार, ऐसी कोई घटना नहीं हुई. किसी ने भी इस तरह के मुद्दे को लेकर हमसे संपर्क नहीं किया. हमारे रिकॉर्ड के अनुसार, 43 प्रतिशत मतदाताओं ने उंधेला में मतदान किया.’

निर्वाचन आयोग के अनुसार, विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में 93 सीट के लिए सोमवार को औसतन 60.94 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया. इन निर्वाचन क्षेत्रों में 2017 के चुनाव में करीब 70 प्रतिशत मतदान हुआ था.

इस बार पहले चरण में एक दिसंबर को 89 विधानसभा सीट पर चुनाव हुआ, जहां 63.31 प्रतिशत मतदान हुआ था. मतगणना 8 दिसंबर को होगी.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)