निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 152 सीटों पर, कांग्रेस 17 और आम आदमी पार्टी (आप) सात सीटों पर आगे चल रही है.
अहमदाबाद: गुजरात में विधानसभा चुनाव के लिए गुरुवार को जारी मतगणना के शुरुआती रुझानों में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) बड़ी बढ़त हासिल करती नजर आ रही है.
भाजपा 1995 से राज्य में कोई विधानसभा चुनाव नहीं हारी है.
निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 152 सीटों पर, कांग्रेस 17 और आम आदमी पार्टी (आप) 7 सीटों पर आगे चल रही है.
मत प्रतिशत की बात करें तो भाजपा को अब तक 53.70 फीसदी, कांग्रेस को 26.37 फीसदी और आम आदमी पार्टी को 12.81 फीसदी मत मिले हैं.
भाजपा के कई विधायक शुरुआती रुझानों में आगे चल रहे हैं. हार्दिक पटेल, पुर्णेश मोदी और कई अन्य चर्चित चेहरे भी आगे हैं.
आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार इसुदान गढ़वी खंभालिया विधानसभा सीट से आगे चल रहे हैं. ‘आप’ उम्मीदवार सोमनाथ, व्यारा, जामनगर (उत्तर) और कुछ अन्य सीटों पर आगे है.
गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल घाटलोडिया के शहरी निर्वाचन क्षेत्र से लगातार दूसरी बार जीत की ओर बढ़ते दिख रहे हैं. उन्होंने पांच दौर की मतगणना के बाद यहां अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी पर लगभग 20,000 मतों की बढ़त बना रखी थी.
पटेल को 23,713 जबकि उनकी करीबी प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस की अमीबेन याज्ञनिक को 3,840 मत मिले. आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार विजय पटेल 2,168 मतों के साथ फिलहाल इस सीट पर तीसरे स्थान पर हैं.
गांधीनगर लोकसभा क्षेत्र के हिस्से और पाटीदार बहुल घाटलोडिया सीट ने गुजरात को दो मुख्यमंत्री दिए हैं- भूपेंद्र पटेल और आनंदीबेन पटेल. यह भाजपा का गढ़ है.
पाटीदार आरक्षण आंदोलन के बावजूद 2017 में भूपेंद्र पटेल ने यह सीट 1.17 लाख मतों के बड़े अंतर से जीती थी. भाजपा ने पहले ही यह घोषणा कर दी है कि इन चुनाव के बाद पटेल के हाथों में ही राज्य की कमान रहेगी.
गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए मतगणना राज्य के 37 मतदान केंद्रों पर कड़ी सुरक्षा और भारत निर्वाचन आयोग द्वारा नियुक्त पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में गुरुवार सुबह शुरू हुई.
‘आप’ के चुनावी मैदान में उतरने से मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है, जिससे कांग्रेस की परेशानी बढ़ी हुई है.
गुजरात में बहुमत के लिए कुल 182 सीट में से किसी भी पार्टी को 92 का आंकड़ा छूना होगा. चुनाव बाद के सर्वेक्षणों में भाजपा के आसान जीत दर्ज करने और लगातार सातवीं बार राज्य में सरकार बनाने का पूर्वानुमान लगाया गया था.
नई दिल्ली स्थित ‘सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसाइटीज’ के संजय कुमार ने कहा कि अगर भाजपा गुजरात और हिमाचल प्रदेश में बहुमत हासिल कर लेती है तो इससे पार्टी का मनोबल काफी बढ़ेगा.
भाजपा ने राज्य में 27 साल के शासन के बाद सत्ता विरोधी भावनाओं से जूझते हुए हाल का चुनाव लड़ा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पार्टी के लिए ‘तुरुप का इक्का’ थे और सत्तारूढ़ दल ने सत्ता विरोधी लहर के मुकाबले के लिए ‘ब्रांड मोदी’ पर भरोसा किया.
चुनावों में प्रमुख मुद्दों में बेरोजगारी, मूल्य वृद्धि, राज्य के कुछ हिस्सों में पानी नहीं पहुंचना, बड़ी परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण और किसानों को अत्यधिक बारिश के कारण फसल क्षति का उचित मुआवजा नहीं मिलना था.
इस बार मतदान प्रतिशत 2017 की तुलना में लगभग चार प्रतिशत कम हुआ.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)