हिमाचल में कांग्रेस को पूर्ण बहुमत मिला

निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, कांग्रेस 68 सदस्यीय विधानसभा में 40 सीट जीत चुकी है. भाजपा 25 सीट जीत चुकी है. तीन सीट पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है. मंडी की सेराज विधानसभा सीट से जीत दर्ज करने वाले जयराम ठाकुर ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा दे दिया है.

Chandigarh: Congress workers celebrates the party's victory in Himachal Pradesh Assembly elections, in Chandigarh, Thursday, Dec. 8, 2022. (PTI Photo)(PTI12_08_2022_000354B)

निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, कांग्रेस 68 सदस्यीय विधानसभा में 40 सीट जीत चुकी है. भाजपा 25 सीट जीत चुकी है. तीन सीट पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है. मंडी की सेराज विधानसभा सीट से जीत दर्ज करने वाले जयराम ठाकुर ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा दे दिया है.

राजधानी शिमला में जीत का जश्न मनाते कांग्रेस कार्यकर्ता. (फोटो: पीटीआई)

शिमला/नई दिल्ली: कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में बृहस्पतिवार को पूर्ण बहुमत हासिल कर लिया. यहां बहुमत के लिए 35 सीटों की जरूरत होती है.

निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, कांग्रेस 68 सदस्यीय विधानसभा में 40 सीट अपने नाम कर ली है. भाजपा को 25 सीटें हासिल हुई हैं, जबकि तीन सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है.

आम आदमी पार्टी के हिस्से में कोई सीट आती नहीं दिख रही है. उसने 67 सीट पर चुनाव लड़ा था.

हिमाचल प्रदेश का 1985 से यह राजनीतिक इतिहास रहा है कि यहां की जनता ने किसी भी पार्टी को लगातार दो बार सत्ता की चाबी नहीं सौंपी है. इस बार भी यह परंपरा कायम रही है.

मंडी की सेराज विधानसभा सीट से मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कांग्रेस के चेतराम को 37,007 वोटों के अंतर से पराजित किया. ठाकुर को 33,256 मत (76.97 प्रतिशत) मिले, जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के चेतराम को 8,956 मत (20.73 प्रतिशत) मिले.

पूर्व केंद्रीय मंत्री सुखराम के पुत्र और भाजपा उम्मीदवार अनिल शर्मा ने मंडी सदर विधानसभा सीट पर जीत हासिल की है. उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार चम्बा ठाकुर को 10 हजार से अधिक मतों के अंतर से पराजित किया.

सुंदरनगर में भाजपा के राकेश कुमार ने कांग्रेस के सोहन लाल को 8125 वोटों से हराया.

शिमला शहरी विधानसभा सीट पर कांग्रेस के हरीश जनारथा ने भाजपा उम्मीदवार संजय सूद को 3,037 मतों के अंतर से पराजित किया.

नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस नेता मुकेश अग्निहोत्री ने हरोली विधानसभा सीट से जीत हासिल की, तो ठियोग विधानसभा सीट से प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष कुलदीप राठौर तथा धर्मशाला से पूर्व मंत्री सुधीर शर्मा विजयी रहे.

हिमाचल प्रदेश में 12 नवंबर को हुए विधानसभा चुनाव में 76.44 फीसदी मतदान दर्ज किया गया था.

जयराम ठाकुर ने राज्यपाल को इस्तीफा सौंपा

विधानसभा चुनाव में पराजय स्वीकार करते हुए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बृहस्पतिवार को राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर को अपना इस्तीफा सौंप दिया. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि राज्यपाल ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है.

भाजपा नेता और मुख्यमंत्री ठाकुर ने राज्यपाल को इस्तीफा सौंपने से कुछ देर पहले संवाददाताओं से कहा, ‘मैं जनादेश का सम्मान करता हूं और थोड़ी देर में राज्यपाल को इस्तीफा सौंपने जा रहा हूं.’

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘अब नई सरकार बनेगी, मैं उन्हें (कांग्रेस को) बधाई देता हूं और उम्मीद करता हूं कि वे अपने वादे पूरे करेंगे.’

उन्होंने कहा, ‘हम दलीय राजनीति से ऊपर उठकर सकारात्मक सहयोग देंगे, लेकिन जब हमें लगेगा कि राज्य के हितों की रक्षा नहीं हो रही तो हम जनता के सामने मुद्दे उठाएंगे.’

ठाकुर ने कहा, ‘जनता ने पांच साल तक हमें सेवा का मौका दिया. हमने बेहतर काम करने का प्रयास किया.’

एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि कई सीट पर जीत का अंतर बहुत कम है और 11 से 12 सीट पर 1,000 से भी कम वोट से उम्मीदवारों की जीत हुई है.

क्या पुरानी पेंशन योजना ने भाजपा की संभावनाओं को कमजोर किया, इस प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि अभी किसी निष्कर्ष पर पहुंचना सही नहीं होगा और हम विभिन्न स्रोतों से सुझाव लेंगे.

उन्होंने कहा कि कई सीट पर भाजपा के बागी उम्मीदवारों का चुनाव लड़ना भी हार की एक वजह हो सकती है.

कांग्रेस द्वारा अपने विधायकों को ‘खरीद-फरोख्त’ के डर से चंडीगढ़ ले जाए जाने के सवाल पर ठाकुर ने कहा, ‘वे चुने हुए विधायक हैं. लेकिन पार्टी में नेता की होड़ है कि मुख्यमंत्री कौन बनेगा और इसलिए वे डरे हुए हैं.’

कांग्रेस को भाजपा द्वारा विधायकों की खरीद-फरोख्त का डर है, इसलिए हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के लिए चुनाव की बागदौर संभालने वाले छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और वरिष्ठ कांग्रेसी राजीव शुक्ला ने कहा है कि पार्टी विधायकों को चंडीगढ़ ले जाया जाएगा.

एक ट्वीट में मुख्यमंत्री ने कहा, ‘हम जनादेश को विनम्रता के साथ स्वीकार करते है. पांच वर्षों में आदरणीय प्रधानमंत्री जी एवं केंद्र सरकार द्वारा दिए गए बहुमूल्य सहयोग के लिए उनका विशेष आभार. प्रदेश की जनता द्वारा सेवा के लिए दिए पांच साल के लिए धन्यवाद. हिमाचल के सर्वांगीण विकास के लिए हम हमेशा तत्पर रहेंगे.’

हिमाचल में सरकार बनाने की औपचारिकताओं के बारे में पर्यवेक्षक फैसला करेंगे: खड़गे

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में पार्टी की जीत पर नेताओं, कार्यकर्ताओं और मतदाताओं का आभार जताते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि राज्यपाल से मिलने का समय मांगने और सरकार गठन की दूसरी औपचारिकताओं के बारे में फैसला पर्यवेक्षक करेंगे.

हिमाचल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह राज्य विधानसभा चुनाव में पार्टी की जीत के बाद शिमला में बृहस्पतिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया. उनके साथ कांग्रेस उम्मीदवार हरीश जनार्थ (बाएं से दूसरे) और विक्रमादित्य सिंह (दाएं) भी मौजूद थे. (फोटो: पीटीआई)

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा हिमाचल प्रदेश के लिए कांग्रेस के पर्यवेक्षक बनाए गए हैं. ये दोनों नेता और कांग्रेस के हिमाचल प्रदेश प्रभारी राजीव शुक्ला नवनिर्वाचित विधायकों के साथ बैठक करेंगे.

खड़गे ने संवददाताओं से कहा, ‘सभी मतदाताओं को धन्यवाद देता हूं. कार्यकर्ताओं और नेताओं के प्रयास से यह नतीजा आया है. मैं प्रियंका गांधी जी का धन्यवाद करता हूं. राहुल गांधी जी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ का भी योगदान रहा.’

सरकार गठन की औपचारिकताओं और राज्यपाल से मुलाकात के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इस बारे में पर्यवेक्षक फैसला करेंगे.

गुजरात में पार्टी की हार पर उन्होंने कहा, ‘जहां हारे हैं उसे स्वीकार करेंगे, जहां जीते हैं वहां बधाई देगें. लोकतंत्र में हार-जीत होती रहती है. हम देखेंगे- जहां कमियां होंगी, उन्हें दूर करेंगे.’

हिमाचल में हर वादे को पूरा करेंगे, गुजरात की जनता के हक की लड़ाई जारी रखेंगे: राहुल

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में पार्टी की जीत पर प्रदेश की जनता का धन्यवाद करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि जनता से किया हर वादा जल्द से जल्द निभाया जाएगा.

उन्होंने गुजरात में कांग्रेस की हार को स्वीकार करते हुए यह भी कहा कि संगठन का पुनर्गठन कर प्रदेशवासियों के हक की लड़ाई जारी रखेंगे.

राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘हिमाचल प्रदेश की जनता को इस निर्णायक जीत के लिए दिल से धन्यवाद. सभी कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं को हार्दिक बधाई. आपका परिश्रम और समर्पण इस विजय की शुभकामनाओं का असली हकदार है. फिर से आश्वस्त करता हूं, जनता से किया हर वादा जल्द से जल्द निभाएंगे.’

उन्होंने ट्वीट किया, ‘हम गुजरात के लोगों का जनादेश विनम्रतापूर्वक स्वीकार करते हैं. हम पुनर्गठन कर, कड़ी मेहनत करेंगे और देश के आदर्शों और प्रदेशवासियों के हक़ की लड़ाई जारी रखेंगे.’

कांग्रेस विधायकों को खरीद-फरोख्त से बचाना होगा, भाजपा कुछ भी कर सकती है: बघेल

कांग्रेस को राज्य में बहुमत मिलने से पहले छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा था कि पार्टी को अपने विधायकों को खरीद-फरोख्त से बचाना होगा, क्योंकि भाजपा कुछ भी कर सकती है.

कांग्रेस पार्टी ने बघेल को हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों के लिए वरिष्ठ पर्यवेक्षक नियुक्त किया है. उन्होंने इन अटकलों को खारिज किया कि हिमाचल प्रदेश से पार्टी के नवनिर्वाचित विधायकों को छत्तीसगढ़ स्थानांतरित किया जाएगा.

मुख्यमंत्री ने रायपुर में संवाददाताओं से कहा था, ‘मतगणना अभी भी जारी है और हमें अंतिम नतीजों की प्रतीक्षा करनी चाहिए. हमें विश्वास था कि हम हिमाचल प्रदेश में सरकार बनाएंगे और रुझान बताते हैं कि हम वहां जीत की ओर बढ़ रहे हैं.’

यह पूछे जाने पर कि क्या खरीद-फरोख्त की संभावनाओं के बीच हिमाचल के नवनिर्वाचित कांग्रेस विधायकों को रायपुर भेजा जाएगा, मुख्यमंत्री ने कहा था, ‘उन्हें (नवनिर्वाचित विधायकों को) यहां तो नहीं लाया जाएगा, लेकिन हमें अपने साथियों को संभालकर रखना होगा. भाजपा कुछ भी कर सकती है.’

बघेल ने आम आदमी पार्टी (आप) को भाजपा की ‘बी टीम’ करार दिया. वहीं, विधायकों को चंडीगढ़ ले जाने की पुष्टि की थी.

इस बीच, एनडीटीवी के मुताबिक, कांग्रेस के हिमाचल प्रदेश प्रभारी राजीव शुक्ला ने पत्रकारों को बताया था कि विधायकों को चंडीगढ़ ले जाया जा सकता है, जो कि सिर्फ 90 किलोमीटर दूर है. साथ ही, उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस 40 से अधिक सीटें जीत लेती है तो भाजपा के खरीद-फरोख्त के प्रयास सफल नहीं होंगे.

कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री कौन होगा, इस पर बघेल ने कहा कि इसका फैसला आलाकमान करेगा.

छह बार की विधायक और कांग्रेस के मुख्यमंत्री पद की दावेदार पूर्व मंत्री आशा कुमारी हारीं

चुनावी सीटों के परिणामों की बात राज्य की बहुचर्चित डलहौजी सीट पर छह बार की कांग्रेस विधायक आशा कुमारी, भाजपा उम्मीदवार डीएस ठाकुर से 9,000 से अधिक मतों से हार गई हैं. कांग्रेस के विधानसभा चुनाव जीतने की स्थिति में आशा कुमारी मुख्यमंत्री पद के संभावित उम्मीदवारों में से एक थीं.

चंबा जिले की डलहौजी सीट उस समय चर्चा में आई थी, जब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के सहयोगी हर्ष महाजन भाजपा में शामिल हो गए और अपनी प्रतिद्वंद्वी आशा कुमारी के लिए स्थिति प्रतिकूल बना दी.

हर्ष महाजन पूर्व कांग्रेस नेता देसराज महाजन के पुत्र हैं, जो दो बार विधानसभा अध्यक्ष रहे और तीन बार डलहौजी सीट से विजयी हुए थे.

आशा कुमारी चंबा के पूर्व शाही परिवार से आती हैं और वह 1985 में पहली बार विजयी हुई थीं. उसके बाद वह 1993, 1998, 2003, 2012 और 2017 में पुन: निर्वाचित हुईं.

पंजाब की पूर्व कांग्रेस प्रभारी और पूर्व मंत्री आशा कुमारी ने 2012 में भाजपा प्रतिद्वंद्वी रेणु चड्डा को 7,365 मतों के अंतर से हराया था, लेकिन 2017 में ठाकुर के खिलाफ उनकी जीत का अंतर महज 556 मतों का रह गया था.

वहीं, भाजपा के बागी एवं निर्दलीय उम्मीदवार आशीष शर्मा ने हमीरपुर सीट पर जीत दर्ज कर ली है. शर्मा ने कांग्रेस उम्मीदवार पुष्पेंद्र वर्मा को 12,899 मतों के अंतर से मात दी.

राज्य सरकार के मंत्री रामलाल मारकंडा लाहौल और स्पीति सीट से हार गए हैं. मंत्री सुरेश भारद्वाज को कसुंपति से मौजूदा कांग्रेस विधायक अनिरुद्ध सिंह से हार का सामना करना पड़ा.

पांवटा साहिब विधानसभा सीट पर भाजपा उम्मीदवार एवं मंत्री सुखराम चौधरी ने जीत दर्ज कर ली है.

मंडी सदर सीट पर पूर्व केंद्रीय मंत्री सुखराम के बेटे एवं भाजपा उम्मीदवार अनिल शर्मा ने जीत दर्ज कर ली है. निर्वाचन आयोग के अनुसार, शर्मा ने कांग्रेस के अपने प्रतिद्वंद्वी चंपा ठाकुर को 10 हजार से अधिक मतों के अंतर से मात दी.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)