गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि पंजीकरण रद्द होने की तारीख़ से ऐसे एनजीओ तीन साल की अवधि के लिए पंजीकरण के पात्र नहीं होंगे. उन्होंने कहा कि तमिलनाडु में सर्वाधिक 755, महाराष्ट्र में 734, उत्तर प्रदेश में 635, आंध्र प्रदेश में 622 और पश्चिम बंगाल में 611 एनजीओ का पंजीकरण रद्द किया गया है.
नई दिल्ली: सरकार ने बुधवार को राज्यसभा में कहा कि 2017 से 2021 के बीच 6,677 गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) का एफसीआरए पंजीकरण रद्द किया गया.
गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि विदेशी चंदा (विनियमन) अधिनियम, 2010 (एफसीआरए, 2010) के विभिन्न प्रावधानों के उल्लंघन को लेकर इन गैर-सरकारी संगठनों का पंजीकरण रद्द कर दिया गया था.
राय ने कहा कि पंजीकरण रद्द होने की तारीख से ऐसे एनजीओ तीन साल की अवधि के लिए पंजीकरण के पात्र नहीं होंगे. उन्होंने कहा कि तमिलनाडु में 755, महाराष्ट्र में 734, उत्तर प्रदेश में 635, आंध्र प्रदेश में 622 और पश्चिम बंगाल में 611 एनजीओ का पंजीकरण रद्द किया गया.
इसके अलावा बिहार में 441, ओडिशा में 417, कर्नाटक में 375, तेलंगाना में 280, दिल्ली में 233, मणिपुर में 197, गुजरात में 186, मध्य प्रदेश में 180, केरल में 178, राजस्थान में 163 और झारखंड में 139 एनजीओ ऐसे रहे जिनका एसीआरए लाइसेंस रद्द कर दिया गया.
राय ने कहा कि राजीव गांधी फाउंडेशन (आरजीएफ) के एफसीआरए लाइसेंस को एफसीआरए, 2010 की धारा 11 के प्रावधानों और धारा 12(4)(क)(vi) के तहत पंजीकरण की शर्तों के उल्लंघन के कारण धारा 14 के तहत रद्द किया गया था.
उनके अनुसार, राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट (आरजीसीटी) के एफसीआरए लाइसेंस को एफसीआरए, 2010 की धारा
8(1)(क), 11, 17, 18 और 19 के प्रावधानों तथा धारा 12(4)(क)(vi) के तहत पंजीकरण की शर्तों के उल्लंघन के कारण एफसीआरए, 2010 की धारा 14 के तहत रद्द किया गया था.
मालूम हो कि बीते अक्टूबर माह में केंद्र ने कानून के उल्लंघन के आरोप में गांधी परिवार से जुड़े गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) राजीव गांधी फाउंडेशन (आरजीएफ) और राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट (आरजीसीटी) का विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) लाइसेंस रद्द कर दिया है.
यह कार्रवाई एक अंतर-मंत्रालयी समिति द्वारा की गई जांच के बाद हुई, जिसका गठन साल 2020 में गृह मंत्रालय द्वारा किया गया था, जब भाजपा ने आरोप लगाया था कि फाउंडेशन को पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के दूतावास से धन प्राप्त हुआ था.
25 जून, 2020 को सत्तारूढ़ भाजपा ने राजीव गांधी फाउंडेशन को मिले एक कथित दान पर सवाल उठाकर कांग्रेस पर निशाना साधा था. भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा था कि फाउंडेशन ने 2005-06 में पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना और चीनी दूतावास से 3,00,000 डॉलर लिए और यह चंदा ऐसी रिसर्च स्टडी के लिए प्राप्त किए गए, जो कि देशहित में नहीं थे.
लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन द्वारा जारी गतिरोध के संदर्भ में राहुल गांधी द्वारा पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व पर सवाल उठाने की पृष्ठभूमि में ये आरोप लगे थे. इसे लेकर जवाबी हमला करते हुए कांग्रेस ने कहा था कि पीएम केयर्स फंड ने कई चीनी कंपनियों से अनुदान प्राप्त किए हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)