जम्मू कश्मीर में 2022 में तीन कश्मीरी पंडितों सहित अल्पसंख्यक समुदायों के 14 लोग मारे गए: सरकार

गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा में कहा कि सरकार की आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति रही है और जम्मू कश्मीर में सुरक्षा की स्थिति में काफी सुधार हुआ है तथा आतंकवादी हमलों में काफी कमी आई है. इसके उलट बीते दिनों कश्मीर घाटी में काम कर रहे 56 कश्मीरी पंडितों के नाम लेते हुए आतंकी समूह द रेजिस्टेंस फ्रंट द्वारा जारी की गई एक ‘हिटलिस्ट’ से भयभीत समुदाय ने विरोध प्रदर्शन किया था.

कश्मीर में तैनात कर्मचारियों का उन्हें जम्मू भेजे जाने की मांग को लेकर प्रदर्शन. (फाइल फोटो: पीटीआई)

गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा में कहा कि सरकार की आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति रही है और जम्मू कश्मीर में सुरक्षा की स्थिति में काफी सुधार हुआ है तथा आतंकवादी हमलों में काफी कमी आई है. इसके उलट बीते दिनों कश्मीर घाटी में काम कर रहे 56 कश्मीरी पंडितों के नाम लेते हुए आतंकी समूह द रेजिस्टेंस फ्रंट द्वारा जारी की गई एक ‘हिटलिस्ट’ से भयभीत समुदाय ने विरोध प्रदर्शन किया था.

कश्मीर में तैनात कर्मचारियों का उन्हें जम्मू भेजे जाने की मांग को लेकर प्रदर्शन. (फाइल फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बुधवार को राज्यसभा में कहा कि इस साल जम्मू कश्मीर में तीन कश्मीरी पंडितों सहित अल्पसंख्यक समुदायों के कुल 14 लोग मारे गए हैं.

राय ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी. उन्होंने कहा, ‘जम्मू कश्मीर केंद्र शासित क्षेत्र में जनवरी, 2022 से 30 नवंबर, 2022 तक तीन कश्मीरी पंडितों सहित अल्पसंख्यक समुदायों के 14 लोग मारे गए हैं.’

उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में इस साल अब तक 123 आतंकवादी घटनाओं में 180 आतंकवादी, 31 सुरक्षाकर्मी और 31 नागरिक मारे गए हैं.

राय ने कहा कि सरकार की आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस (कतई बर्दाश्त नहीं करने) की नीति रही है और जम्मू कश्मीर में सुरक्षा की स्थिति में काफी सुधार हुआ है तथा आतंकवादी हमलों में काफी कमी आई है. उन्होंने कहा कि आतंकवादी हमलों की संख्या वर्ष 2018 में 417 थी जो 2021 में कम होकर 229 हो गई.

उन्होंने कहा कि कुछ मीडिया खबरों के अनुसार कश्मीरी पंडित संघर्ष समिति ने अपने लोगों की सुरक्षा चिंताओं का मुद्दा उठाया है और सरकार ने अल्पसंख्यकों के जीवन की रक्षा के लिए विभिन्न उपाय किए गए हैं.

सुरक्षा उपायों को बढ़ाने के कदमों पर गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि सक्रिय सुरक्षा व्यवस्था जिसमें पुलिस, सेना, सीएपीएफ और खुफिया एजेंसियां ​​शामिल हैं, जम्मू-कश्मीर में तैनात रहती हैं.

उन्होंने कहा कि आतंकवादियों को गिरफ्तार/बेअसर करना और उन्हें भगाना और सक्रिय कदम उठाना, जिसमें पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियां ​​मीडियाकर्मियों सहित लोगों के जीवन की रक्षा के लिए उचित स्तर की सुरक्षा प्रदान कर रही हैं.

राय ने कहा कि प्रधानमंत्री के विकास पैकेज के तहत कश्मीरी प्रवासियों के लिए 3,000 सरकारी नौकरियां सृजित की गई हैं, जिनमें से 2,639 लोगों को पिछले पांच वर्षों में नियुक्त किया गया है.

मालूम हो कि बीते 5 दिसंबर को प्रधानमंत्री पुनर्वास पैकेज के तहत कश्मीर घाटी में काम कर रहे 56 कश्मीरी पंडितों के नाम लेते हुए आतंकी समूह द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) द्वारा जारी की गई एक ‘हिटलिस्ट’ से भयभीत समुदाय ने विरोध प्रदर्शन कर कर्मचारियों के लीक हुए विवरणों की उच्च-स्तरीय जांच की मांग की थी.

लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े संगठन टीआरएफ के एक ब्लॉग में हाल ही में प्रधानमंत्री पुनर्वास पैकेज के तहत कार्यरत 56 कश्मीरी पंडित कर्मचारियों की एक सूची प्रकाशित करते हुए उन पर हमले की धमकी दी गई थी.

ज्ञात हो कि आतंकवादियों द्वारा निशाना बनाकर की जा रहीं हत्याओं (Targeted Killings) के बाद से घाटी में प्रधानमंत्री पुनर्वास पैकेज के तहत काम कर रहे अनेक कश्मीरी पंडित जम्मू जा चुके हैं और 200 से अधिक दिन से स्थान परिवर्तन की मांग के साथ प्रदर्शन कर रहे हैं. वे जम्मू स्थित पुनर्वास आयुक्त कार्यालय के बाहर डेरा डाले हैं.

गौरतलब है कि मई 2022 में कश्मीर में राहुल भट की हत्या के बाद से पिछले छह महीनों में प्रधानमंत्री पुनर्वास पैकेज के तहत कार्यरत कश्मीरी पंडित जम्मू में राहत आयुक्त कार्यालय में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.

16 अगस्त को शोपियां जिले में ही एक सेब के बगीचे में आतंकवादियों ने एक अन्य कश्मीरी पंडित की गोली मारकर हत्या कर दी थी. फायरिंग में उनका भाई भी घायल हो गया था. उक्त हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन अल बद्र की एक शाखा ‘कश्मीर फ्रीडम फाइटर्स’ ने ली थी.

इस घटना से 24 घंटे पहले एक और कश्मीरी पंडित पर हमला हुआ था. स्वतंत्रता दिवस वाले दिन बडगाम में एक घर पर ग्रेनेड फेंक दिया गया था, जिसमें करन कुमार सिंह नामक एक व्यक्ति घायल हो गया था.

उससे पहले 11 अगस्त को बांदीपुरा जिले में आतंकवादियों ने बिहार के एक प्रवासी मजदूर मोहम्मद अमरेज की गोली मारकर हत्या की थी.

जनवरी 2022 में एक पुलिसकर्मी की अनंतनाग में लक्षित हत्या (Targeted Killing) की गई थी. फरवरी 2022 में ऐसी कोई घटना नहीं हुई. वहीं, मार्च 2022 में सबसे अधिक सात ऐसी हत्याएं हुई, जिनमें पांच आम लोग और एक सीआरपीएफ का जवान शामिल है, जो छुट्टी पर शोपियां आया था, जबकि विशेष पुलिस अधिकारी (एसपीओ) की बडगाम में हत्या कर दी गई थी. इस हमले में एसपीओ के भाई की भी मौत हो गई थी.

अप्रैल 2022 में एक सरपंच सहित दो गैर-सैनिकों की हत्या की गई थी. वहीं, मई 2022 में आतंकवादियों ने पांच लोगों की लक्षित हत्या की, जिनमें दो पुलिसकर्मी और तीन आम नागरिक थे.

मई 2022 में आतंकवादियों द्वारा गए मारे गए आम नागरिकों में कश्मीरी पंडितों के लिए प्रधानमंत्री के विशेष पैकेज के तहत भर्ती सरकारी कर्मचारी राहुल भट, टीवी एंकर अमरीन भट और शिक्षिका रजनी बाला शामिल थीं.

जून 2022 में एक प्रवासी बैंक प्रबंधक और एक प्रवासी मजदूर की आतंकवादियों ने हत्या कर दी, जबकि एक पुलिस उपनिरीक्षक भी आतंकवादियों के हमले में मारे गए.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)