गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बुधवार को राज्यसभा में कहा कि श्रीनगर में स्थानीय समाचार पत्रों के लिए काम करने वाले आठ पत्रकारों को आतंकी ब्लॉग ‘कश्मीर फाइट’ के माध्यम से धमकी मिली है. चार मीडियाकर्मियों ने कथित तौर पर इस्तीफ़ा दे दिया है. इस्तीफ़ा देने वाले मीडियाकर्मी राइज़िंग कश्मीर मीडिया हाउस से ताल्लुक रखते हैं.
नई दिल्ली: गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बुधवार को राज्यसभा में कहा कि श्रीनगर में स्थानीय समाचार पत्रों के लिए काम करने वाले आठ पत्रकारों को आतंकी ब्लॉग ‘कश्मीर फाइट’ के माध्यम से धमकी मिली है.
राय ने एक सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी. उन्होंने कहा, ‘जैसा कि बताया गया है, श्रीनगर स्थित स्थानीय समाचार पत्रों के लिए काम करने वाले आठ पत्रकारों को आतंकी ब्लॉग ‘कश्मीर फाइट’ के माध्यम से धमकी मिली.’
उन्होंने कहा, ‘चार मीडियाकर्मियों ने कथित तौर पर इस्तीफा दे दिया है. इस्तीफा देने वाले मीडियाकर्मी राइजिंग कश्मीर मीडिया हाउस से ताल्लुक रखते हैं. इस संबंध में श्रीनगर के शेरगाड़ी थाने में मामला दर्ज किया गया है.’
राय ने कहा कि सरकार की नीति आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने (जीरो टालरेंस) की रही है और जम्मू कश्मीर में सुरक्षा की स्थिति में काफी सुधार हुआ है. उन्होंने कहा कि सरकार ने आतंकवादी खतरे व हमले से मीडियाकर्मियों सहित लोगों के जीवन की रक्षा के लिए कई कदम उठाए गए हैं.
उन्होंने कहा कि सक्रिय सुरक्षा व्यवस्था की गई है, जिसके तहत पुलिस, सेना व अन्य सुरक्षाकर्मी पूरे जम्मू और कश्मीर में तैनात रहते हैं, ताकि आतंकवादियों या उनके आकाओं (हैडलर) की ओर से किसी भी खतरे व प्रयास को विफल किया जा सके.
बता दे कि द वायर ने बीते नवंबर माह में बताया था कि ‘कश्मीर फाइट’ ब्लॉग द्वारा पत्रकारों को दी गई जान से मारने की धमकी, जो 12 नवंबर को टेलीग्राम और वॉट्सऐप प्लेटफॉर्म पर प्रसारित हुई, को लेकर कश्मीर में 19 जगह छापे मारे गए थे. इनमें ‘कश्मीर रीडर’ के मालिक हाजी हयात का आवास भी शामिल था. श्रीनगर का यह अंग्रेजी दैनिक विरोधात्मक संपादकीय नीति के लिए जाना जाता है.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, पुलिस ने पत्रकारों को मिली धमकियों के लिए पाकिस्तान के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और उसकी इकाई रिजिस्टेंस फ्रंट को जिम्मेदार ठहराया था.
ऑनलाइन पोस्ट के जरिये ‘कश्मीर के तीन मीडिया हाउस के कर्मचारियों को केंद्र सरकार समर्थित और भारतीय सेना द्वारा प्रायोजित’ होने और ‘फेक नैरेटिव फैलाने’ के लिए धमकी दी गई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि पत्रकार भारतीय सुरक्षा एजेंसियों का ‘सहयोग’ करते हैं.
इस धमकी के बाद इन मीडिया संगठनों से जुड़े पांच पत्रकारों ने इस्तीफा दे दिया था.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)