हिमाचल चुनाव परिणाम: केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के ज़िले की पांचों सीटें हारी भाजपा

हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा को केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के पैतृक ज़िले हमीरपुर की पांच में से एक भी विधानसभा सीट पर जीत नहीं मिली. ठाकुर के संसदीय क्षेत्र की कुल 17 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस ने 10 पर जीत हासिल की है, दो पर निर्दलीय उम्मीदवार जीते हैं.

हिमाचल प्रदेश के नैना देवी विधानसभा क्षेत्र में हुई एक चुनावी जनसभा में केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर. (फोटो साभार: फेसबुक/@official.anuragthakur)

हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा को केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के पैतृक ज़िले हमीरपुर की पांच में से एक भी विधानसभा सीट पर जीत नहीं मिली. ठाकुर के संसदीय क्षेत्र की कुल 17 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस ने 10 पर जीत हासिल की है, दो पर निर्दलीय उम्मीदवार जीते हैं.

 

हिमाचल प्रदेश के नैना देवी विधानसभा क्षेत्र में हुई एक चुनावी जनसभा में केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर. (फोटो साभार: फेसबुक/@official.anuragthakur)

नई दिल्ली/शिमला: हिमाचल प्रदेश की हार के बीच भाजपा के लिए एक बड़ा झटका यह रहा कि पार्टी केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के पैतृक जिले हमीरपुर की पांच में से एक भी विधानसभा सीट नहीं जीत सकी.

अनुराग के पिता और दो बार हिमाचल के मुख्यमंत्री रहे प्रेम कुमार धूमल को इस बार भाजपा ने टिकट नहीं दिया था और शायद यह बात उनके समर्थकों को नागवार गुजरी. 2017 के चुनावों में हमीरपुर के सुजानपुर से धूमल की हार के चलते उन्हें टिकट से इनकार किया गया था. तब वह भाजपा की तरफ से सीएम उम्मीदवार थे.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, चुनाव के लिए हिमाचल में काफी समय बिता चुके अनुराग ठाकुर ने हमीरपुर जिले में बड़े पैमाने पर प्रचार किया. जिले के समीरपुर गांव में धूमल परिवार का पुश्तैनी घर है. तीन बार के सांसद 78 वर्षीय धूमल भी पार्टी के चुनावी अभियान में शामिल रहे थे.

भाजपा के चुनावी घोषणापत्र के जारी होने से ठीक पहले इंडियन एक्सप्रेस के साथ एक साक्षात्कार में धूमल ने कहा था कि उन्होंने पार्टी को सुझाव दिया था कि उसे कम से कम चतुर्थ श्रेणी के सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना की वापसी की घोषणा करनी चाहिए.

ऐसा माना जा रहा है कि सभी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना वापस लागू करने का वादा कांग्रेस की जीत के कारणों में से एक है.

अपने प्रचार अभियान में ठाकुर ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की वन रैंक वन पेंशन योजना, सेना के लिए बुलेट-प्रूफ जैकेट के स्वदेशी निर्माण, रफाल विमान के साथ-साथ जम्मू और कश्मीर में मोदी सरकार द्वारा संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने जैसे मुद्दों पर बात की थी, लेकिन चुनावी नतीजे दिखाते हैं कि मतदाता इससे प्रभावित नहीं हुए.

हमीपुर की पांच विधानसभा सीटों में से एक सुजानपुर पर कांग्रेस के मौजूदा विधायक राजिंदर सिंह ने 399 मतों से जीत दर्ज की है. कांग्रेस के सुरेश कुमार ने 60 मतों के मामूली अंतर से भोरंज सीट जीती, जिसमें धूमल का पैतृक गांव समीरपुर पड़ता. नादौन में कांग्रेस के उम्मीदवार और उसके प्रमुख सीएम दावेदारों में से एक सुखविंदर सुक्खू जीते हैं.

हमीरपुर विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस के उम्मीदवार पुष्पिंदर वर्मा और कांग्रेस के बागी आशीष शर्मा, जिन्होंने निर्दलीय रूप से चुनाव लड़ा था, के बीच दिलचस्प मुकाबला हुआ, जिसमें शर्मा 12,899 मतों से जीते. बड़सर सीट  पर जिले में सबसे अधिक जीत का अंतर देखा गया, जहां कांग्रेस के इंदर दत्त लखनपाल ने 13,792 मतों से जीत हासिल की.

इसी तरह, अनुराग ठाकुर के संसदीय क्षेत्र में कुल 17 विधानसभा सीटें हैं. इनमें से कांग्रेस ने 10 पर जीत हासिल की है, दो पर निर्दलीय उम्मीदवार जीते हैं. भाजपा को केवल पांच सीट मिली हैं.

उल्लेखनीय है कि कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश में 68 सदस्यीय विधानसभा में 40 सीट जीतकर 43.90 प्रतिशत वोट हासिल किया है. पिछले विधानसभा चुनावों के मुकाबले कांग्रेस का वोट प्रतिशत बढ़ा है.

43 फीसदी वोट हासिल करने के बावजूद भाजपा केवल 25 सीट जीतने में सफल रही. विधानसभा चुनाव में तीन निर्दलीय उम्मीदवार भी विजयी हुए.

भाजपा और कांग्रेस ने सभी 68 सीट पर चुनाव लड़ा था, जबकि आम आदमी पार्टी (आप) ने 67 सीट पर, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने 53 और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने 11 सीट पर अपने उम्मीदवार उतारे थे.

आप अपना खाता खोलने में विफल रही, जबकि माकपा भी कोई सीट नहीं जीत पाई और ठियोग से उसके मौजूदा विधायक भी हार गए.

चार संसदीय क्षेत्रों में से तीन में भी भाजपा को झटका

भाजपा को हिमाचल प्रदेश के शिमला, हमीरपुर और कांगड़ा संसदीय क्षेत्रों के अंतर्गत आने वाले विधानसभा क्षेत्रों में करारा झटका लगा है.

हालांकि, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की लोकप्रियता ने भाजपा को मंडी निर्वाचन क्षेत्र में विधानसभा क्षेत्रों में जीत हासिल करने में मदद की. पिछले साल मंडी लोकसभा सीट जीतने वाली कांग्रेस को यहां झटका लगा और वह 17 में से केवल पांच सीटें ही जीत सकी.

मंडी संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले 17 विधानसभा क्षेत्रों में रामपुर (एससी), किन्नौर (एसटी), लाहौल और स्पीति (एसटी), भरमोर (एसटी), मनाली, कुल्लू, बंजार, अन्नी (एससी), करसोग (एससी), सुंदरनगर, नाचन (एससी), सेराज, दरंग, जोगिंदरनगर, मंडी, बल्ह (एससी) और सरकाघाट शामिल हैं.

शिमला संसदीय क्षेत्र में भाजपा का लगभग सूपड़ा साफ हो गया और वह केवल तीन सीटें जीत सकी जबकि कांग्रेस ने 13 सीटों पर जीत दर्ज की और एक सीट पर एक निर्दलीय ने जीत हासिल की.

निर्वाचन क्षेत्र में अर्की, नालागढ़, दून, सोलन (एससी), कसौली (एससी), पच्छाद (एससी), नाहन, श्री रेणुकाजी, (एससी), पांवटा, शिलाई, चौपाल, ठियोग, कुसुम्पटी, शिमला (शहरी), शिमला (ग्रामीण) शामिल हैं. जुब्बल-कोटखाई और रोहरू (एससी) विधानसभा सीटों पर सेब पर 100 प्रतिशत आयात शुल्क और पैकेजिंग सामग्री पर 18 प्रतिशत जीएसटी के साथ उत्पादन लागत में वृद्धि प्रमुख चुनावी मुद्दे थे.

हमीरपुर संसदीय क्षेत्र को कैबिनेट में प्रतिनिधित्व नहीं दिए जाने और पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल को किनारे कर दिए जाने से भी जनता नाखुश थी. इसकी कीमत भाजपा को भारी पड़ी और इस संसदीय क्षेत्र की 17 विधानसभा सीटों में से 13 पर कांग्रेस और निर्दलीयों ने जीत हासिल की.

हमीरपुर संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली विधानसभा सीटें धरमपुर, देहरा, ज्वालामुखी, भोरंज (एससी), सुजानपुर, हमीरपुर, बरसर, नादौन, चिंतपूर्णी (एससी), गगरेट, हरोली, ऊना, कुटलेहड़, घुमारवीं, बिलासपुर, श्री नैना देवी जी और जनदत्ता (एससी) हैं.

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, कांगड़ा संसदीय क्षेत्र में जनता से संपर्क न होना और टिकट आवंटन में ब्राह्मणों की अनदेखी, जो क्षेत्र के 20-21 फीसदी मतदाता हैं, मतदाताओं को रास नहीं आया.

17 विधानसभा सीटों के साथ, कांगड़ा हिमाचल चुनाव में निर्णायक कारक है और मंडी जिले में विकास कार्य केंद्रित होने के कारण लोग नाराज थे. इस संसदीय क्षेत्र में कांग्रेस और भाजपा को क्रमश: 11 और छह सीटें मिली.

कांगड़ा लोकसभा क्षेत्र में चुराह (एससी), चंबा, डलहौजी, भट्टियात, नूरपुर, इंदौरा (एससी), फतेहपुर, ज्वाली, जसवां-परागपुर, जयसिंहपुर, सुलह, नगरोटा, कांगड़ा, शाहपुर, धर्मशाला, पालमपुर और बैजनाथ (एससी) विधानसभा शामिल हैं.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)