चुनाव आयोग के एक अधिकारी ने बताया है कि लगभग 95 करोड़ पंजीकृत मतदाताओं में से, 55 से 56 करोड़ मतदाता स्वेच्छा से मतदाता पहचान पत्र से जोड़ने के लिए अपना आधार विवरण प्रदान कर चुके हैं.
नई दिल्ली: चुनाव आयोग के अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि भारत के आधे से अधिक मतदाताओं ने अब तक अपने वोटर आईडी के साथ अपने आधार नंबर को जोड़ दिया है. यह 1 अगस्त को शुरू हुए भारतीय चुनाव आयोग के विशेष अभियान के तहत हुआ है.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, एक अधिकारी ने कहा कि लगभग 95 करोड़ पंजीकृत मतदाताओं में से 55 से 56 करोड़ मतदाता पहले ही स्वेच्छा से मतदाता पहचान पत्र (ईपीआईसी) से जोड़ने के लिए अपना आधार विवरण प्रदान कर चुके हैं.
गौरतलब है कि देश में मतदाताओं की सही संख्या 5 जनवरी 2023 को ज्ञात होगी, जब मतदाता सूची का रिवीजन के बाद प्रकाशन होगा. चुनाव आयोग के अधिकारी ने बताया कि मतदाता सूची में चल रहे संशोधन में डुप्लिकेट प्रविष्टियों को हटाना शामिल है.
चुनाव आयोग ने अभियान की शुरुआत 1 अगस्त से की थी. यह फैसला पिछले साल सरकार द्वारा जनप्रतिनिधित्व कानून, 1950 में संशोधन करने के बाद लिया गया था. सरकार ने संशोधन करते हुए आयोग को एक फॉर्म, फॉर्म 6बी, के जरिये पंजीकृत मतदाताओं की आधार संख्या को एकत्र करने के लिए सक्षम बनाया था.
30 दिसंबर 2021 को अधिसूचित अधिनियम 1 अगस्त से प्रभाव में आया था. सरकार ने 1 अप्रैल 2023 को मतदाताओं द्वारा अपना आधार विवरण प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि के रूप में अधिसूचित किया है.