हिमाचल प्रदेश के नादौन से चार बार के विधायक सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद कहा कि वह पहली कैबिनेट बैठक में पुरानी पेंशन योजना लागू करेंगे. देश में छत्तीसगढ़ और राजस्थान के बाद यह तीसरा राज्य है, जहां कांग्रेस की सरकार होगी.
शिमला: चार बार के विधायक सुखविंदर सिंह सुक्खू ने रविवार को शिमला में एक समारोह के दौरान हिमाचल प्रदेश के 15वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. समारोह में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाद्रा समेत कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शामिल हुए.
राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान में 58 वर्षीय सुक्खू के साथ ही निवर्तमान विधानसभा में विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री (60 वर्ष) को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई. अग्निहोत्री राज्य के पहले उप-मुख्यमंत्री होंगे.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने जनता को 10 गारंटियां दी हैं और हम उन्हें लागू करेंगे. हम पारदर्शी और ईमानदार सरकार देंगे. हम पहली कैबिनेट बैठक में पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) लागू करेंगे.
Shimla | We've given 10 guarantees and we will implement them. We will give transparent and honest govt. We will implement OPS (Old Pension Scheme) in the first cabinet meeting: Himachal Pradesh CM Sukhwinder Singh Sukhu pic.twitter.com/YAAN9zMeRy
— ANI (@ANI) December 11, 2022
जमीनी स्तर के नेता और बस चालक के बेटे सुक्खू का मुख्यमंत्री पद तक पहुंचना प्रदेश कांग्रेस में पीढ़ीगत बदलाव का संकेत है. राज्य की राजनीति में लंबे समय तक पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह का वर्चस्व रहा.
देशभर में छत्तीसगढ़ और राजस्थान के बाद यह तीसरा राज्य है, जहां कांग्रेस की सरकार होगी. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ ही कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे भी इस समारोह में शामिल हुए.
पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, हिमाचल प्रदेश के लिए कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह और वरिष्ठ नेता सचिन पायलट भी शपथ ग्रहण समारोह में उपस्थित रहे.
शपथ ग्रहण समारोह को देखने के लिए पांरपरिक वेशभूषा पहने लोग बड़ी संख्या में रिज मैदान में एकत्र हुए. उन्होंने लोक संगीत की धुनों पर नृत्य किया और ‘सुक्खू भाई जिंदाबाद’ के नारे लगाए.
शपथ ग्रहण समारोह में सुक्खू की मां, पत्नी और बेटियों समेत परिवार के सदस्य शामिल हुए.
मुख्यमंत्री के रूप में उनके नाम की घोषणा के तुरंत बाद सुखविंदर सिंह सुक्खू ने एक स्वच्छ और ईमानदार सरकार का वादा किया था. उन्होंने कहा था कि पार्टी द्वारा जनता से किए गए वादों को पूरा करना उनकी जिम्मेदारी है.
उन्होंने कहा था, हम केवल सत्ता में रहने के लिए नहीं बल्कि सत्ता को सुरक्षित करना चाहते थे. हम सिस्टम को बदलना चाहते हैं. मुझे कुछ समय दे. हमें नई व्यवस्था और नई सोच लाने के लिए कड़ी मेहनत और संघर्ष करने की जरूरत है.
राज्य मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री समेत अधिकतम 12 मंत्री हो सकते हैं.
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस सरकार के गठन ने पार्टी में नई ऊर्जा पैदा की है. उन्होंने कहा, ‘जब पहाड़ों से बदलाव की हवा चलती है, तो वह मैदानों तक जाती है.’
सुक्खू को मुख्यमंत्री बनाया जाना इस बात के तौर पर देखा जा रहा है कि कांग्रेस एक आम कार्यकर्ता को शीर्ष पद दे रही है और पार्टी के शक्ति केंद्र को ऊपरी हिमाचल से निचले हिमाचल तक स्थानांतरित कर रही है.
सुक्खू को पार्टी के दिग्गज नेता वीरभद्र सिंह का आलोचक माना जाता था, जिन्होंने पांच दशक से अधिक समय तक हिमाचल प्रदेश की राजनीति पर अपना दबदबा कायम रखा था. सिंह का पिछले साल निधन हो गया था.
वह हमीरपुर जिले के नादौन के रहने वाले हैं और हिमाचल के निचले क्षेत्र के पहले कांग्रेस नेता हैं, जो इस शीर्ष पद तक पहुंचे हैं. इस क्षेत्र में नालागढ़, ऊना, हमीरपुर, कांगड़ा और कुल्लू के निचले इलाके आते हैं.
वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रेम कुमार धूमल के बाद हमीरपुर जिले से दूसरे मुख्यमंत्री हैं.
हिमाचल सड़क परिवहन निगम में एक चालक के बेटे सुक्खू ने अपने राजनीतिक करिअर की शुरुआत गवर्नमेंट कॉलेज संजौली में कक्षा प्रतिनिधि के तौर पर की थी. वह एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष, युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष, हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भी रहे.
प्रतिभा सिंह के समर्थकों ने सुक्खू के नाम पर अपना विरोध दर्ज कराया था और कहा था कि मंडी से सांसद उनकी नेता को मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए. बहरहाल, सिंह ने बाद में कहा कि उन्होंने पार्टी आलाकमान के फैसले को स्वीकार कर लिया है.
कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव में 68 में से 40 सीट पर जीत हासिल की है.
सुखविंदर सिंह सुक्खू: छात्र राजनीति से उभरे नेता के हाथों में अब हिमाचल प्रदेश की कमान
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं चार बार के विधायक सुखविंदर सिंह सुक्खू छात्र राजनीति से उभरकर पार्टी में विभिन्न पदों पर रहते हुए आज हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पद तक पहुंचे हैं.
सुक्खू एक सामान्य परिवार से संबंध रखते हैं. उनके पिता सड़क परिवहन निगम में चालक के पद पर कार्यरत थे. सुक्खू अपने शुरुआती दिनों में छोटा शिमला में दूध का काम किया करते थे.
छह बार मुख्यमंत्री रहे वीरभद्र सिंह के साथ अकसर टकराव होने के बावजूद सुक्खू 2013 से 2019 तक रिकॉर्ड छह साल तक पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष बने रहे.
हाल में संपन्न विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से सत्ता छीनने के बाद सुक्खू और प्रतिभा सिंह दोनों ने मुख्यमंत्री पद के लिए दावा पेश किया था.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के करीबी माने जाने वाले और कांग्रेस प्रचार समिति के प्रमुख रहे नादौन सीट से विधायक सुक्खू को शनिवार को सर्वसम्मति से कांग्रेस विधायक दल का नेता चुना गया था.
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि पार्टी आलाकमान का सुक्खू पर विश्वास तभी जाहिर हो गया था, जब उन्हें कांग्रेस चुनाव प्रचार समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था और बड़ी संख्या में उनके समर्थकों को पार्टी का टिकट मिला था.
उन्होंने कहा कि प्रदेश कांग्रेस प्रमुख के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने संगठन को मजबूत किया और कार्यकर्ताओं तथा विधायकों के साथ उनके तालमेल ने उन्हें मुख्यमंत्री पद का प्रबल दावेदार बना दिया.
राज्य की 68 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के पास 40 विधायक हैं. राज्य में विधानसभा चुनाव 12 नवंबर को हुआ था और नतीजों की घोषणा बृहस्पतिवार (8 दिसंबर) को की गई. जुलाई 2021 में वीरभद्र सिंह के निधन के बाद से राज्य में यह पहला चुनाव था.
सुक्खू कांग्रेस से संबद्ध नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) की राज्य इकाई के महासचिव थे. उन्होंने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से एमए और एलएलबी की थी.
जमीनी स्तर पर काम करते हुए वह दो बार शिमला नगर निगम के पार्षद चुने गए थे.
उन्होंने 2003 में नादौन से पहली बार विधानसभा चुनाव जीता और 2007 में सीट बरकरार रखी, लेकिन 2012 में वह चुनाव हार गए थे. इसके बाद 2017 और 2022 में उन्होंने फिर से जीत दर्ज की.
हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस का ब्राह्मण चेहरा हैं पत्रकार से राजनीतिज्ञ बने मुकेश अग्निहोत्री
पत्रकार से नेता बने मुकेश अग्निहोत्री हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस का ब्राह्मण चेहरा हैं और अब उपमुख्यमंत्री के पद पर उनकी पदोन्नति के साथ पार्टी को उम्मीद है कि ब्राह्मण समुदाय का समर्थन उसे मिलना जारी रहेगा.
निवर्तमान विधानसभा में विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री मुख्यमंत्री पद की दौड़ में आगे रहे लोगों में से एक थे, लेकिन सुखविंदर सिंह सुक्खू को मुख्यमंत्री पद के लिए और मुकेश अग्निहोत्री को उनके उपमुख्यमंत्री के रूप में चुना है.
ऊना जिले के हरोली से पांच बार विधायक रहे अग्निहोत्री कांग्रेस परिवार से ताल्लुक रखते हैं. उनके पिता ओंकार शर्मा ने जिला जनसंपर्क अधिकारी (डीपीआरओ) के पद से सेवानिवृत्त होने के बाद 1988 में कांग्रेस के टिकट पर संतोकगढ़ (अब हरोली) से विधानसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन वह हार गए थे.
जनसंपर्क और विज्ञापन में पीजी डिप्लोमा करने वाले मुकेश अग्निहोत्री ने हिंदी दैनिक ‘वीर प्रताप’ में एक संवाददाता के रूप में पत्रकारिता में अपना करिअर शुरू किया था और राजनीति में आने से पहले वह ‘जनसत्ता’ अखबार में ब्यूरो प्रमुख के पद पर रहे.
मुकेश अग्निहोत्री ने 2003, 2007, 2012, 2017 और 2022 में हरोली से विधानसभा चुनाव जीता. पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के करीबी माने जाने वाले अग्निहोत्री राज्य के उद्योग मंत्री के रूप में कार्य कर चुके हैं. वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद उन्हें विपक्ष का नेता बनाया गया था.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)