गुजरात चुनाव राउंडअप: गुजरात चुनाव में राहुल गांधी का निशाना नोटबंदी और जीएसटी. अहमद पटेल ने कहा, राष्ट्रवाद पर केवल भाजपा का ही ठेका नहीं है.
नई दिल्ली: कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को गुजरात के जम्बुसर में अार्थिक नीतियों के लिए मोदी सरकार को आड़े हाथ लिया. उन्होंने विश्व बैंक की उस रिपोर्ट को खारिज कर दिया जिसमें बताया गया है कि भारत में कारोबार में आसानी का स्तर सुधरा है. उन्होंने वित्त मंत्री अरुण जेटली से कहा कि वास्तविकता को समझने के लिए वह छोटे कारेाबारियों मुलाकात करें.
दक्षिण गुजरात के तीन दिवसीय दौरे के पहले दिन राहुल ने काले धन के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि नोटबंदी ने देश की अर्थव्यवस्था को तबाह करके रख दिया.
केंद्र और गुजरात की भाजपा सरकार पर हमला करते हुए राहुल ने अपनी जनसभा में जीएसटी, जातिगत राजनीति और कॉरपोरेट का पक्ष लेने जैसे विस्तृत मुद्दों पर अपनी बात रखी.
विश्व बैंक की रिपोर्ट को जारी किए जाने के एक दिन बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली पर निशाना साधते हुए राहुल गांधी ने कहा, जेटलीजी ने कहा है कि कुछ विदेशी संगठनों ने यह प्रमाणित किया है कि भारत कारोबार सुगमता में काफी सुधार कर रहा है.
‘खुद को खुश रखने के लिए ये ख्याल अच्छा है’
राहुल ने कहा कि वित्त मंत्री को छोटे एवं मझोले कारोबारियों से पांच से 10 मिनट के लिए मुलाकात करनी चाहिए और यह पूछना चाहिए क्या हकीकत में कारोबार सुगमता में सुधार हुआ है.
राहुल ने कहा, समूचा देश चीख चीखकर यही कहेगा कि कारोबार सुगमता नदारद है. आपने इसे बर्बाद किया है, आपकी नोटबंदी और जीएसटी ने इसे बर्बाद कर दिया है.
इससे पहले दिन में राहुल ने गालिब की शायरी का सहारा लेते हुए ट्वीट किया, ‘सबको मालूम है ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की हकीकत, लेकिन खुद को खुश रखने के लिए डॉ. जेटली ये ख्याल अच्छा है.
विश्व बैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार कारोबार सुगमता की इस साल की रैंकिंग में भारत का स्थान 130 से 100 पर पहुंच गया है और ऐसा कर में सुधार, लाइसेंसीकरण, निवेशकों का संरक्षण और दिवाला मामलों के समाधान जैसे कुछ सुधारों की मदद से हो पाया.
‘स्विस बैंक में खाते रखने वाले कितने लोग जेल में हैं’
काले धन के मुद्दे पर राहुल ने दावा किया कि मोदी यह समझ नहीं पाए कि काले धन का एक बड़ा हिस्सा स्वर्ण, भूमि के रूप में है या स्विस बैंक में सुरक्षित है.
राहुल ने कहा, पिछले वर्ष आठ नवंबर को मोदीजी ने 500 रुपये और 1000 रुपये के नोटों पर पाबंदी लगा दी. छोटे कारेाबारियों, दुकानदारों और किसानों का सारा लेनदेन नकद में होता है. वो कोई चोर नहीं हैं. उनका पैसा काला धन नहीं है. लेकिन मोदीजी यह नहीं समझ पाए कि सारा नकद काला धन नहीं होता और सारा काला धन नकद में नहीं होता.
उन्होंने कहा, वे स्विस बैंक खातों के बारे में बहुत बात करते हैं. अब वह बीते तीन वर्षों से सत्ता में हैं. आप मुझे बताइए कि स्विस बैंक में खाते रखने वाले कितने लोग जेल में हैं. मुझे एक आदमी का नाम बता दीजिए जिसे मोदीजी ने जेल भेजा हो.
राहुल ने कहा कि नोटबंदी से छोटे कारोबारी, कर्मचारी, किसान और छोटे व्यापारी प्रभावित हुए हैं जो नकद में ही लेनदेन करते हैं. उनके फैसले ने हमारी अर्थव्यवस्था को तबाह कर दिया. नोटबंदी से जीडीपी दो फीसदी तक घट गई.
‘पूरा देश दुखी है’
राहुल ने कहा कि पूरा देश दुखी है लेकिन प्रधानमंत्री यह स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं कि नोटबंदी एक बड़ी गलती थी. जीएसटी को लागू करने को लेकर मोदी पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने इसे गब्बर सिंह टैक्स कहा क्योंकि इसने गरीब नागरिकों से उनका मेहनत से कमाया पैसा छीन लिया.
उन्होंने कहा कि कारोबारियों को हर महीने तीन फॉर्म भरने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. जीएसटी के कारण छोटे उद्योगों को भारी घाटा उठाना पड़ा. राहुल ने वहां उपस्थित जनता को संबोधित करते हुए कहा कि गुजरात ही ऐसा राज्य है, जहां कोई भी वर्ग खुश नहीं है.
गांधी ने कहा, गुजरात में कोई भी समुदाय खुश नहीं है. केवल पांच से दस प्रभावशाली कारोबारियों को ही कोई शिकायत नहीं है. उन्होंने कहा, नैनो संयंत्र के लिए टाटा मोटर्स को जितनी राशि ऋण में दी गई वह गुजरात के किसानों का कर्ज माफ करने के लिए पर्याप्त थी.
कांग्रेस के उपाध्यक्ष ने कहा, गुजरात के किसान गुहार लगा रहे हैं. वे खेती के ऋण से छूट चाहते हैं. मोदीजी गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब टाटा नैनो को 33,000 करोड़ रुपये का ऋण दिया. वह कंपनी को आपकी जमीन भी दे सकते हैं. सरकार इस 33,000 करोड़ रुपये की राशि से आप सभी का ऋण माफ कर सकती थे.
‘कंपनियों को ज्यादा पैसा देकर भी आपको कुछ नहीं मिलता’
राहुल ने कहा, हालांकि मोदीजी ने कंपनी को इतना अधिक पैसा दिया है, लेकिन आपको मुश्किल से ही सड़कों पर नैनो कार दिखाई देगी. यह मोदीजी का गुजरात मॉडल है, जहां कंपनियों को ज्यादा पैसा देने के बावजूद आपको वापस कुछ भी नहीं मिलता है.
गांधी ने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे मुख्य क्षेत्र भी कारोबारियों को उपहार में दे दिए गए. उन्होंने, मोदी के मेक इन इंडिया अभियान पर बात करते हुए कहा कि सरकार का पूरा ध्यान पांच से दस ऐसे कारोबारियों पर लगा है, जिन्हें जमीन, पानी और बिजली जैसी सारी सुविधाएंं मिली हुई हैं.
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया, चीन प्रतिवर्ष 50,000 लोगों को रोजगार उपलब्ध कराता है, जबकि भारत, मोदीजी के मेक इन इंडिया अभियान के तहत रोज 450 लोगों को रोजगार दे रहा है. केवल गुजरात में 30 लाख से ज्यादा लोग बेरोजगार हैं. यह इसलिए हो रहा है, क्योंकि सबकुछ केवल पांच से दस कारोबारियों के लिए किया जा रहा है.
‘हमें राष्ट्रवाद, देशभक्ति नहीं सिखा सकते’
कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने बुधवार को कहा कि राष्ट्रवाद पर केवल भाजपा का ही ठेका नहीं है. साथ ही उन्होंने सत्तारूढ़ दल के इन आरोपों से इनकार किया कि गुजरात के एक अस्पताल से उनके गहरे संबंध हैं जहां आईएसआईएस का एक कथित आतंकवादी काम करता था.
आईएसआईएस का कथित आतंकवादी गिरफ्तारी से पहले अंकलेर शहर के सरदार पटेल अस्पताल में लैबोरेटरी टेक्नीशियन के तौर पर काम करता था जहां पटेल न्यासी हैं. गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने इस मुद्दे पर पटेल से संसद से इस्तीफा देने की मांग की.
इस आरोप पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार ने कहा कि राज्यसभा में उनका निर्वाचन भाजपा के आंखों की किरकिरी बन गया है.
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की मौजूदगी में यहां एक जनसभा को संबोधित करते हुए पटेल ने कहा, जब उन्हें समस्या आती है तो वे राष्ट्रवाद और संप्रदायवाद की बात करते हैं. हाल में मुख्यमंत्री ने मेरे बारे में कुछ कहा जिस पर उन्हें शर्मिंदा होना चाहिए.
उन्होंने कहा, जिस तरीके से उन्होंने कहानी बुनी, लगता है कि राष्ट्रवाद का पूरा ठेका उन्हीं के पास है. केवल वे ही राष्ट्रवादी हैं, कोई और नहीं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस और इसके नेताओं ने देश के लिए कई कुर्बानियां दी हैं.
उन्होंने कहा, महात्मा गांधी से कुर्बानियां शुरू हुईं जो स्वतंत्रता के बाद इंदिरा जी, राजीव जी ने भी कुर्बानियां दीं. पार्टी के कई कार्यकर्ता और नेता आतंकवाद का शिकार बने… आप हमें राष्ट्रवाद, देशभक्ति नहीं सिखा सकते.
पटेल ने कहा, आप आतंकवाद से नहीं लड़ सकते. आपने कांधार अफगानिस्तान में आतंकवादियों को सौंप दिया. आप आतंकवाद से कैसे लड़ रहे हैं. उनका इशारा तत्कालीन राजग सरकार की तरफ था जिसने 1999 में इंडियन एयरलाइंस के विमान आईसी 814 के अपहरण के दौरान यात्रियों की रिहाई के बदले आतंकवादियों को छोड़ दिया था.
चुनाव आयोग ने रेलवे समयसारिणी के प्रकाशन से रेलवे को रोका
चुनाव आयोग ने रेल मंत्रालय को गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के मद्देनजर दोनों राज्यों के लिए नयी रेलगाड़ियां शुरू करने और रेलवे की प्रकाशित होने वाली संशोधित समय सारिणी का प्रचार करने की अनुमति नहीं दी है.
रेल मंत्रालय को चुनाव आयोग द्वारा पिछले सप्ताह भेजे गए पत्र में एक नवंबर से प्रभावी होने वाली नई समय सारिणी ट्रेन्स एट ए ग्लांस का प्रकाशन करने की तो अनुमित दी गई है लेकिन इसका किसी भी माध्यम से प्रचार करने से मना किया है.
रेल मंत्रालय के सूत्रों की मानें तो लंबी दूरी की तमाम रेलगाड़यों का यात्रा समय कम करने के लिए इनकी गति में इजाफा किए जाने के कारण लगभग 700 रेलगाड़ियों के आगमन और प्रस्थान समय में बदलाव हुआ है. इसके अलावा कई एक्सप्रेस रेलगाड़ियों को सुपरफास्ट का दर्जा दिए जाने के कारण ट्रेन नंबर में बदलाव भी हुआ है.
रेलगाड़ियों के समय और संख्या में बदलाव को एक नवंबर से लागू करने से पहले मंत्रालय ने आयोग से नई समय सारिणी के प्रचार प्रसार की अनुमति मांगी थी. मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि आयोग से इसकी अनुमित नहीं मिलने के कारण रेल मंत्रालय अब संशोधित समय सारिणी का प्रचार प्रसार नहीं कर सकेगा.
आयोग के पत्र में मंत्रालय को चुनाव वाले दोनों राज्यों के लिए नई रेलगाड़ियां शुरू नहीं करने की स्पष्ट ताकीद की गई है. आयोग ने चुनाव आचार संहिता लागू रहने तक इन राज्यों के लिए नई रेलगाड़ियों का औपचारिक उद्घाटन करने से बचने को कहा है.
मोदी दो नवंबर को जाएंगे गुजरात
गुजरात में विधानसभा चुनाव के प्रचार के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो नवंबर को गांधीनगर के अक्षरधाम मंदिर के रजत जयंती कार्यक्रम में शामिल होंगे. मोदी ने गत सप्ताह चुनाव की तारीखों की घोषणा से पहले अपने गृह राज्य में कई परियोजनाओं का शुभारंभ किया था. बोचासनवासी श्रीअक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था ने मोदी के दौरे की घोषणा की है.
इसके भाजपा के प्रमुख रणनीतिकार माने जाने वाले शाह चार और नौ नवंबर के बीच अलग-अलग जिलों के भाजपा नेताओं के साथ बैठकें करेंगे. गुजरात में 182 विधानसभा सीटों के लिए 9 और 14 दिसंबर को दो चरणों में चुनाव होंगे. वोटों की गिनती 18 दिसंबर को होगी.
कांग्रेस की एक विज्ञप्ति के अनुसार, राहुल गांधी भी कांग्रेस की नवसर्जन गुजरात यात्रा के हिस्से के तौर पर एक से तीन नवंबर तक दक्षिण गुजरात के आदिवासी बहुल कई गांवों और शहरों का दौरा करेंगे.
जिग्नेश मेवानी राहुल गांधी से नहीं मिल रहे हैं
गुजरात के दलित नेता जिग्नेश मेवानी ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मिलने से जुड़ी खबरों को गलत करार दिया. उन्होंने कहा कि अगर वह गांधी से मिलते भी हैं तो उनका उद्देश्य दलित समुदाय को लेकर कांग्रेस के रुख के बारे में जानकारी हासिल करना होगा, ना कि किसी तरह का व्यक्तिगत लाभ प्राप्त करना होगा.
कांग्रेस नेता से उनकी संभावित मुलाकात से जुड़ी अटकलों के बीच एक फेसबुक पोस्ट में मेवानी ने मंगलवार को कहा, मैं मीडिया के अपने मित्रों से आग्रह करना चाहता हूं कि वे यह झूठी खबर साझा नहीं करें कि आज मैं राहुल गांधी से मिलने वाला हूं.
उन्होंने अपने पोस्ट में कहा, अगर मैं राहुल गांधी या किसी और नेता से मिलता हूं तो उसका उद्देश्य मेरे व्यक्तिगत लाभ से जुड़ा हुआ नहीं होगा बल्कि दलितों समुदाय को लेकर कांग्रेस के रुख के बारे में जानकारी हासिल करना होगा, जिसको लेकर सूबे की भाजपा सरकार बात करने को तैयार नहीं है. मैं किसी से गुप्त तरीके से क्यों मिलूंगा?
कांग्रेस ने भी कहा कि राहुल गांधी के तीन दिवसीय गुजरात दौरे के दौरान मेवाणी और उनके बीच बातचीत की अभी कोई योजना नहीं है. पार्टी प्रवक्ता मनीष दोषी ने कहा, जहां तक कांग्रेस का सवाल है, गांधी की मेवानी से मुलाकात की कोई योजना नहीं है.
भाजपा से मुकाबले के लिए किसानों को एकजुट करेंगे: किसान सभा
भाकपा संबद्ध अखिल भारतीय किसान सभा ने बुधवार को कहा कि वह गुजरात में किसानों के साथ विचार-विमर्श करने के बाद अगले महीने राज्य विधानसभा चुनावों में भाजपा से मुकाबले के लिए रणनीति बनाएगी.
सभा के नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार की कथित किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ बुधवार से राजधानी में पांच दिवसीय धरना आयोजित कर रही किसान सभा ने अपना संघर्ष समूचे देश और खासकर विधानसभा चुनावों में भाजपा को हराने के लिए गुजरात में ले जाने का संकल्प लिया है.
किसान सभा के महासचिव अतुल अंजान ने कहा, हम गुजरात में किसानों के साथ चर्चा कर रहे हैं. वहां किसान कह रहे हैं कि भाजपा ने उनके लिए कुछ नहीं किया है. हम उनके साथ चुनावों के लिए अपनी रणनीति पर फैसला करेंगे.
संगठन गुजरात के खेरू समुदाय से संपर्क में है और एक साथ विभिन्न क्षेत्रों के किसानों को एक साथ लाने के लिए कोशिशें हो रही हैं. संगठन ने कहा कि केंद्र के खिलाफ पांच दिवसीय धरना के लिए देश भर से सैकड़ों किसान दिल्ली आए हैं. सभा ने आरोप लगाया कि सरकार लगातार किसानों को नजरंदाज कर रही है क्योंकि वह करोड़पतियों के लिए उनकी जमीनें लेना चाहती है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)