ईडी निदेशक के तीसरे सेवा विस्तार के ख़िलाफ़ याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से जवाब मांगा

बीते दिनों केंद्र सरकार ने ईडी निदेशक संजय कुमार मिश्रा का कार्यकाल तीसरी बार बढ़ाया था, जबकि सुप्रीम कोर्ट पहले ही कह चुका था कि उन्हें और सेवा विस्तार नहीं दिया जाएगा. इसके ख़िलाफ़ कांग्रेस नेता जया ठाकुर ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि इससे देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया नष्ट हो रही है. 

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संजय कुमार मिश्रा. (फोटो साभार ट्विटर/IRS Association)

बीते दिनों केंद्र सरकार ने ईडी निदेशक संजय कुमार मिश्रा का कार्यकाल तीसरी बार बढ़ाया था, जबकि सुप्रीम कोर्ट पहले ही कह चुका था कि उन्हें और सेवा विस्तार नहीं दिया जाएगा. इसके ख़िलाफ़ कांग्रेस नेता जया ठाकुर ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि इससे देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया नष्ट हो रही है.

संजय कुमार मिश्रा. (फोटो साभार ट्विटर/IRS Association)

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के प्रमुख संजय कुमार मिश्रा को तीसरी बार सेवा विस्तार दिए जाने को चुनौती देने वाली याचिका पर सोमवार को केंद्र और अन्य से जवाब मांगा.

जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस विक्रमनाथ की पीठ ने कांग्रेस नेता जया ठाकुर द्वारा दायर याचिका पर भारत संघ, केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) और ईडी निदेशक को नोटिस जारी किया.

पीठ ने कहा, ‘नोटिस जारी किया जाए, जिसका छह सप्ताह में जवाब दिया जाए.’

याचिका में केंद्र सरकार पर राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ प्रवर्तन एजेंसियों का दुरुपयोग कर लोकतंत्र के ‘बुनियादी ढांचे’ को नष्ट करने का आरोप लगाया गया है.

अधिवक्ता वरुण ठाकुर और शशांक रत्नू के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया है, ‘प्रतिवादी संख्या-2 (मिश्रा) के कार्यकाल का विवादित विस्तार हमारे देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया को नष्ट कर रहा है, इसलिए याचिकाकर्ता द्वारा वर्तमान रिट याचिका दायर की गई है, जिसे कृपया न्याय के हित में अनुमति दी जा सकती है.’

कांग्रेस नेता जया ठाकुर ने कहा कि शीर्ष अदालत ने एक विशिष्ट आदेश पारित किया था कि मिश्रा को और कोई विस्तार नहीं दिया जाएगा, लेकिन केंद्र ने उन्हें 17 नवंबर 2021 से 17 नवंबर 2022 तक दूसरा विस्तार दिया, जिसके बाद उन्होंने एक याचिका दायर की, जिस पर एक नोटिस जारी किया गया था.

इसमें कहा गया है, ‘उपरोक्त रिट याचिका के लंबित रहने के दौरान प्रतिवादी संख्या-1 (केंद्र) ने फिर से 18 नवंबर 2022 से 18 नवंबर 2023 तक प्रतिवादी संख्या-2 को तीसरा सेवा विस्तार दिया, जो दर्शाता है कि प्रतिवादी संख्या-1 का कानून के शासन के प्रति कोई सम्मान नहीं है.’

गौरतलब है कि जस्टिस एसके कौल ने ईडी निदेशक के लिए पांच साल तक सेवा विस्तार की अनुमति देने वाले संशोधित कानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई से 18 नवंबर को खुद को अलग कर लिया था. यह घटनाक्रम मिश्रा को ईडी प्रमुख के रूप में एक साल का नया सेवा विस्तार दिए जाने के एक दिन बाद हुआ.

इस मामले को लेकर कांग्रेस नेताओं रणदीप सिंह सुरजेवाला और जया ठाकुर तथा तृणमूल कांग्रेस की महुआ मोइत्रा और साकेत गोखले द्वारा दायर कई याचिकाएं पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए आई थीं.

आधिकारिक आदेश के अनुसार, केंद्र सरकार ने भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) अधिकारी के पद पर मिश्रा को एक साल के लिए तीसरा सेवा विस्तार दिया था.

सरकार द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है कि 1984 बैच के आईआरएस अधिकारी 18 नवंबर 2023 तक पद पर रहेंगे.

62 वर्षीय संजय कुमार मिश्रा को पहली बार 19 नवंबर 2018 को दो साल के लिए ईडी का निदेशक नियुक्त किया गया था. बाद में 13 नवंबर 2020 को केंद्र सरकार ने एक आदेश के माध्यम से उनके नियुक्ति-पत्र को पूर्वव्यापी प्रभाव से संशोधित किया और उनके दो साल के कार्यकाल को तीन साल में बदल दिया.

सरकार ने साल 2021 में एक अध्यादेश जारी किया था, जिसके तहत ईडी और सीबीआई प्रमुखों का कार्यकाल दो साल की अनिवार्य अवधि के बाद तीन साल तक बढ़ाया जा सकता है.

केंद्र ने पांच सितंबर को शीर्ष अदालत से कहा था कि ईडी प्रमुख को दिए गए विस्तार और पांच साल तक ऐसे विस्तार की अनुमति देने वाले संशोधित कानून को चुनौती देने वाली कुछ राजनीतिक नेताओं की याचिकाएं ‘दबाव की रणनीति’ हैं.

शीर्ष अदालत ने तब वरिष्ठ अधिवक्ता केवी विश्वनाथन को याचिकाओं से निपटने में सहायता करने के लिए न्याय मित्र नियुक्त किया था.

उल्लेखनीय है कि संजय कुमार मिश्रा विपक्ष के नेताओं के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के कई मामलों को भी देख रहे हैं. 2020 में उनके सेवा विस्तार के समय द वायर ने एक रिपोर्ट में बताया था कि कम से कम ऐसे 16 मामले, जो विपक्ष के विभिन्न दलों के नेताओं से जुड़े हुए हैं, मिश्रा की अगुवाई में ईडी उनकी जांच कर रही है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)