बीते मार्च महीने में टीएमसी नेता भादू शेख़ की हत्या के बाद पश्चिम बंगाल के बीरभूम ज़िले के बोगतुई गांव में हुई हिंसा और आगज़नी में कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई थी. इस मामले में बीते चार दिसंबर को मुख्य आरोपी ललन शेख़ को गिरफ़्तार किया गया था, जिसका शव रामपुरहाट स्थित एक अतिथि गृह में बने सीबीआई के अस्थायी कार्यालय में मिला है.
कोलकाता: पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के बोगतुई गांव में आगजनी और हिंसा का मुख्य आरोपी रामपुरहाट में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा स्थापित एक अस्थायी कार्यालय में सोमवार को ‘फंदे से लटकता’ पाया गया. केंद्रीय एजेंसी के एक सूत्र ने यह जानकारी दी.
मार्च में स्थानीय तृणमूल नेता भादू शेख की हत्या के बाद हुई इस घटना में कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई थी. मामले के मुख्य आरोपी ललन शेख को पश्चिम बंगाल-झारखंड सीमा पर एक स्थान से बीते चार दिसंबर को गिरफ्तार किया गया था.
सीबीआई सूत्र ने कहा कि आरोपी का शव कार्यालय के शौचालय में मिला था. एजेंसी ने रामपुरहाट में एक अतिथि गृह में अस्थायी कार्यालय स्थापित किया है. हालांकि, उसके परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया कि उसकी ‘मौत प्रताड़ना से हुई’, जो उसे सीबीआई हिरासत में दी गई थी.
हिरासत में प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए ललन के परिवार ने दावा किया कि उसकी हत्या की गई है. उन्होंने इसके जिम्मेदार अधिकारियों को सजा देने की मांग की. मौत की खबर सुनते ही मृतक के परिजन व परिजन सोमवार शाम रामपुरहाट मेडिकल कॉलेज पहुंच गए थे.
सीबीआई सूत्र ने बताया, ‘बोगतुई हिंसा के मुख्य आरोपी का शव हमारे अस्थायी शिविर, अतिथि गृह के शौचालय में सोमवार शाम लगभग 4:30 बजे फंदे से लटकता मिला. हमने पुलिस को सूचित कर दिया है और सभी आवश्यक प्रक्रियाओं का पालन किया जा रहा है.
21 मार्च 2022 को टीएमसी नियंत्रित बरसाल ग्राम पंचायत के उप-प्रमुख भादू शेख गांव के पास एक बम हमले में मारे गए थे. हत्या के अगले दिन हुई आगजनी और हिंसा में कम से कम 10 लोग मारे गए थे.
मामले में सीबीआई की चार्जशीट के अनुसार, स्थानीय टीएमसी नेता अनारुल हुसैन की साजिश के तहत हत्या के बाद जवाबी हमला किया गया, जिसमें कई घरों में आग लगा दी गई, जिसमें कई लोगों की जलकर मौत हो गई थी.
कोलकाता हाईकोर्ट की पीठ ने इस मामले में स्वत: संज्ञान लिया था. इस घटना की सीबीआई या राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) द्वारा जांच कराने की मांग वाली जनहित याचिकाओं पर भी अदालत ने स्वत: संज्ञान याचिका के साथ सुनवाई की थी और 24 मार्च को मामले की जांच सीबीआई से कराने का आदेश दिया था.
ललन को भादू शेख का करीबी माना जाता था. कलकत्ता हाईकोर्ट द्वारा सीबीआई को भादू शेख की हत्या और बोगतुई हिंसा दोनों की जांच करने के लिए कहने के बाद एजेंसी ने 25 मार्च को 22 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था.
ललन शेख के परिवार के सदस्यों ने मामले की जांच की मांग करते हुए दावा किया कि सीबीआई हिरासत में शेख को ‘बुरी तरह से पीटा गया.’
ललन की बड़ी बहन ने पत्रकारों से कहा, ‘मेरे भाई को कुछ दिन पहले (जांच के तहत) हमारे गांव लाया गया था. उसने हमें बताया था कि सीबीआई अधिकारी हिरासत में उसकी पिटाई करते हैं. वह मरने से डर रहा था. हम उन सीबीआई अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई चाहते हैं, जो मेरे भाई की मौत के लिए जिम्मेदार हैं.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, ललन की पत्नी ने आरोप लगाया कि उनकी हत्या की गई है. ललन की चाची समसुनहर बीबी ने मीडियाकर्मियों से बातचीत में कहा, ‘सीबीआई कर्मचारियों ने उसे इतनी बेरहमी से पीटा कि वह ठीक से खड़ा भी नहीं हो सका. उसे पानी तक नहीं पीने दिया जाता था. हम उसकी हत्या के लिए सीबीआई के लोगों के लिए सजा चाहते हैं.’
गिरफ्तारी के बाद ललन को एक अदालत में पेश किया गया, जिसने उन्हें छह दिनों के लिए सीबीआई रिमांड पर भेज दिया था. मंगलवार को फिर से उन्हें कोर्ट में पेश किए जाने की संभावना थी.
सीबीआई की ओर से इस संबंध में अब तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है. संपर्क करने पर बीरभूम जिले के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि जल्द ही जांच शुरू की जाएगी.
उन्होंने कहा, ‘मौत के पीछे का कारण अभी भी स्पष्ट नहीं है. हमें सीबीआई ने सोमवार शाम लगभग 4:40 बजे मौत के बारे में सूचित किया था. हम मामले को देखेंगे.’
भाजपा टीएमसी के बीच आरोप-प्रत्यारोप
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, ललन की मौत में भाजपा की संलिप्तता की ओर इशारा करते हुए टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा, ‘(विपक्ष के नेता) शुभेंदु अधिकारी ने कुछ दिन पहले 12 दिसंबर का उल्लेख किया था. क्या यह वही ‘बम’ था, जिसके बारे में वह बात कर रहे थे? यह भाजपा नेता हैं जो भविष्यवाणी करते हैं कि किसे और कब तलब किया जाएगा.’
उन्होंने कहा, ‘हालांकि हमें सीबीआई पर पूरा भरोसा है, लेकिन सवाल उठेंगे, क्योंकि भाजपा एजेंसी का इस्तेमाल कर रही है. इस घटना की पूरी तरह से जांच होनी चाहिए.’
भाजपा के वरिष्ठ नेता राहुल सिन्हा ने कहा, ‘घटना की जांच होनी चाहिए, ताकि यह पता लगाया जा सके कि यह आत्महत्या है या साजिश. आखिरकार यह टीएमसी है, जो ललन शेख की मौत से राजनीतिक रूप से लाभान्वित होगी.’
इस बीच ललन की मौत के विरोध में एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ डेमोक्रेटिक राइट्स के सदस्यों ने कोलकाता के निजाम पैलेस में सीबीआई कार्यालय के बाहर प्रदर्शन करने की बात कही है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)