मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह ने अर्णब गोस्वामी के ख़िलाफ़ दायर मानहानि वाद वापस लिया

मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने साल 2021 में टीवी पत्रकार अर्णब गोस्वामी और रिपब्लिक टीवी के मालिकों के ख़िलाफ़ मानहानि वाद दायर कर कथित रूप से उन्हें बदनाम करने के लिए 90,00,000 रुपये की क्षतिपूर्ति मांगी थी. उन्होंने आरोप लगाया था कि अर्णब ने कथित टीआरपी हेराफेरी मामले में रिपब्लिक टीवी के अपने समाचार शो में कई झूठे और अपमानजनक बयान दिए थे.

Maharashtra ADG Param Bir Singh with Pune's Additional CP Shivaji Bodke (L)Dr.Shivaji Pawar(R) adressed a press conference about the house arrest of rights activists in Bhima Koregaon case, at DGP office, in Mumbai on Friday.(PTI )
मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह. (फाइल फोटो: पीटीआई)

मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने साल 2021 में टीवी पत्रकार अर्णब गोस्वामी और रिपब्लिक टीवी के मालिकों के ख़िलाफ़ मानहानि वाद दायर कर कथित रूप से उन्हें बदनाम करने के लिए 90,00,000 रुपये की क्षतिपूर्ति मांगी थी. उन्होंने आरोप लगाया था कि अर्णब ने कथित टीआरपी हेराफेरी मामले में रिपब्लिक टीवी के अपने समाचार शो में कई झूठे और अपमानजनक बयान दिए थे.

Maharashtra ADG Param Bir Singh with Pune's Additional CP Shivaji Bodke (L)Dr.Shivaji Pawar(R) adressed a press conference about the house arrest of rights activists in Bhima Koregaon case, at DGP office, in Mumbai on Friday.(PTI )
मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह. (फाइल फोटो: पीटीआई)

मुंबई: मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने बुधवार को टीवी पत्रकार अर्णब गोस्वामी और रिपब्लिक टीवी के स्वामित्व वाली कंपनी ‘एआरजी आउटलायर मीडिया’ के खिलाफ दायर मानहानि वाद वापस ले लिया.

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश वीडी केदार ने मुकदमा वापस लेने की अनुमति दी, लेकिन परमबीर सिंह पर 1,500 रुपये की मामूली लागत भी अधिरोपित की और यह राशि अर्णब गोस्वामी को दी जाएगी.

न्यायाधीश ने कहा, ‘यह स्पष्ट है कि मुकदमा दायर करने के कारण प्रतिवादी को एक वकील को शामिल करना पड़ता. मुझे लगता है कि मुकदमा बिना शर्त वापस लेने के लिए लागत अधिरोपित करने की जरूरत है.’

परमबीर सिंह ने 2021 में अर्णब गोस्वामी और रिपब्लिक टीवी के मालिकों के खिलाफ मानहानि वाद दायर किया था और कथित रूप से उन्हें बदनाम करने के लिए 90,00,000 रुपये की क्षतिपूर्ति मांगी थी.

जब मामला बुधवार को सुनवाई के लिए आया तो परमबीर सिंह के वकील ने मुकदमा वापस लेने की मांग करते हुए एक अर्जी दी.

अर्णब की ओर से पेश अधिवक्ता प्रदीप गांधी ने कहा कि उन्हें कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन यह गलत नहीं समझा जाना चाहिए कि हमने मामले को अदालत के बाहर सुलझा लिया है.

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, परमबीर सिंह ने मानहानि संबंधी अपने मुकदमे में दावा किया था कि अक्टूबर 2020 में अर्णब गोस्वामी ने कथित टीआरपी (टेलीविजन रेटिंग पॉइंट्स) हेराफेरी के संबंध में रिपब्लिक टीवी पर प्रसारित अपने समाचार शो में कई ‘झूठे और अपमानजनक’ बयान दिए थे.

उस समय टीआरपी हेराफेरी मामले की मुंबई पुलिस जांच कर रही थी.

याचिका में कहा गया था कि अर्णब के शो के ‘लहजे’ से पता चल रहा था कि परमबीर सिंह ‘द्वेष और प्रतिशोध’ की भावना से प्रेरित थे और यह झूठा दावा किया गया था कि वह उन्हें (अर्णब) ‘परेशान’, डराने और पीड़ित करने के लिए अपनी आधिकारिक स्थिति का दुरुपयोग कर रहे थे.

मुकदमे के अपने जवाब में अर्णब और एआरजी आउटलायर ने कहा था कि मुकदमा चलने योग्य नहीं है, क्योंकि परमबीर सिंह अब मुंबई के पुलिस कमिश्नर नहीं थे.

अर्णब के जवाब में दावा किया गया था कि परमबीर सिंह गंभीर आरोपों का भी सामना कर रहे हैं और कथित टीआरपी घोटाले की पूरी जांच उनकी और उस समय की ‘राजनीतिक व्यवस्था’ के इशारे पर की गई थी, जो ‘दागी और दुर्भावना से भरी’ हुई थी.

जवाब में कहा गया था कि परमबीर द्वारा महाराष्ट्र के (तत्कालीन) मुख्यमंत्री (उद्धव ठाकरे) को 20 मार्च, 2021 को लिखे गए आठ पन्नों के पत्र में स्वीकार किया गया है कि जांच को राजनीतिक दिशा में निर्देशित किया जा रहा है.

साल 2020 में मुंबई पुलिस ने एक कथित रैकेट की जांच की थी, जहां कुछ टीवी चैनलों पर अपनी टीआरपी में हेरफेर करने और उसे बढ़ाने का आरोप लगाया गया था.

परमबीर सिंह को मार्च 2021 में मुंबई के पुलिस कमिश्नर पद से हटा दिया गया था. मुंबई पुलिस के बर्खास्त अधिकारी सचिन वझे को उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के पास विस्फोटकों के साथ एक एसयूवी की बरामदगी के सिलसिले में गिरफ्तार किए जाने के बाद यह कार्रवाई की गई थी.

इसके बाद परमबीर सिंह ने तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे एक पत्र में आरोप लगाया था कि (तत्कालीन) गृह मंत्री अनिल देशमुख ने मुंबई में पुलिस को बार और रेस्तरां से एक महीने में 100 करोड़ रुपये इकट्ठा करने के लिए कहा था. देशमुख ने आरोपों से इनकार किया था, लेकिन जल्द ही अपने पद से हट गए थे.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)