जम्मू कश्मीर: सैन्य शिविर के पास दो नागरिक मृत पाए गए, लोगों ने सेना पर हत्या का आरोप लगाया

जम्मू कश्मीर के राजौरी स्थित एक सैन्य शिविर के पास की घटना. शिविर के गेट के पास शुक्रवार सुबह गोलियों से छलनी दो नागरिकों के शव मिले थे. स्थानीय लोगों का आरोप है कि उन पर सेना के एक जवान ने गोलियां चलाई हैं, जबकि सेना ने आरोपों को ख़ारिज करते हुए इसे आतंकवादी कृत्य बताया है. पुलिस ने केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है.

Rajouri locals demonstrate against the death of two civilians whose bullet-riddled bodies were found outside an Army camp. Photo: Video screengrab

जम्मू कश्मीर के राजौरी स्थित एक सैन्य शिविर के पास की घटना. शिविर के गेट के पास शुक्रवार सुबह गोलियों से छलनी दो नागरिकों के शव मिले थे. स्थानीय लोगों का आरोप है कि उन पर सेना के एक जवान ने गोलियां चलाई हैं, जबकि सेना ने आरोपों को ख़ारिज करते हुए इसे आतंकवादी कृत्य बताया है. पुलिस ने केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है.

राजौरी में हत्याओं के विरोध में किया गया विरोध प्रदर्शन. (फोटो: वीडियो स्क्रीनग्रैब)

श्रीनगर: जम्मू कश्मीर प्रशासन ने दो नागरिकों की हत्या के बाद सेना के खिलाफ जांच शुरू कर दी है, जिनकी गोलियों से छलनी शव राजौरी जिले में एक सैन्य शिविर के बाहर शुक्रवार (16 दिसंबर) की सुबह बरामद किए गए थे.

दो स्थानीय लोगों शलिंदर कुमार और कमल किशोर, की रहस्यमय तरीके से हत्या के बाद गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने राजौरी के फल्याना क्षेत्र स्थित सेना के शिविर का दरवाजा तोड़ने की कोशिश की.

गौरतलब है कि दोनों लोगों के शव इलाके के आर्मी टीसीपी अल्फा गेट के बाहर मिले थे, यह घटना 16 दिसंबर की सुबह की है, जब गोलियों की आवाज से स्थानीय निवासियों की नींद खुल गई थी और कुछ मिनट बाद ही शव मिले थे.

जम्मू कश्मीर पुलिस ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 (हत्या), 307 (हत्या का प्रयास) व 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना) और शस्त्र अधिनियम (हथियार का इस्तेमाल करने की सजा) की धारा 7/27 के तहत राजौरी पुलिस स्टेशन (एफआईआर संख्या 645/2022) में मामला दर्ज किया है.

गोलीबारी में घायल तीसरे व्यक्ति की पहचान उत्तराखंड निवासी 39 वर्षीय अनिल कुमार के रूप में हुई है. उनका राजौरी जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है. अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. महमूद हुसैन बजर ने द वायर को बताया, ‘उनकी हालत स्थिर है.’

स्थानीय निवासियों का कहना है कि मारे गए लोग गरीब परिवारों के हैं और कई सालों से इलाके के एक सैन्य अस्पताल में काम कर रहे थे.

नाम न छापने की शर्त पर एक स्थानीय व्यक्ति ने बताया, ‘रोज की तरह वे सुबह कैंटीन जा रहे थे जब गोलियां चलीं. उस समय अंधेरा था और जब हम बाहर आए तो देखा कि वे लोग सड़क पर खून से लथपथ पड़े थे. (आर्मी टीसीपी अल्फा) गेट के पास के 10-15 खाली कारतूस भी मिले हैं.’

हत्या की खबर से दहशत और गुस्सा फैल गया. पीड़ितों के परिवारों के साथ महिलाओं समेत सैकड़ों आक्रोशित स्थानीय लोग सैन्य शिविर के बाहर जमा हो गए.

सेना पर हत्याओं में शामिल होने का आरोप लगाते हुए लोगों ने शवों के साथ प्रदर्शन किया. उन्होंने पुंछ-राजौरी राजमार्ग को अस्थायी रूप से बंद करते हुए सड़क के बीचों-बीच आग लगा दी. इस दौरान इंसाफ की मांग के लिए नारे भी लगाए गए.

(फोटो: वीडियो स्क्रीनग्रैब)

विरोध स्थल से संबंधित एक वीडियो में एक दर्जन से अधिक दुखी और पीड़ित महिलाओं को एक कंबल में लिपटे एक युवक के शव के चारों ओर घूमते हुए दिखाया गया है. इसके साथ ही उन्हें न्याय दिलाने के नारे सुनाई दे रहे हैं.

इस बीच, स्थानीय लोगों और सैनिकों के बीच भी बहस होने लगी और कुछ लोगों ने सेना के शिविर में दरवाजे से घुसने की कोशिश की. उनकी मांग थी कि उस संतरी (पहरेदार) को पेश किया जाए, जिस पर उन्होंने गोली चलाने का आरोप लगाया था.

एक प्रत्यक्षदर्शी ने द वायर को बताया, ‘सेना के शिविर पर पथराव भी किया गया. जवाब में सुरक्षा बलों ने आंसू गैस के गोले छोड़े और प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए हवा में फायरिंग भी की.’

सेना ने आरोपों को नकारा

हालांकि, सेना ने आरोपों को खारिज किया है. सेना की ह्वाइट नाइट कोर ने अपने आधिकारिक हैंडल से एक ट्वीट में कहा, ‘राजौरी में सुबह के समय सैन्य अस्पताल के पास अज्ञात आतंकवादियों द्वारा की गई गोलीबारी में दो व्यक्तियों की मौत हुई है. पुलिस, सुरक्षाबलों और नागरिक प्रशासन के अधिकारी स्थल पर हैं.’

इस दौरान, सेना के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग के अलावा स्थानीय लोगों ने पीड़ित परिवारों के लिए नकद मुआवजे और उनके परिजनों के लिए सरकारी नौकरी की भी मांग की.

एक अन्य स्थानीय नागरिक ने सवाल किया, ‘वे गरीब थे. जो भी कमाते थे, खुद का और परिवार का पेट पालने में खर्च कर देते थे. उनकी क्या गलती थी? अगर सुबह की सैर के लिए निकलने वाले लोगों के साथ भी ऐसी ही घटना हो जाए तो कौन जिम्मेदार होगा?’

सूत्रों ने बताया कि इलाके में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जाएंगी. जिला प्रशासन ने मृतकों के परिजनों को एक-एक लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की भी घोषणा की है.

स्थानीय लोगों ने दावा किया कि सेना ने एक लिखित वचन दिया है कि वह मृतकों के बच्चों की शिक्षा में सहायता करेगी. द वायर इसकी स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं कर सका है.

इस बीच, पुलिस उप-महानिरीक्षक (डीआईजी) हसीब मुगल का कहना है कि प्रशासन ने स्थानीय लोगों को आश्वासन दिया है कि मामले की निष्पक्ष तरीके से जांच की जाएगी.

सैन्य शिविर के बाहर प्रदर्शन का एक दृश्य. (फोटो: वीडियो स्क्रीनग्रैब)

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘सुबह की घटना के संबंध में एफआईआर दर्ज की गई है. हम पेशेवर तरीके से निष्पक्ष जांच का आश्वासन देते हैं. पुलिस गोलीबारी के बाद सबसे पहले घटनास्थल पर पहुंची और घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया.’

दोनों मृतकों की उम्र उन्होंने करीब 30 साल बताई है.

25-इन्फैंट्री डिवीजन के डिप्टी जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जीओसी) ब्रिगेडियर एस. मलिक ने इस घटना को ‘अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण’ करार दिया और कहा कि दोषी पाए जाने वालों को कानून के मुताबिक सजा दी जाएगी.

मलिक ने प्रदर्शनकारियों से कहा, ‘सेना जांच में पुलिस की पूरी मदद करेगी. जहां तक ​​पीड़ित परिवारों को मुआवजे की बात है, हम उनकी मदद करेंगे, क्योंकि सेना यहां लोगों की मदद और सुरक्षा के लिए है.’

इस बीच, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा, ‘दुखद है कि सेना की कथित गोलीबारी के कारण दो निर्दोष लोगों की जान चली गई. दोषियों को दंडित करने और न्याय सुनिश्चित करने के लिए निष्पक्ष जांच की जानी चाहिए.’

वहीं, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जम्मू कश्मीर इकाई के अध्यक्ष रविंद्र रैना ने कहा कि वह इस मुद्दे को उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के समक्ष उठाएंगे. उन्होंने पीड़ित परिवारों को घटना की निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया.

उन्होंने कहा, ‘यह एक गंभीर घटना है और मैंने संबंधित सेना, पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों से बात की है जिन्होंने आश्वासन दिया है कि इसकी जांच की जाएगी और दोषियों को दंडित किया जाएगा.’

ये हत्याएं ऐसे समय में हुई हैं जब राजौरी में हाल के वर्षों में आतंकवाद फिर से सिर उठाने लगा है. इस साल अगस्त में जिले के दरहल में एक सैन्य शिविर पर आत्मघाती हमले में सेना के पांच जवानों की मौत हो गई थी. बाद में जैश-ए-मोहम्मद संगठन के दो फिदायीन हमलावरों को मार गिराया गया था.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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