हिमाचल में 158 करोड़पति उम्मीदवार, 61 पर आपराधिक और 31 पर हत्या-अपहरण के आरोप

हिमाचल प्रदेश चुनाव राउंडअप: भाजपा नेता और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, हिमाचल कांग्रेस लाफिंग क्लब बन गई है.

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हिमाचल प्रदेश चुनाव राउंडअप: भाजपा नेता और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, हिमाचल कांग्रेस लाफिंग क्लब बन गई है.

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हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी.(फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली/शिमला: हिमाचल प्रदेश में नौ नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए मुकाबले में कुल 158 करोड़पति उम्मीदवार हैं जबकि 61 ने अपने खिलाफ आपराधिक मामलों की घोषणा की है. चुनाव और राजनीतिक सुधारों को लेकर काम करने वाली संस्था एडीआर ने अपनी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी है.

हिमाचल प्रदेश इलेक्शन वाच एंड एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने सभी 338 उम्मीदवारों की ओर से दिए गए हलफनामे का विश्लेषण किया है.

दिल्ली स्थित एडीआर ने एक रिपोर्ट में कहा है, 338 उम्मीदवारों का विश्लेषण किया गया, जिनमें से 158 उम्मीदवार यानी 47 प्रतिशत करोड़पति हैं. इस साल हिमाचल प्रदेश विधानसभा का चुनाव लड़ रहे प्रति उम्मीदवार की औसत संपत्ति 4.07 करोड़ रुपये है.

पार्टी के आधार पर कांग्रेस के 68 में 59 उम्मीदवार, भाजपा के 68 में से 47, बसपा के 42 में से छह, माकपा के 14 में तीन, भाकपा के तीन में एक और 112 निर्दलीय में 36 ने एक करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति घोषित की है.

सबसे ज्यादा संपत्ति वाले उम्मीदवारों में 90 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति के साथ भाजपा के बलवीर सिंह वर्मा शीर्ष पर हैं. इसके बाद 84 करोड़ रुपये से अधिक संपत्ति के साथ कांग्रेस के विक्रमादित्य सिंह का नाम है.

एडीआर की रिपोर्ट में आगे कहा गया है, विश्लेषित किए गए 338 उम्मीदवारों में 61 यानी 18 प्रतिशत ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं. साथ ही 31 यानी 9 प्रतिशत ने गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं. कांग्रेस से छह, भाजपा से 23, बसपा से तीन, माकपा से 10 और 16 निर्दलीय ने अपने-अपने हलफनामे में आपराधिक मामलों की घोषणा की है.

एडीआर और इलेक्शन वाच की विश्लेषण रिपोर्ट के अनुसार कांग्रेस के कुल 68 उम्मीदवारों में से छह, भाजपा के 68 उम्मीदवारों में से 23, बसपा के 42 उम्मीदवारों में से तीन, माकपा के 14 उम्मीदवारों में से 10 और 112 निर्दलीय उम्मीदवारों में से 16 उम्मीदवारों ने अपने पर आपराधिक मामले चलने की घोषणा की है.

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शिमला में हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए विजन डाक्यूमेंट जारी करते मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह व अन्य पार्टी नेता. (फोटो: पीटीआई)

इसी प्रकार कांग्रेस के तीन, भाजपा के नौ, बसपा के दो, माकपा के नौ और कुल छह निर्दलीय उम्मीदवारों ने अपने पर गंभीर अपराधिक मामले घोषित किये हैं, जिसमें हत्या, हत्या का प्रयास और अपहरण जैसे मामले शामिल हैं.

हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव-2017 में दो निर्वाचन क्षेत्र ऐसे हैं, जहां राजनीतिक दलों के तीन अथवा तीन से अधिक उम्मीदवारों ने अपने पर आपराधिक मामले घोषित किए हैं.

प्रदेश में कुल 55 उम्मीदवारों ने पांच करोड़ रुपये अथवा इससे अधिक की संपत्ति घोषित की है, जो इस चुनाव के कुल उम्मीदवारों का 16 प्रतिशत है. दो करोड़ से पांच करोड़ की संपत्ति वाले कुल 16 प्रतिशत उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं, जबकि 10 लाख से कम संपत्ति वाले उम्मीदवारों की संख्या 53 है, जो कुल उम्मीदवारों का 16 प्रतिशत है.

उल्लेखनीय है कि 68 सदस्यीय हिमाचल प्रदेश विधानसभा के लिए नौ नवंबर को चुनाव होगा और परिणाम 18 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे.

भाजपा की सरकार बनाएं, तभी कांग्रेस को सबक मिलेगा: मोदी

हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस भ्रष्टाचार से लड़ने की बात करती है जबकि उसके खुद के मुख्यमंत्री भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे हैं और राज्य में सत्तारूढ़ पार्टी लॉफिंग क्लब बन गई है.

प्रधानमंत्री मोदी ने कांगड़ा के रैहन में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि जिन्होंने हिमाचल को लूटा उन्हें विदाई देने का वक्त आ गया है. जनता हिमाचल में रिकॉर्ड तोड़ मतों से भाजपा की सरकार बनाएं, तभी कांग्रेस को सबक मिलेगा.

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भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा में भाजपा के चुनाव प्रचार सिलसिले में एक जनसभा को संबोधित करते हुए. (फोटो: पीटीआई)

उन्होंने जनता से अपील की कि चुनाव में हराकर कांग्रेस को सजा देनी चाहिए. कांग्रेस महात्मा गांधी वाली पार्टी नहीं रही. कांग्रेस जातिवाद का जहर फैलाने वाली बन गई है.

कांग्रेस पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस की हिम्मत की दाद देनी पड़ेगी. कुछ नहीं बचा है, लेकिन फिर भी जनता को सफाई देते जा रहे हैं. मुझे लग रहा है कि कांग्रेस अब एक लाफिंग क्लब बन गई है.

‘दूसरा दल होता तो मुंह छिपाकर भाग जाता’

आपके मुख्यमंत्री किस मुद्दे पर जमानत पर हैं. उन पर गंभीर आरोप लगे हैं, इसके बावजूद वे अपनी पार्टी का घोषणापत्र दिखा रहे हैं और कह रहे हैं कि कांग्रेस की सरकार बनेगी तो भ्रष्टाचार के प्रति उनका रुख कतई बर्दाश्त नहीं करने का होगा. अब बताइए, ये उनकी हिम्मत ही तो है. कोई और दल का नेता होता तो मुंह छिपाकर भाग जाता.

उन्होंने कहा कि कांग्रेस सड़ी हुई सोच का नमूना है. उन्होंने कहा कि नेहरू के समय जनसंघ के जन्म में शांता जैसे लोगों ने इसके बीज बोए. वे कहते थे कि जनसंघ को जड़ से उखाड़ देंगे. लेकिन हमने कीचड़ में भी कमल खिलाया. अब हम सड़ी सोच से देश को मुक्त कराएंगे.

‘हिमाचल में पांच दानव’

मोदी ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने हिमाचल में पांच दानवों को पनपने का मौका दिया और संरक्षण दिया पहला दानव खनन माफिया है, जिससे देवभूमि का सीना छलनी हो रहा है. दूसरा वन माफिया है, जो जंगल लूट रहा है और प्राकृतिक संपदा को नष्ट कर रहा है. तीसरा दानव ड्रग माफिया है जो हमारी पीढ़ी को तबाह कर रहा है.

मोदी ने जनता से पूछा कि ड्रग माफिया आपके घर में आपकी संतानों को तबाह कर रहा है, क्या ऐसे ड्रग माफिया का खात्मा होना चाहिए कि नहीं. चौथा दानव है टेंडर माफिया. उन्होंने सवाल किया कि टेंडर माफिया से मुक्ति मिलनी चाहिए कि नहीं. पांचवा दानव है ट्रांसफर माफिया. किसी को ट्रांसफर कराना है तो बोली लगती है. जो पैसे पाकर ट्रांसफर करते हैं वो क्या आपका भला करेंगे या अपना.

मोदी ने कहा कि इन पांचों दानवों को 9 तारीख को भस्म कर दिया जाना चाहिए. पांच दानवों की आत्मा पोलिंग मशीन में है.

प्रधानमंत्री ने कहा देश में कांग्रेस को हटाने के लिए लोगों ने स्वच्छता अभियान चला रखा है. कांग्रेस पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा कि आप देश के वीरों, शहीदों का अपमान कर रहे हो. उन्होंने लोगों से सवाल किया कि क्या ऐसी पार्टी की सरकार बननी चाहिए.

उन्होंने कहा कि सार्वजनिक जीवन में तमाम काम करने पड़ते हैं, हो सकता है कि एक-दो काम गलत हो जाएं. इस पर देश माफ कर देता है. लेकिन काम अगर गलत इरादे से किया जाए तो जनता और देश माफ नहीं करते हैं. कांग्रेस जरा विचार करे कि देश के कोने-कोने में क्यों जनता उसे और उसके नेताओं को हटाने को निकल पड़ी है.

राहुल गांधी और वीरभद्र सिंह भ्रष्टाचारियों का बचाने कर रहे हैं: शाह

चुनाव प्रचार के लिए हिमाचल के हमीरपुर और मंडी पहुंचे भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने बुधवार को कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह पर निशाना साधा और उन पर राज्य में भ्रष्टाचारियों को बचाने एवं माफिया राज कायम रखने के आरोप लगाए.

शाह ने मंडी जिले के सेराज विधानसभा क्षेत्र के थुनाग और हमीरपुर में चुनावी रैलियों को संबोधित करते हुए कहा कि गत पांच वर्षों में विकास रुक गया है. कांग्रेस पार्टी और उसके नेताओं के संरक्षण में विभिन्न माफिया के बढ़ने के कारण लोग आतंक के साये में रहने के लिए मजबूर हैं.

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हिमाचल प्रदेश के चंबा में सोमवार को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह लोगों से मिलते हुए. (फोटो: पीटीआई)

शाह ने कहा, गांधी-नेहरू परिवार के चार पीढ़ियों के वंशवादी शासन के दौरान कांग्रेस ने देश के लिए कुछ भी नहीं किया और आज राहुल बाबा मोदी सरकार से जवाबदेही की मांग कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि भाजपा ने जो कुछ भी किया है, वह कांग्रेस की क्षमता के परे है और इसी कारण से गांधी केंद्र सरकार के खिलाफ झूठे आरोप लगा रहे हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस उपाध्यक्ष और मुख्यमंत्री राज्य में भ्रष्टों का बचाव कर रहे हैं और माफिया राज कायम है.

शाह ने कहा कि गत पांच वर्षों के कांग्रेस शासन के दौरान मुख्यमंत्री के पुत्र विक्रमादित्य सिंह की संपत्ति में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है और यह 1.79 करोड़ रुपये से बढ़कर 84 करोड़ रुपये हो गई है. अब यह राहुल गांधी पर है कि वह सिंह से पूछें कि उन्हें यह रुपये कैसे मिले?

युवा तय करेंगे हिमाचल प्रदेश की नयी सरकार का भविष्य

हिमाचल प्रदेश में आगामी नौ नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव का परिणाम तय करने में 18 से 40 साल तक आयु वर्ग के युवा मतदाता अहम भूमिका निभाएंगे.

चुनाव आयोग द्वारा जारी किए गए राज्य के मतदाताओं से जुड़े आंकड़ों के मुताबिक हिमाचल प्रदेश में लगभग 50 लाख मतदाताओं में से आधी से अधिक संख्या 18 से 40 साल तक के आयु वर्ग के लोगों की है. जबकि 40 से 60 साल तक की आयु वर्ग के मतदाताओं की भागीदारी एक तिहाई है.

हिमाचल प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के हवाले से आयोग द्वारा जारी आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक 68 विधानसभा सीटों वाले इस पर्वतीय राज्य की कुल आबादी 73 लाख 83 हजार 912 में आयोग द्वारा जारी पहचान पत्र धारक मतदाताओं की कुल संख्या 49 लाख 88 हजार 367 है. इनमें 25 लाख 31 हजार 321 पुरुष और 24 लाख 57 हजार 32 महिला एवं 14 किन्नर मतदाता हैं.

राज्य के पंजीकृत मतदाताओं में 18 से 25 साल तक की आयु के मतदाताओं की संख्या 7,34,522 और 25 से 40 साल तक के आयुवर्ग वाले 17,89,935 मतदाता हैं. इन दोनों आयुवर्ग के मतदाताओं की चुनाव में हिस्सेदारी 50.60 प्रतिशत होगी.

वहीं 25 से 40 साल के आयुवर्ग के मतदाताओं की संख्या 16,42,086 और 60 साल से अधिक आयु के मतदाताओं की संख्या 8,21,824 है. आंकड़ों के स्पष्ट है कि 18 से 40 साल की आयुवर्ग के मतदाताओं की राज्य में नई सरकार के चयन में अहम भूमिका होगी.

हिमाचल प्रदेश के चुनावी मुकाबले में पिछले चुनावों की तरह इस बार भी मुख्य मुकाबला दोनों राष्ट्रीय दलों भाजपा और कांग्रेस के बीच है. आयोग के मुताबिक चुनावी दौड़ में राज्य स्तरीय मान्यता प्राप्त एक भी दल शामिल नहीं है. वहीं राज्य के सभी 68 विधानसभा क्षेत्रों में मतदाताओं की संख्या 20 हजार से एक लाख के बीच है.

क्षेत्रफल के लिहाज से शिमला सबसे छोटा और लाहौल स्पीति सबसे बड़ा विधानसभा क्षेत्र है. वहीं मतदाताओं की संख्या के मामले में 95,064 मतदाताओं के साथ सुल्लाह विधानसभा क्षेत्र सबसे बड़ा और 22,995 मतदाताओं के साथ लाहौल स्पीति सबसे छोटा विधानसभा क्षेत्र है.

किसी भी विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या ना तो एक लाख से अधिक है और ना ही किसी विधानसभा क्षेत्र में 20 हजार से कम मतदाता हैं.

सभी 68 सीटों पर कांग्रेस-भाजपा के बीच कड़ी टक्कर

हिमाचल प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनावों में पर्वतीय इलाकों और घाटियों में कड़ी चुनावी टक्कर के आसार हैं. राज्य के सभी 68 विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस और भाजपा के बीच जोरदार मुकाबले की संभावना है.

मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह, राज्य सरकार के 10 मंत्री, आठ संसदीय सचिव, डिप्टी स्पीकर जगत सिंह नेगी, पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल और एक दर्जन अन्य मंत्री चुनावी अखाड़े में हैं.

विधानसभा के स्पीकर बीबीएल बुटैल ने अपने बेटे आशीष कुमार को पालमपुर सीट से चुनाव लड़ाने के लिए अपनी इस सीट से चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है जबकि राज्य सरकार की वरिष्ठतम मंत्री विद्या स्टोक्स के नामांकन-पत्र खारिज कर दिए गए.

हिमाचल प्रदेश की 68 सदस्यीय विधानसभा में अभी कांग्रेस के 35 जबकि भाजपा के 28 विधायक हैं. इनके अलावा, चार निर्दलीय विधायक हैं जबकि एक सीट खाली है.

चार निर्दलीय विधायकों में से कर्णेश जंग और पवन काजल को क्रमश: पांवटा साहिब और कांगड़ा विधानसभा सीटों से कांग्रेस ने टिकट दिया है जबकि भाजपा ने चौपाल से बलबीर वर्मा को टिकट दिया है.

इंदोरा सीट से निर्दलीय के तौर पर जीते मनोहर धीमान को भाजपा ने टिकट देने से इनकार कर दिया और वह चुनावी रेस में नहीं हैं. अर्की से दो बार विधायक रहे गोविंद शर्मा और चंबा से दो बार विधायक रहे बीके चौहान, झांडुट्टा से पांच बार विधायक रहे वरिष्ठ भाजपा नेता रिखी रण कौंडल और इस साल अप्रैल में भोरंज से उप-चुनाव जीत चुके अनिल धीमान को भाजपा ने टिकट नहीं दिया.

बीके चौहान चंबा से बागी उम्मीदवार के तौर पर चुनावी मैदान में उतरे हैं. भाजपा ने छह महिला उम्मीदवार उतारे हैं जबकि कांग्रेस ने राज्यसभा सदस्य विप्लव ठाकुर सहित तीन महिला उम्मीदवारों को टिकट दिया है. विप्लव डेहरा सीट से चुनाव लड़ रही हैं. हिमाचल विधानसभा चुनाव में कुल 19 महिलाएं अपनी किस्मत आजमा रही हैं.

कांग्रेस ने किसानों और छात्रों को लुभाने वाले वादे किए

हिमाचल प्रदेश में सााधारी कांग्रेस ने बुधवार को अपना घोषणा-पत्र जारी किया. पार्टी ने किसानों को ब्याज मुक्त कर्ज देकर कृषि क्षेत्र को मजबूत करने, सरकारी क्षेत्र में 1.50 लाख नौकरियां पैदा करने और 50,000 कॉलेज छात्रों को नि:शुल्क लैपटॉप देने के वादे किए हैं.

कांग्रेस ने अपने घोषणा-पत्र में ये वादे भी किए हैं कि 2004 से पहले की पेंशन योजना फिर से शुरू की जाएगी, दो साल के बाद अनुबंध पर काम करने वाले कर्मियों की सेवा नियमित की जाएगी, दिहाड़ी, सामाजिक सुरक्षा पेंशन में बढ़ोतरी की जाएगी और भ्रष्टाचार निरोधक शिकायत समाधान आयुक्त की नियुक्ति की जाएगी.

मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह, स्वास्थ्य मंत्री एवं घोषणा-पत्र समिति के अध्यक्ष कौल सिंह और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव सुशील कुमार शिंदे ने दावा किया कि कांग्रेस ने अपने 95 फीसदी चुनावी वादे पूरे किए और अगली बार फिर से सरकार बनाने का मौका मिलने पर बाकी वादे भी पूरे करेगी.

वीरभद्र ने कहा कि उनकी सरकार ने समूचे राज्य का त्वरित एवं समान विकास सुनिश्चित किया है, जो जमीनी स्तर पर नजर भी आता है. उन्होंने कहा कि वे हर तबके के लोगों के विकास और कल्याण को मुद्दा बनाकर चुनाव लड़ेंगे.

कौल सिंह ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने अपने मौजूदा कार्यकाल में 75,000 युवाओं को सरकारी नौकरियां दिलाईं और अगले पांच साल में 1.50 लाख नौकरियां दी जाएंगी. सरकार की ओर से अधिगृहीत जमीन के लिए बाजार मूल्य से चार गुना ज्यादा कीमत मुआवजे के तौर पर दी जाएगी. स्व-रोजगार पैदा करने के लिए युवाओं को निजी बस परमिट दी जाएगी. कृषि संबंधी चीजों की खरीद के लिए किसानों को एक लाख रुपए तक का ब्याज मुक्त कर्ज दिया जाएगा.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)