कांग्रेस नेता के भाई की हत्या मामले में पूर्व विधायक मुख़्तार अंसारी को 10 साल की क़ैद

3 अगस्त 1991 को कांग्रेस नेता अजय राय और उनके भाई अवधेश वाराणसी में अपने घर के गेट पर खड़े थे. तभी कार से आए गैंगस्टर से नेता बने मुख़्तार अंसारी और उसके साथियों ने अवधेश पर ताबड़तोड़ गोलियां चला दी थीं, जिससे उनकी मौत हो गई थी.

मुख़्तार अंसारी. (फोटो साभार: फेसबुक)

3 अगस्त 1991 को कांग्रेस नेता अजय राय और उनके भाई अवधेश वाराणसी में अपने घर के गेट पर खड़े थे. तभी कार से आए गैंगस्टर से नेता बने मुख़्तार अंसारी और उसके साथियों ने अवधेश पर ताबड़तोड़ गोलियां चला दी थीं, जिससे उनकी मौत हो गई थी.

मुख़्तार अंसारी. (फोटो साभार: फेसबुक)

गाजीपुर: कांग्रेस नेता अजय राय के भाई की हत्या के करीब 30 साल पुराने मामले उत्तर प्रदेश के गाजीपुर की जिला अदालत ने गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी और एक सहयोगी को गैंगस्टर एक्ट के तहत 10 साल कैद की सजा सुनाई है.

एमपी/एमएलए कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश दुर्गेश ने गुरुवार (15 दिसंबर) को अंसारी और उसके साथी भीम सिंह पर पांच-पांच लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया.

पांच बार के पूर्व विधायक 59 वर्षीय मुख्तार अंसारी हत्या, रंगदारी वसूली समेत चार दर्जन से अधिक आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं. वह फिलहाल उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में बंद है.

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, अतिरिक्त जिला सरकारी वकील (एडीजीसी) नीरज कुमार ने कहा कि अदालत ने अंसारी और सिंह को गैंगस्टर अधिनियम के तहत दोषी ठहराया और उन्हें 10 साल की जेल की सजा सुनाई.

मामले के बारे में विस्तार से बताते हुए नीरज कुमार ने कहा कि 3 अगस्त 1991 को रात करीब 1 बजे कांग्रेस नेता अजय राय और उनके भाई अवधेश वाराणसी में अपने घर के गेट पर खड़े थे, तभी कार से आए मुख्तार अंसारी और उसके साथियों ने अवधेश पर ताबड़तोड़ गोलियां चला दी थीं.

कुमार ने बताया कि तीन अगस्त 1991 को अजय राय अपने भाई अवधेश राय के साथ वाराणसी स्थित अपने मकान के गेट पर खड़े थे, तभी कार से आये मुख्तार अंसारी और उसके साथियों ने अवधेश पर ताबड़तोड़ गोलियां चलायीं.

कुमार के अनुसार, अजय राय ने भी बचाव में अपनी लाइसेंसी पिस्टल से गोलियां चलाईं, जिसके बाद अंसारी और उसके साथी अपना वाहन छोड़कर भाग गए. अधिवक्ता के मुताबिक, अजय राय गम्भीर रूप से घायल अपने भाई को कबीरचौरा स्थित अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टर ने उन्हें मृत करार दिया.

इस मामले में मुख्तार अंसारी और भीम सिंह के खिलाफ गाजीपुर थाने में केस दर्ज किया गया था और अब अदालत ने यह सजा सुनाई है.