मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि इस तरह की किसी भी अप्रिय स्थिति से बचने के लिए हम मदरसों की जो पठन सामग्री है, उसे ज़िलाधिकारियों से कहकर संबंधित शिक्षा विभाग से इसकी जांच कराने तथा पठन सामग्री व्यवस्थित रहे, यह व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए कहेंगे.
भोपाल: मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने रविवार को कहा कि राज्य के कुछ मदरसों में पढ़ाई जा रही आपत्तिजनक सामग्री की जांच की जाएगी.
गृह मंत्री के अलावा राज्य सरकार के प्रवक्ता नरोत्तम मिश्रा ने एक सवाल के जवाब में संवाददाताओं से कहा कि कुछ मदरसों में आपत्तिजनक सामग्री पढ़ाए जाने का मामला उनके संज्ञान में लाया गया है.
प्रदेश के कुछ मदरसों में बच्चों को आपत्तिजनक कंटेट पढ़ाने से संबंधित विषय संज्ञान में आया है।
अप्रिय स्थिति से बचने के लिए मदरसों के पठन सामग्री की स्क्रूटनी करवाने पर विचार किया जा रहा है। pic.twitter.com/RMbijUwQSG
— Dr Narottam Mishra (@drnarottammisra) December 18, 2022
मिश्रा ने कहा, ‘मैंने भी उसको (आपत्तिजनक सामग्री को) प्रथम दृष्टया सरसरी निगाह से देखा है. इस तरह की किसी भी अप्रिय स्थिति से बचने के लिए हम मदरसों की जो पठन सामग्री है, उसे जिलाधिकारियों से कहकर संबंधित शिक्षा विभाग से इसकी जांच कराने तथा पठन सामग्री व्यवस्थित रहे यह व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए कहेंगे.’
हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि वह किन मदरसों की बात कर रहे हैं.
कुछ वर्गों ने राज्य के कुछ स्थानों पर मदरसों में पढ़ाए जाने वाले कुछ विषयों पर सवालिया निशान खड़े किए हैं.
इस साल अगस्त में राज्य की संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ने कहा था कि अवैध रूप से संचालित मदरसों का मानव तस्करी के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है और ऐसी जगहों की जांच की जानी चाहिए.
ठाकुर ने आरोप लगाया था, ‘बाल आयोग के पदाधिकारियों ने हाल में ऐसे अवैध रूप से संचालित मदरसों का औचक निरीक्षण किया. उन्होंने पाया कि 30-40 बच्चों को स्वस्थ वातावरण के बिना रखा गया. वहां भोजन की अपर्याप्त व्यवस्था थी. मुझे डर है कि यह मानव तस्करी का मामला हो सकता है.’
मालूम हो कि मई 2022 में पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश में मदरसों में राष्ट्रगान गायन अनिवार्य कर दिए जाने के बाद मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा था कि उनके राज्य में भी इसी तरह के कदम पर विचार किया जा सकता है.
उत्तर प्रदेश के सभी मदरसों में 12 मई 2022 से राष्ट्रगान ‘जन गण मन’ का गायन अनिवार्य कर दिया गया है. उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड के रजिस्ट्रार ने नौ मई 2022 को सभी जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों को इस आशय का आदेश जारी किया था.
गौरतलब है कि देश में तमाम राज्यों में जहां भाजपा नेतृत्व वाली सरकारें हैं, वहां मदरसों को लेकर अक्सर दिशानिर्देश जारी किए जाते हैं.
बीते अक्टूबर महीने में उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने मदरसों को एक महीने के भीतर राज्य के शिक्षा विभाग में अपना पंजीकरण कराने या बंदी का सामना करने के लिए तैयार रहने का आदेश दिया था.
इससे पहले मदरसों को मिलने वाले अनुदान का उचित उपयोग नहीं होने के आरोपों के बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हाल ही में उनके सर्वेक्षण की आवश्यकता को रेखांकित किया था.
उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की भाजपा सरकार ने भी 31 अगस्त 2022 को राज्य के गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों में मूलभूत सुविधाओं की स्थिति जांचने के लिए उनका सर्वेक्षण कराने का फैसला किया था.
सितंबर 2022 में जमीयत उलमा-ए-हिंद ने कहा था कि उत्तर प्रदेश में मदरसों का सर्वेक्षण करने का राज्य सरकार का कदम इस शिक्षा प्रणाली को कम महत्व का बताने की एक दुर्भावनापूर्ण कोशिश है.
जमीयत के अलावा सितंबर 2022 में ही ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने भाजपा नीत केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा मदरसों को कथित रूप से निशाना बनाए जाने पर चिंता व्यक्त की थी. बोर्ड ने आरोप लगाया था कि राज्यों की भाजपा सरकारें मदरसों के पीछे पड़ी हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)