केंद्र के लोकपाल क़ानून की तर्ज पर महाराष्ट्र में बनेगा लोकायुक्त क़ानून: देवेंद्र फडणवीस

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बताया कि नए लोकायुक्त क़ानून के मसौदा को मंत्रिमंडल ने मंज़ूरी दे दी है और इसे विधानमंडल में पेश किया जाएगा. पहली बार मुख्यमंत्री और मंत्रिपरिषद को लोकायुक्त के दायरे में लाया गया है.

CM Eknath Shinde, Deputy CM Devendra Fadnavis and other Cabinet ministers during a tea party in Nagpur on Sunday 18 December 2022, PTI

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बताया कि नए लोकायुक्त क़ानून के मसौदा को मंत्रिमंडल ने मंज़ूरी दे दी है और इसे विधानमंडल में पेश किया जाएगा. पहली बार मुख्यमंत्री और मंत्रिपरिषद को लोकायुक्त के दायरे में लाया गया है.

रविवार को नागपुर में एक टी-पार्टी के दौरान सीएम एकनाथ शिंदे, डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस और अन्य कैबिनेट मंत्री के साथ. (फोटो: पीटीआई)

नागपुर: केंद्र के लोकपाल कानून की तर्ज पर महाराष्ट्र में लोकायुक्त कानून बनाया जाएगा, जिसके दायरे में मुख्यमंत्री और मंत्रियों को लाया जाएगा. उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने रविवार को यह जानकारी दी.

विधानमंडल के शीतकालीन सत्र की पूर्व संध्या पर नागपुर में एक पत्रकार वार्ता के दौरान उन्होंने कहा कि इस संबंध में एक विधेयक पेश किया जाएगा.

उन्होंने कहा कि नया (संशोधित किया जाने वाला) कानून राज्य में संपूर्ण पारदर्शिता लाने के संदर्भ में महत्वपूर्ण है.

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि यह फैसला राज्य के लोगों के हित में लिया गया है.

शिंदे ने कहा, ‘सरकार पारदर्शी तरीके से काम करेगी. यह लोकायुक्त अधिनियम महत्वपूर्ण होगा और भ्रष्टाचार मुक्त राज्य की दिशा में पहला कदम होगा.’

उन्होंने कहा, ‘नए लोकायुक्त कानून के मसौदा को मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी है और हम इसे विधानमंडल में पेश करेंगे. पहली बार, मुख्यमंत्री और मंत्रिपरिषद को लोकायुक्त के दायरे में लाया गया है.’

फडणवीस ने कहा कि मौजूदा लोकायुक्त कानून में भ्रष्टाचार रोधी अधिनियम शामिल नहीं है. उन्होंने कहा, ‘इसलिए भ्रष्टाचार रोधी अधिनियम को इसका (नए कानून का) हिस्सा बनाया गया है.’

उन्होंने कहा कि सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे की अगुवाई वाली समिति की सिफारिशों को पूर्ण रूप से स्वीकार कर लिया गया है.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, फडणवीस ने कहा, ‘आदरणीय अन्ना हजारे जी लगातार मांग करते रहे हैं कि केंद्र में पारित लोकपाल अधिनियम की तर्ज पर महाराष्ट्र में भी लोकायुक्त अधिनियम पारित किया जाना चाहिए. इससे पहले, जब राज्य में भाजपा-शिवसेना गठबंधन की सरकार थी, हमने अन्ना हजारे की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया था और 2019 में वह समिति इस संबंध में सिफारिशें करने जा रही थी. एमवीए सरकार ने इस पर कोई काम नहीं किया.’

उन्होंने कहा, ‘अब जब हमारी सरकार फिर से आई है तो हमने समिति को पुनर्जीवित करने का फैसला किया और अन्ना हजारे की समिति द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट को सरकार ने पूरी तरह से स्वीकार कर लिया है. इसके बाद कैबिनेट ने नए लोकायुक्त अधिनियम को तैयार करने के निर्णय को मंजूरी दे दी है. बैठक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में आयोजित की गई थी.’

उन्होंने कहा कि लोकायुक्त के पद पर उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश या उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश को नियुक्त किया जाएगा.

फडणवीस ने कहा कि लोकायुक्त अधिनियम में भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत मंत्रियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा सकती है, जो पहले के लोकायुक्त के तहत संभव नहीं था, क्योंकि इसमें भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम शामिल नहीं था.

उन्होंने कहा कि नए अधिनियम के तहत लोकायुक्त सीधे भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) को भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के लिए मामला दर्ज करने का निर्देश दे सकता है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)