तमिलनाडु के वित्त सचिव द्वारा 15 दिसंबर को जारी एक आदेश में कहा गया है कि आधार विभिन्न सेवाओं, लाभों या सब्सिडी के वितरण के लिए एक पहचान दस्तावेज़ के रूप में सरकारी वितरण प्रक्रिया को सरल बनाता है. किसी व्यक्ति के पास अगर आधार नहीं है तो उसे सरकारी योजनाओं का लाभ पाने के लिए इसके लिए नामांकन करना होगा.
चेन्नई: तमिलनाडु सरकार ने घोषणा की है कि वे सभी जो विभिन्न सरकारी योजनाओं के तहत लाभ (नाबालिग बच्चों के अलावा) के पात्र हैं, उन्हें आधार संख्या होने का प्रमाण प्रस्तुत करना होगा या आधार की शिनाख्त करानी होगी.
द हिंदू के मुताबिक, वित्त सचिव एन. मुरुगानंदम द्वारा 15 दिसंबर को जारी एक आदेश में कहा गया है, ‘आधार सेवाओं या लाभों या सब्सिडी के वितरण के लिए एक पहचान दस्तावेज के रूप में सरकारी वितरण प्रक्रिया को सरल बनाता है. यह पारदर्शिता और दक्षता लाता है तथा लाभार्थियों को अपनी पहचान साबित करने के लिए कई दस्तावेजों को प्रस्तुत करने की जरूरत को समाप्त करके एक सुविधाजनक और निर्बाध तरीके से सीधे उनका हक पाने में सक्षम बनाता है.’
आदेश के अनुसार, सरकारी कर्मचारियों, सरकारी पेंशन पाने वालों और राज्य सरकार द्वारा विभिन्न विभागों के माध्यम से उनकी कार्यान्वयन एजेंसियों के जरिये लागू विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों के लिए आधार अनिवार्य है.
कोई भी व्यक्ति जो लाभों को पाने का इच्छुक है, लेकिन उसके पास आधार नंबर नहीं है या अब तक उसने आधार के लिए नामांकन नहीं कराया है, उसे योजनाओं के लिए पंजीकरण कराने से पहले आधार नामांकन के लिए आवेदन करने की जरूरत होगी.
सरकार ने कहा कि यदि कोई लाभार्थी नामांकन कर चुका है तो उसे आधार नामांकन पहचान पर्ची और बैंक या डाकघर की पासबुक एक फोटो के साथ या पैन कार्ड या पासपोर्ट या राशन कार्ड या मतदाता पहचान पत्र या मनरेगा कार्ड या किसान फोटो पासबुक या ड्राइविंग लाइसेंस या राजपत्रित अधिकारी/तहसीलदार द्वारा जारी फोटो वाला पहचान पत्र या सरकार द्वारा निर्दिष्ट कोई अन्य दस्तावेज पेश करना होगा.
रिपोर्ट के अनुसार, कोषागार और लेखा विभाग अपनी कार्यान्वयन एजेंसी के माध्यम से उन लाभार्थियों के लिए आधार नामांकन सुविधाएं प्रदान करेगा, जो अभी तक नामांकित नहीं हैं. यदि कोई आधार नामांकन केंद्र नहीं है, तो विभाग अपनी कार्यान्वयन एजेंसी के माध्यम से यूआईडीएआई के मौजूदा रजिस्ट्रार के समन्वय से या स्वयं यूआईडीएआई रजिस्ट्रार बनकर सुविधाजनक स्थानों पर नामांकन सुविधाएं प्रदान करेगा.
गौरतलब है कि आदेश के अनुसार, योजनाओं का कोषागार और लेखा विभाग प्रशासक होता है, जो लाभार्थियों को इलेक्ट्रॉनिक क्लीयरिंग सर्विस (ईसीएस) के माध्यम से बिलों का ऑनलाइन भुगतान करता है.
खराब बायोमेट्रिक्स या किसी अन्य कारण से आधार पहचान विफल होने पर सरकार ने उपचारात्मक तंत्र की भी घोषणा की है. यह आधार वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) या सीमित समय की वैधता के साथ समय-आधारित ओटीपी के माध्यम से किया जाएगा.