कर्नाटक के शिवमोगा से भाजपा विधायक केएस ईश्वरप्पा ने बीते अप्रैल में उडुपी के एक ठेकेदार की आत्महत्या के बाद ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज मंत्री के पद से इस्तीफ़ा दे दिया था. पाटिल ने उन पर 40 प्रतिशत कमीशन मांगने का आरोप लगाया था. इसके बाद ईश्वरप्पा के ख़िलाफ़ आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज किया गया था.
बागलकोट: कर्नाटक के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ विधायक केएस. ईश्वरप्पा ने सोमवार को कहा कि जब तक उन्हें मंत्री नहीं बनाया जाता, तब तक वह विधानसभा सत्र में भाग नहीं लेंगे.
शिवमोगा से विधायक ईश्वरप्पा ने इस साल की शुरुआत में उडुपी के एक होटल में बेलगावी के एक ठेकेदार संतोष पाटिल की आत्महत्या के बाद ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था. इस मामले में उन पर 40 प्रतिशत कमीशन मांगने का आरोप लगा था.
ईश्वरप्पा ने पत्रकारों से कहा कि ठेकेदार आत्महत्या मामले में जांच एजेंसी द्वारा क्लीनचिट दिए जाने के बावजूद उन्हें मंत्री पद से वंचित किया जा रहा है.
वरिष्ठ विधायक ने कहा कि वह बेलागवी जाएंगे, जहां विधानमंडल का सत्र चल रहा है, लेकिन इसमें भाग नहीं लेंगे.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, ईश्वरप्पा ने कहा, ‘बेलगावी जाने का उद्देश्य विधानसभा अध्यक्ष विश्वेश्वर हेगड़े कागेरी को एक पत्र सौंपना है, जिसमें पूरे सत्र में शामिल नहीं होने की अनुमति मांगी गई है.’
भाजपा विधायक ने कहा कि जो लोग अपराध से मुक्त हैं, उन्हें सजा नहीं मिलनी चाहिए.
ईश्वरप्पा ने कहा, ‘लेकिन, मेरे मामले में फैसला आ गया है और क्लीनचिट दे दी गई है, लेकिन मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई मुझे मंत्री पद देने के बारे में मुझसे कह रहे हैं कि या तो आज या कल (मुझे मंत्री बनाया जाएगा). मुख्यमंत्री कहते हैं कि वह मुझे मंत्री बनाएंगे और इस बात पर जोर देते हैं कि मेरे जैसे लोगों को कैबिनेट में होना चाहिए, लेकिन मुझे नहीं पता कि वह मुझे कैबिनेट में शामिल क्यों नहीं कर रहे हैं.’
उन्होंने यह भी दावा किया कि उन्हें राज्य भर से उनके हमदर्दों के फोन आ रहे हैं.
उन्होंने कहा, ‘राज्य भर के विभिन्न आश्रमों के लोग, कार्यकर्ता और पुजारी मुझसे पूछ रहे हैं कि मुझे अभी तक मंत्री क्यों नहीं बनाया गया. यहां तक कि जब वे सहानुभूतिपूर्वक मुझसे पूछताछ करते हैं तो मैं भी आहत और अपमानित महसूस करता हूं.’
उन्होंने कहा, ‘मैंने उन्हें (भाजपा नेतृत्व को) समझाने के एकमात्र उद्देश्य के साथ सत्र में शामिल नहीं होने का यह विनम्र विरोध शुरू किया है.’
कर्नाटक में 34 स्वीकृत मंत्री पद हैं, जिसमें वर्तमान में केवल 28 मंत्री हैं, जबकि विधानसभा चुनाव लगभग चार महीने दूर हैं, ईश्वरप्पा सहित सत्तारूढ़ भाजपा में कई मंत्री बनने के इच्छुक हैं.
मालूम हो कि बीते अप्रैल में भाजपा विधायक केएस ईश्वरप्पा के खिलाफ ठेकेदार संतोष पाटिल की मौत को लेकर आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में मामला दर्ज किया गया था.
ठेकेदार ने ईश्वरप्पा एवं उनके करीबियों पर 2021 में बेलगावी के हिंदलगा गांव में एक उत्सव से पूर्व निर्माण कार्य पूरा करने के बाद इसके बिल को मंजूर कर राशि जारी करने के लिए 40 फीसदी कमीशन मांगने का आरोप लगाया था.
पाटिल ने मौत से पहले कुछ मीडिया संस्थानों को कथित तौर पर कुछ संदेश भेजे थे, जिसमें कहा गया था कि वह आत्महत्या कर रहे हैं और आरोप लगाया था कि उनकी मौत के लिए ईश्वरप्पा जिम्मेदार हैं. सोशल मीडिया पर भी एक कथित संदेश में पाटिल ने अपनी मौत का जिम्मेदार उन्हें ठहराया था.
खुद को भाजपा कार्यकर्ता बताने वाले पाटिल ने 30 मार्च को आरोप लगाया था कि उन्होंने आरडीपीआर विभाग में एक काम किया था और चाहते थे कि इसका भुगतान हो, लेकिन ईश्वरप्पा ने चार करोड़ रुपये के काम में 40 प्रतिशत कमीशन की मांग की थी.
ईश्वरप्पा ने न केवल इस आरोप को खारिज कर दिया था, बल्क ठेकेदार के खिलाफ मानहानि का मुकदमा भी दायर कराया था.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)