अर्थव्यवस्था में नकदी बढ़ने पर फिर नोटबंदी करने की कोई योजना नहीं: सरकार

राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि 'कम नकदी वाली अर्थव्यवस्था और डिजिटल भुगतान इकोसिस्टम की ओर बढ़ना' सरकार की नीति है.

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(फाइल फोटो: रॉयटर्स)

राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि ‘कम नकदी वाली अर्थव्यवस्था और डिजिटल भुगतान इकोसिस्टम की ओर बढ़ना’ सरकार की नीति है.

(फाइल फोटो: रॉयटर्स)

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने कहा है कि अगर अर्थव्यवस्था में नकदी में उछाल आता है तो उसकी एक और नोटबंदी लाने की योजना नहीं है.

टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, राज्यसभा कांग्रेस सांसद राजीव शुक्ला के एक सवाल के जवाब में वित्त मंत्रालय ने कहा कि ‘कम नकदी वाली अर्थव्यवस्था और डिजिटल भुगतान इकोसिस्टम की ओर बढ़ना’ सरकार की नीति है.

इस संदर्भ में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा, ‘मोटे तौर पर बैंक नोटों को छापने की जरूरत महंगाई के चलते बढ़ी बैंक नोटों की मांग, जीडीपी वृद्धि, ख़राब हुए बैंक नोटों को बदलने, आरक्षित स्टॉक जरूरतों और बिना नकदी वाले भुगतान के तरीकों की वृद्धि आदि पर निर्भर करती है.’

उन्होंने बताया कि सरकार भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) के परामर्श से प्रत्येक वर्ष मुद्रित किए जाने वाले नोटों की मात्रा और मूल्य तय करती है. लेकिन उन्होंने इस बात से इनकार किया कि नकदी प्रवाह (cash flow) को कम करना नोटबंदी का एक उद्देश्य था. उन्होंने इसके लिए एक सरकारी सर्कुलर का हवाला दिया था, जिसमें तीन अन्य कारण सूचीबद्ध थे.

यह पूछे जाने पर कि क्या अर्थव्यवस्था में नकदी बढ़ने की स्थिति में सरकार एक और नोटबंदी की योजना बना रही है, मंत्री ने ऐसी संभावना से इनकार किया.

मालूम हो कि आठ नवंबर 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 500 और 1,000 रुपये के नोट को चलन से हटाने की घोषणा की थी जिसका मकसद काले धन पर अंकुश लगाना, नकली मुद्रा पर रोक लगाना तथा आतंकवादी संगठनों के वित्त पोषण पर लगाम लगाना बताया गया था.