कैग ने अपनी रिपोर्ट में ललित कला अकादमी में गंभीर ‘वित्तीय अनियमितताओं’ की जानकारी दी

कैग की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2016-17 से 2021-22 के बीच संस्कृति मंत्रालय के तहत आने वाले प्रतिष्ठित कला संस्थान ललित कला अकादमी में सरकार के सामान्य वित्तीय नियमों को धता बताते हुए कई अनियमितताएं बरती गईं. वाहनों को किराये पर लेने, वकीलों की सेवा लेने, लैपटॉप की खरीद एवं वितरण में भी अनियमितताएं देखने को मिलीं.

ललित कला अकादमी का लोगो. (फोटो साभार: फेसबुक)

कैग की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2016-17 से 2021-22 के बीच संस्कृति मंत्रालय के तहत आने वाले प्रतिष्ठित कला संस्थान ललित कला अकादमी में सरकार के सामान्य वित्तीय नियमों को धता बताते हुए कई अनियमितताएं बरती गईं. वाहनों को किराये पर लेने, वकीलों की सेवा लेने, लैपटॉप की खरीद एवं वितरण में भी अनियमितताएं देखने को मिलीं.

ललित कला अकादमी का लोगो. (फोटो साभार: फेसबुक)

नई दिल्ली: नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने ललित कला अकादमी (एलकेए) में गंभीर वित्तीय ‘अनियमितताएं’ उजागर की हैं. कैग अधिकारियों ने यह जानकारी दी.

कैग की यह टिप्पणी 2016-17 से 2021-22 के बीच संस्कृति मंत्रालय के तहत आने वाले प्रतिष्ठित कला संस्थान ‘ललित कला अकादमी’ में सरकार के सामान्य वित्तीय नियमों को धता बताते हुए कई अनियमितताएं बरते जाने का संकेत करती है.

अधिकारियों के अनुसार, रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि अकादमी ने अन्य निकायों को भुगतान करने, अधिकारियों की नियुक्ति करने, बाहरी एजेंसियों की सेवाएं लेने, विदेश यात्रा की मंजूरी देने में कई नियमों की अनदेखी की.

अकादमी की अध्यक्ष एवं संस्कृति मंत्रालय की संयुक्त सचिव उमा नंदूरी ने इस संबंध में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया, जबकि अकादमी के सचिव (प्रभारी) रामकृष्ण वेदाला ने कैग की टिप्पणी को ‘गलत एवं मनगढंत’ करार देते हुए खारिज कर दिया.

कैग ने अपनी टिप्पणी अक्टूबर 2022 में अकादमी के पास उसकी प्रतिक्रिया के लिए भेजी थी. अकादमी ने उसे मंत्रालय के पास अग्रसारित कर दिया, जिसने अब तक उसे अकादमी को नहीं लौटाया है.

मंत्रालय के जवाब के बाद ललित कला अकादमी इसे कैग को भेजेगा, जो इसे संकलित कर संसद के पटल पर रखेगी.

कैग ने आरोप लगाया है कि अकादमी ने 1997-98 से 2021-22 तक 2,568.66 लाख रुपये के संदर्भ में विभिन्न संस्थानों से उपयोगिता प्रमाण-पत्र हासिल नहीं किए.

उपयोगिता प्रमाण-पत्र के तहत किसी फंड को दिए जाने के एवज में यह प्रमाणित किया जाता है कि उस फंड का पूरी तरह से इस्तेमाल कर लिया गया है.

कैग की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘अकादमी को यह सुनिश्चित करने के लिए प्रभावी कदम उठाने की जरूरत है कि उपयोगिता प्रमाण-पत्र (यूसी) हासिल किए जाएं. उसे यह भी सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि जिस उद्देश्य के लिए धनराशि जारी किया गया है, उसका उपयोग वाकई उस उद्देश्य के लिए किया जाए.’

उसमें कहा गया है, ‘रिकॉर्ड के रखरखाव की गुणवत्ता बहुत खराब है. लंबित उपयोगिता प्रमाण-पत्र की संख्या घटाने के लिए अकादमी की ओर से वास्तविक कदम उठाए जाने का कोई सबूत नहीं है.’

कैग ने यह भी कहा है कि वाहनों को भाड़े पर लेने, वकीलों की सेवा लेने, लैपटॉप की खरीद एवं वितरण में भी अनियमितताएं बरती गईं तथा ठेकेदारों के साथ अनुचित पक्षपात किया गया.

निजी एजेंसियों के माध्यम से विज्ञापन देने के अकादमी के फैसले पर सवाल उठाते हुए रिपोर्ट में कहा गया है, ‘निजी एजेंसी के माध्यम से और निर्धारित मानदंडों का पालन किए बिना ललित कला अकादमी के विज्ञापन प्रकाशित करने का काम देने का अविवेकपूर्ण निर्णय अत्यधिक अनियमित था.’

उसकी रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि अकादमी के सचिव (प्रभारी) रामकृष्ण वेदाला ने खुद सक्षम प्राधिकार से अनुमति के बगैर ही 2019 में मैक्सिको की यात्रा की. उसमें कहा गया है, ‘इस संबंध में मंत्रालय से कार्योत्तर स्वीकृति ली जा सकती है या संबद्ध अधिकारी से धनराशि की वसूली की जा सकती है.’

इसने सहायक कार्यक्रम अधिकारी (एपीओ) की नियुक्ति में भी अनियमितताओं का संकेत दिया और कहा कि वर्तमान एपीओ पात्रता शर्तों को पूरा नहीं करते हैं.

वेदाला ने सभी आरोपों को खारिज कर दिया और कहा कि अकादमी में कोई भ्रष्टाचार नहीं है. उन्होंने सभी मामलों में अकादमी के निर्णय का बचाव किया और कहा कि हर चीज नियमानुकूल की गई.

उन्होंने कहा, ‘सरकारी संगठन देर से उपयोगिता प्रमाण-पत्र देते हैं. हम इन प्रमाण-पत्रों को हासिल करने में लगे हैं. उसमें भ्रष्टाचार कहां है.’

यह पूछे जाने पर कि कैग के ऑडिट ऑब्जर्वेशन ने 2016-17 से 2021-22 तक बिना सीमित/खुली निविदा के 54.76 लाख रुपये के वाहनों को किराये पर लेने और तैनात करने पर सवाल उठाया है, वेदाला ने कहा, ‘अगर हम कार्यक्रम कर रहे हैं और ललित कला अकादमी के विभिन्न परियोजनाओं जैसे दृश्य कला शिविर लगाने के उद्देश्य से हमारे कर्मचारी इधर-उधर जा रहे हैं, तो क्या हम वाहन किराए पर नहीं ले सकते? क्या कर्मचारी काम करवाने के लिए इधर-उधर जाने के योग्य नहीं हैं?’

नई दिल्ली स्थित ललित कला अकादमी का उद्घाटन 5 अगस्त 1954 को तत्कालीन शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद ने दृश्य कला को बढ़ावा देने के लिए किया था. तीन साल बाद 1957 में इसे सोसायटी पंजीकरण अधिनियम 1860 के तहत पंजीकृत किया गया और वर्तमान में देश में इसके सात अन्य केंद्र हैं.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25 bandarqq dominoqq pkv games slot depo 10k depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq slot77 pkv games bandarqq dominoqq slot bonus 100 slot depo 5k pkv games poker qq bandarqq dominoqq depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq bandarqq dominoqq pkv games slot pulsa pkv games pkv games bandarqq bandarqq dominoqq dominoqq bandarqq pkv games dominoqq