गुजरात: बेटी का आपत्तिजनक वीडियो प्रसारित करने का विरोध करने पर बीएसएफ जवान की हत्या

गुजरात के खेड़ा ज़िले का मामला. बीएसएफ जवान अपने परिवार के कुछ सदस्यों के साथ नाबालिग बेटी का आपत्तिजनक वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित करने का विरोध करने के लिए आरोपी युवक के घर गए थे. इस दौरान आरोपियों ने उनके साथ मारपीट शुरू कर दी, जिससे उनकी मौत हो गई. पुलिस ने मामले के सात आरोपियों को गिरफ़्तार किया है.

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(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

गुजरात के खेड़ा ज़िले का मामला. बीएसएफ जवान अपने परिवार के कुछ सदस्यों के साथ नाबालिग बेटी का आपत्तिजनक वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित करने का विरोध करने के लिए आरोपी युवक के घर गए थे. इस दौरान आरोपियों ने उनके साथ मारपीट शुरू कर दी, जिससे उनकी मौत हो गई. पुलिस ने मामले के सात आरोपियों को गिरफ़्तार किया है.

(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

खेड़ा: बेटी के आपत्तिजनक वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित किए जाने का विरोध करने पर गुजरात के खेड़ा जिले में एक परिवार के सात सदस्यों ने एक बीएसएफ जवान की कथित तौर पर पीट-पीटकर हत्या कर दी. घटना में शामिल सात आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है.

पुलिस ने मंगलवार को बताया कि बीएसएफ जवान अपनी नाबालिग बेटी की आपत्तिजनक वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित करने का विरोध करने के लिए आरोपियों के घर गया था. यह घटना शनिवार (24 दिसंबर) रात करीब 10 बजे हुई.

दो महिलाओं सहित आरोपी युवक के परिवार के सभी सात सदस्यों को हत्या और दंगा करने के आरोप में रविवार को  गिरफ्तार किया गया और वे न्यायिक हिरासत में हैं.

बीएसएफ जवान मेलाजी वाघेला, उनकी पत्नी और बेटा आपत्तिजनक वीडियो प्रसारित किए जाने को लेकर विरोध जताने के लिए जिले के नडियाद तालुका के चकलासी गांव में दिनेश जादव के घर गए थे. पीड़ित परिवार ने दावा किया कि जादव के बेटे शैलेश ने उनकी बेटी के आपत्तिजनक वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिए थे.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, चकलासी पुलिस थाने में दर्ज एफआईआर के अनुसार, मेहसाणा में बीएसएफ की 56 बटालियन में तैनात हवलदार मेलाजी वाघेला (45 वर्ष) और उनकी पत्नी मंजुला (42 वर्ष) अपने एक बेटे नवदीप वाघेला और भतीजे चिराग वाघेला के साथ 20 वर्षीय शैलेश उर्फ सुनील जादव के घर गए थे, जिसने कथित तौर पर मेलाजी की 15 वर्षीय बेटी के वीडियो ऑनलाइन अपलोड कर दिए थे.

पुलिस ने दावा किया कि शैलेश और लड़की दोस्त थे.

24 दिसंबर की रात करीब 10 बजे जब वे शैलेश के घर पहुंचे, तो उनके पिता दिनेश छाबाभाई जादव और परिवार के अन्य सदस्य – अरविंद छाबाभाई जादव, छाबाभाई चतुरभाई जादव, सचिन अरविंद जादव और भावेश चिमनभाई जादव – आग के पास बैठे थे. वीडियो अपलोड करने की घटना के बारे में पूछे जाने पर वे वाघेला परिवार को गाली देने लगे.

एफआईआर के अनुसार, घर की दो महिलाएं – कैलाशबेन अरविंदभाई जादव और शांताबेन चिमनभाई जादव – घर से बाहर निकलीं और झूठा आरोप लगाने तथा शैलेश को बदनाम करने का आरोप लगाते हुए उन्हें गालियां देनी शुरू कर दीं.

एफआईआर में कहा गया है कि इसके बाद दिनेश ने लकड़ी के डंडे से बीएसएफ जवान मेलाजी के सिर पर वार करना शुरू कर दिया, भावेश ने मेलाजी और नवदीप के सिर पर दरांती से वार किया. सचिन ने फिर एक लकड़ी की लट्ठ ली और मंजुला के बाएं पैर और हाथ पर मारा. अरविंद ने फावड़े के हत्थे से मेलाजी को मारा और चाबा ने लकड़ी के डंडे से उनकी पिटाई की.

एफआईआर में कहा गया है कि इसके बाद दोनों महिलाओं ने बीएसएफ जवान को पीटना शुरू कर दिया. जब मेलाजी का खून बहने लगा और वह जमीन पर गिर पड़े, उनके बेटे भी बेहोश हो गए तो तब आरोपी वहां से फरार हो गए.

शिकायतकर्ता मंजुला ने अपने पति के फोन से अपने भतीजे और अन्य बेटों को फोन किया. उन्होंने एंबुलेंस बुलाई और घायल लोगों को नडियाद सिविल अस्पताल ले गए, जहां मेलाजी को मृत घोषित कर दिया गया. गंभीर रूप से घायल नवदीप को अहमदाबाद सिविल अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया.

मेलाजी के दूसरे बेटे प्रतीक वाघेला (23 वर्ष) के मुताबिक, उनकी मां को नदियाड के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है.

उन्होंने कहा, ‘मेरे पिता मेहसाणा में बीएसएफ की 56 बटालियन में तैनात थे और उन्हें राजस्थान के बाड़मेर जिले में स्थानांतरित कर दिया गया था. इसलिए, वह यहां 15 दिन की छुट्टी पर आए थे.’

एफआईआर के मुताबिक, मेलाजी दो दिन पहले शैलेश को समझाने के लिए उसके घर गए थे, लेकिन तब वह घर पर नहीं मिला था.

नडियाद के पुलिस उपाधीक्षक वीआर बाजपेयी ने पत्रकारों से कहा, ‘बीएसएफ जवान मेलाजी वाघेला को सिर तथा शहरी के अन्य अंगों पर चोटें आईं तथा मौके पर ही उनकी मौत हो गई. उनके बेटे नवदीप को भी सिर पर गहरी चोटें आई तथा उनकी पत्नी भी जख्मी हो गई हैं.’

अधिकारी ने बताया कि भारतीय दंड संहिता  (आईपीसी) की धारा 302 (हत्या), 307 (हत्या का प्रयास), 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 504 (जान-बूझकर अपमान करना) और 143 (गैरकानूनी रूप से एकत्रित) होने के तहत रविवार रात को एक एफआईआर दर्ज की गई.

उन्होंने बताया कि सभी सात आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. उन्हें सोमवार को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. घटना की जांच की जा रही है. फॉरेंसिक टीम सबूत एकत्रित कर रही है.

(समाचार एजेंसी भाषा  से इनपुट के साथ)

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