भाजपा वोट मांगने के लिए मेरे नाम का इस्तेमाल करती है, मेरा फोटो देखकर वोट मत देना: उमा भारती

लोधी समाज से ताल्लुक रखने वालीं भाजपा की वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने समाज के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि मैंने भाजपा नहीं छोड़ी थी, मुझे निकाला गया था. मुझसे सरकार बनवाने के बाद पार्टी से बाहर करने की योजना पहले से ही बनी हुई थी क्योंकि यहां सरकार बनाने की औकात किसी की नहीं थी.

भाजपा की वरिष्ठ नेता उमा भारती. (फोटो: पीटीआई)

लोधी समाज से ताल्लुक रखने वालीं भाजपा की वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने समाज के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि मैंने भाजपा नहीं छोड़ी थी, मुझे निकाला गया था. मुझसे सरकार बनवाने के बाद पार्टी से बाहर करने की योजना पहले से ही बनी हुई थी क्योंकि यहां सरकार बनाने की औकात किसी की नहीं थी.

उमा भारती. (फोटो: पीटीआई)

भोपाल: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने लोधी समुदाय के लोगों से कहा है कि ‘मैं कभी नहीं कहती हूं कि तुम लोधी हो, तुम भाजपा को वोट दो, बल्कि हमेशा कहती हूं कि आप अपना हित देखो.’

गौरतलब है कि उमा भारती लोधी समुदाय से ही ताल्लुक रखती हैं, जो अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) में आता है.

उमा भारती ने यह बात राजधानी भोपाल में 25 दिसंबर को लोधी समुदाय के युवक-युवती परिचय सम्मेलन के दौरान कही. हालांकि, उनकी इस टिप्पणी का कथित वीडियो क्लिप मंगलवार शाम को सामने आया.

जिसमें वे भाजपा से निकाले जाने और अपनी पार्टी बनाने का दर्द साझा करते हुए कहती हैं, ‘जब भाजपा से मुझे निकाल दिया गया… मैंने भाजपा नहीं छोड़ी थी, ये ध्यान रखिएगा मुझे निकाला गया था… और ये सारी डिजाइन पहले से ही बनी हुई थी कि इससे सरकार बनवा लो और फिर इसे निकालो. क्योंकि यहां (मध्य प्रदेश में) सरकार बनाने की औकात किसी की थी ही नहीं.’

उन्होंने कहा कि मुझे निकाला गया था, इसलिए मैंने अलग पार्टी बनाई, लेकिन मेरी पार्टी ने भाजपा के आदर्शों को नहीं छोड़ा.

वीडियो में उन्हें कहते हुए सुना जा सकता है कि लोधी समुदाय 50 विधानसभा सीटों पर प्रभाव डालता है, उनमें से 27 पर निर्णायक रूप से प्रभाव डालता है. उसे अपने हितों के बारे में सोचना चाहिए, भले ही वह खुद उनसे (चुनाव प्रचार के दौरान) वोट मांगती हैं.

इस वीडियो में भारती को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि, ‘मैं अपनी पार्टी के मंच पर आऊंगी. मैं लोगों का वोट मागूंगी. मैं कभी नहीं कहती हूं कि तुम लोध (यानी लोधी) हो, तुम भाजपा को वोट करो. नहीं, मैं तो सबको कहती हूं कि आप भाजपा को वोट करो, क्योंकि मैं तो अपनी पार्टी की निष्ठावान सिपाही हूं.’

उन्होंने आगे कहा, ‘लेकिन मैं आपसे थोड़ी अपेक्षा करूंगी कि आप पार्टी के निष्ठावान सिपाही होंगे. नहीं, आपको अपने आसपास का हित देखना है क्योंकि अगर आप पार्टी के कार्यकर्ता नहीं हैं और अगर आप पार्टी के मतदाता नहीं हैं, तो आपको सारी चीजों को देख कर ही अपने बारे में फैसला करना है.’

भारती ने कहा, ‘इसलिए मैं यह मान कर चलती हूं कि प्यार के बंधन में हम बंधे हुए हैं, लेकिन राजनीतिक बंधन से आप मेरी तरफ से पूरी तरह से आजाद हैं.’

दैनिक भास्कर के मुताबिक उन्होंने कहा, ‘मैं आऊंगी उम्मीदवार के पक्ष में बोलूंगी, वोट मांगूंगी. लेकिन, आपको उसी उम्मीदवार को वोट देना है, जिसने आपका सम्मान रखा हो, जिसने आपको उचित स्थान दिया हो. ‘

उन्होंने कहा, ‘मैं आपको कई बार इस बंधन से मुक्त कर चुकी हूं कि मेरा फोटो देखकर, भाषण सुनकर वोट नहीं दें. मैं आपको गिरवी नहीं रख सकती.’

भारती ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा उन्हें बाकी समय प्रचार से दूर रखती है, (लोधी समुदाय से) वोट मांगने के लिए उनके नाम का इस्तेमाल करती है.

लोधी समाज को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आपका वोट बहुत है. राजस्थान, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश को जोड़ दिया जाए तो 30-40 लोकसभा सीटों पर लोधियों का आधिपत्य है.

उन्होंने आगे कहा, ‘आपको उमा भारती और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का फोटो दिखा दिया जाता है. वैसे मेरा फोटो कभी नहीं दिखाते, लेकिन चुनाव में जरूर दिखाएंगे. कल्याण सिंह का भी यही हाल है. उनकी फोटो भी चुनाव के समय दिखाई जाती है.’

वे आगे कहती हैं, ‘ऐसे में आपका दिल आ जाता है कि हमारा नेता जिधर है, हम भी उधर हैं. नहीं, आपको अपने अधिकार और शान के लिए लड़ना है.’

उन्होंने अपनी समाज को संबोधित करते हुए कहा, ‘आपको मैं खुलकर बोल रही हूं, मैंने आपकी किसी को रजिस्ट्री नहीं की है. आपको जीतने की रणनीति में रहना है कि हमारा स्थान, सम्मान, पूछ-परख कितनी है, हमारी सीटें कितनी हैं.’

गौरतलब है कि उमा भारती अक्सर ही अपनी पार्टी और मध्य प्रदेश सरकार के लिए अपने बगावती तेवरों से असहज स्थिति पैदा करती रहती हैं. वे मध्य प्रदेश में लगातार शराबबंदी के मुद्दे पर मुखर रही हैं और कई बार सरकार को चेतावनी देती नजर आई हैं.

हाल ही में, सितंबर माह में उनके रिश्तेदार और करीबी प्रीतम लोधी को भाजपा ने एक विवादित बयान के बाद पार्टी से निष्कासित कर दिया था.

वहीं, बीते अक्टूबर में उमा भारती ने कहा था कि उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से बोला है कि प्रदेश में सत्ता और शासन में क्षेत्रीय और जातिगत असंतुलन से संघर्ष हो सकता है.

उनके बयान पर मध्य प्रदेश में भाजपा के मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पाराशर ने कहा, ‘उमा भारती हमारी पार्टी की मजबूत स्तंभ हैं. उन्होंने किस भावना से ये बात कही, इसे समझना होगा. उमा जी हमारी ताकत है. उनके भाव को समझना चाहिए. सामाजिक दृष्टि से सोचें तो उमा भारती लोधी समाज की बहुत कद्दावर नेता हैं. वे भाजपा के नुकसान का कभी सोच ही नहीं सकती हैं.’

इसी बीच, प्रदेश कांग्रेस ने भारती के संबोधन का एक वीडियो टैग करते हुए ट्वीट किया, ‘लोधी समाज के लिये बड़ा संदेश: – भाजपा की वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने लोधी समाज को संकेत दिया है कि अब भाजपा को वोट देने की ज़रूरत नहीं है. मध्य प्रदेश बचाने के महा अभियान में उमा भारती जी का स्वागत है.’

मध्य प्रदेश में कांग्रेस के मीडिया विभाग के अध्यक्ष केके मिश्रा ने कहा कि भारती भाजपा में अपने सिकुड़ते राजनीतिक आधार को फिर से स्थापित करने की कोशिश कर रही हैं.

वहीं, मध्य प्रदेश के भाजपा  प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने कहा कि कांग्रेस अकारण ही उत्साहित है. उन्होंने कहा, ‘उमा भारती जी एक संत हैं और इस तरह की बातें बोलती हैं. वह भगवान राम और भाजपा के प्रति समर्पित और वफादार हैं. कांग्रेस अनावश्यक रूप से खुशी व्यक्त कर रही है.’

इस बीच, उमा भारती ने गुरुवार को कई ट्वीट करके अपना पक्ष रखा है. उन्होंने कहा है कि मेरे भाषण के खंडन की ज़रूरत नहीं है क्योंकि मैंने ऐसा ही बोला है.

साथ ही, उन्होंने अपने भाषण पर सफाई भी दी है कि वे अभी से नहीं, काफी पहले से यही बोलती रही हैं और उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति अपनी निष्ठा जाहिर की है.

साथ ही उन्होंने कांग्रेस को चेतावनी देते हुए कहा है, ‘कांग्रेस को हमारे बीच में आने की ज़रूरत नही है. मुझे भाजपा साइडलाइन नहीं करती, मेरी अपनी एक सीधी लाइन है और मैं उसी पर चलती हूं.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)