गुजरात पुलिस ने क्राउड फंडिंग के कथित दुरुपयोग के मामले में तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता साकेत गोखले को दिल्ली से गिरफ़्तार किया है. इससे पहले मोरबी में पुल हादसे के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे पर हुए ख़र्च के संबंध में कथित तौर पर फ़र्ज़ी ख़बर प्रसारित करने के लिए छह दिसंबर को साइबर क्राइम ब्रांच ने गिरफ़्तार किया था.
अहमदाबाद: गुजरात पुलिस ने लोगों से अपील कर जमा किए गए धन (क्राउड फंडिंग) के कथित दुरुपयोग के मामले में तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता साकेत गोखले को बृहस्पतिवार देर शाम को दिल्ली से एक बार फिर गिरफ्तार कर लिया.
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने अहमदाबाद में बताया कि अहमदाबाद साइबर क्राइम ब्रांच ने गोखले को गिरफ्तार किया और उन्हें कानूनी प्रक्रिया के लिए यहां लाया जा रहा है.
गुजरात पुलिस ने इस महीने तीसरी बार गोखले को गिरफ्तार किया है.
उन्हें सबसे पहले मोरबी में एक पुल हादसे के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे पर हुए खर्च के संबंध में कथित तौर पर फर्जी खबर प्रसारित करने के लिए छह दिसंबर को साइबर क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया था.
यहां एक अदालत से जमानत मिलने के तुरंत बाद आठ दिसंबर को मोरबी पुलिस ने वहां दर्ज इसी अपराध के लिए टीएमसी नेता को फिर से गिरफ्तार कर लिया था. उन्हें अगले दिन जमानत मिल गई थी.
गुजरात पुलिस ने इस महीने तीसरी बार गोखले को गिरफ्तार किया है.
उन्हें सबसे पहले मोरबी में एक पुल हादसे के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे पर हुए खर्च के संबंध में कथित तौर पर फर्जी खबर प्रसारित करने के लिए छह दिसंबर को साइबर क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया था.
यहां एक अदालत से जमानत मिलने के तुरंत बाद आठ दिसंबर को मोरबी पुलिस ने वहां दर्ज इसी अपराध के लिए टीएमसी नेता को फिर से गिरफ्तार कर लिया था. उन्हें अगले दिन जमानत मिल गई थी.
बीते 1 दिसंबर को गोखले ने सूचना के अधिकार के माध्यम से कथित रूप से प्राप्त जानकारी के बारे में कथित समाचार रिपोर्टों के ‘स्क्रीनशॉट’ शेयर की थी, जिसमें दावा किया गया था कि पुल गिरने के बाद मोदी की मोरबी यात्रा पर 30 करोड़ रुपये खर्च हुए थे.
इस संबंध में उनके खिलाफ जालसाजी से संबंधित अपराधों, मानहानिकारक सामग्री को ट्वीट करने और भय पैदा करने के लिए एफआईआर दर्ज की गई थी.
एफआईआर में न्यूज क्लिपिंग को फर्जी बताते हुए कहा गया कि गोखले के ट्वीट में कहा गया था, ‘आरटीआई से खुलासा हुआ है कि मोदी के कुछ घंटों के मोरबी दौरे पर 30 करोड़ रुपये खर्च हुए. इसमें से 5.5 रुपये विशुद्ध रूप से ‘वेलकम, इवेंट मैनेजमेंट और फोटोग्राफी’ के लिए था. मरने वाले 135 पीड़ितों को 4 लाख रुपये की अनुग्रह राशि यानी 5 करोड़ रुपये मिले. सिर्फ मोदी के इवेंट मैनेजमेंट और पीआर की कीमत 135 लोगों की जान से ज्यादा है.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)