23 अक्टूबर, 1940 को ब्राज़ील के एक छोटे से क़स्बे में जन्मे पेले ने अपने पिता से इस खेल की बारिकियां सीखी थीं. उनके पिता भी एक फुटबॉल खिलाड़ी थे, जिनका करिअर घुटने की चोट के कारण पटरी से उतर गया था. 1,281 गोल करने का विश्व रिकॉर्ड बनाने के अलावा पेले तीन बार विश्व कप जीतने वाले एकमात्र खिलाड़ी भी थे.
नई दिल्ली: ब्राजील के महान फुटबॉल खिलाड़ी और देश को रिकॉर्ड तीन बार विश्व कप दिलाने वाले पेले का बीते गुरुवार को 82 साल की उम्र में निधन हो गया.
व्यापक रूप से फुटबॉल के महानतम खिलाड़ियों में से एक के रूप में माने जाने वाले पेले का वास्तविक नाम एडसन अरांतेस डो नैसिमेंटो था.
दो दशक के अपने करिअर के दौरान वह ब्राजीलियाई क्लब सैंटोस और फिर ब्राजील की राष्ट्रीय टीम के साथ खेलते हुए सबसे प्रचंड स्कोरर के तौर में अपने प्रशंसकों के साथ ही विरोधियों की भी वाहवाही लूटने वाले फुटबॉलर थे.
उनके निधन के बाद पेले के आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक पोस्ट में कहा गया है, ‘पेले ने खेल में अपनी प्रतिभा से दुनिया को मंत्रमुग्ध कर दिया और प्यार का संदेश फैलाने में मदद की. उनका संदेश आज आने वाली पीढ़ियों के लिए एक विरासत बन गया है. प्यार, प्यार और प्यार, हमेशा के लिए.’
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पेले पिछले कुछ समय से कैंसर से जूझ रहे थे. उन्हें किडनी और हृदय संबंधी समस्याएं भी थीं. डॉक्टरों ने इस सप्ताह की शुरुआत में घोषणा की थी कि कैंसर को नियंत्रित करने के लिए अस्पताल में रहने के दौरान उनकी स्वास्थ्य स्थिति खराब हो गई थी.
डायचे वेले की रिपोर्ट के अनुसार, पेले को बीते 29 नवंबर को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. सितंबर 2021 में उनके कोलन से एक ट्यूमर निकालने के बाद उन्हें नियमित रूप से अस्पताल में देखभाल मिल रही थी.
उनकी बेटी केली नैसिमेंटो ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट में उनकी मृत्यु की पुष्टि की. उन्होंने इस पोस्ट में दिवंगत फुटबॉल दिग्गज का हाथ पकड़े परिवार की एक तस्वीर साझा की.
उन्होंने लिखा, ‘हम आपसे बेहद प्यार करते हैं. रेस्ट इन पीस.’
पेले ने ब्राजील को फुटबॉल की ऊंचाइयों तक पहुंचाया. साओ पाउलो राज्य की सड़कों पर खेलते हुए शुरुआत करने करने वाले पेले अपने खेल के लिए एक वैश्विक राजदूत बन गए थे.
फुटबॉल के महानतम खिलाड़ियों के बारे में बातचीत में पेले के साथ केवल दिवंगत डिएगो माराडोना, लियोनेल मेसी और क्रिस्टियानो रोनाल्डो का उल्लेख किया गया है.
जैसे-जैसे उनका स्वास्थ्य बिगड़ता गया, उनकी यात्राएं और उनका सार्वजनिक तौर पर दिखना धीरे-धीरे कम होता गया. उन्हें अपने अंतिम वर्षों के दौरान अक्सर ह्वीलचेयर में देखा जाता था. पेले ने अपना 80वां जन्मदिन भी एक समुद्रतटीय घर में परिवार के कुछ चुनिंदा सदस्यों के साथ बिताया था.
23 अक्टूबर, 1940 को ट्रेस कोराकोस या ‘थ्री हार्ट्स’ के छोटे से कस्बे मिनस गेरैस में जन्मे पेले ने अपने पिता से इस खेल की बारिकियां सीखी थीं. उनके पिता भी एक पेशेवर फुटबॉल खिलाड़ी थे, जिसका करिअर घुटने की चोट के कारण पटरी से उतर गया था.
अपने विपुल कौशल और विजयी मुस्कान के साथ 1,281 गोल करने का विश्व रिकॉर्ड बनाने के अलावा पेले तीन बार विश्व कप ((1958, 1962 और 1970)) जीतने वाले एकमात्र खिलाड़ी भी थे. इन तीनों विश्व कप में से पहले मैच के दौरान वह 17 साल और 249 दिन की उम्र में दो बार नेटिंग करते हुए विश्व कप फाइनल में सबसे कम उम्र के स्कोरर बने थे.
फीफा की वेबसाइट के अनुसार, 1,366 प्रतियोगिताओं में पेले ने 1,281 गोल दागे थे. यह प्रति मैच 0.94 गोल की चौंकाने वाली दर है. इन प्रतियोगिताओं में से कुछ फ्रेंडली मैच थे और कुछ उन्होंने अपनी सैन्य सेवा के हिस्से के रूप में खेले थे. हालांकि इसके इतर वह 812 आधिकारिक फुटबॉल प्रतियोगिताओं में 757 गोल के साथ उतने ही शानदार खिलाड़ी थे.
कुल मिलाकर पेले ने ब्राजील के लिए 114 मैच खेले थे, जिसमें रिकॉर्ड 95 गोल किए, जिसमें आधिकारिक मैचों में 77 गोल शामिल थे.
शोक की लहर
डायचे वेले की रिपोर्ट के अनुसार, पेले की मौत से दुनिया भर में शोक की लहर दौड़ गई. ब्राजील की सरकार ने दिवंगत स्टार के लिए तीन दिनों के शोक की घोषणा की है.
देश के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति लुइज़ इनासियो लूला डा सिल्वा ने ट्विटर पर पेले के लिए श्रद्धांजलि पोस्ट की, जिसमें लिखा था कि दिवंगत स्टार को खेलते हुए देखकर उन्हें कैसा सौभाग्य मिला.
Confesso que tinha raiva do Pelé, porque ele sempre massacrava o meu Corinthians. Mas, antes de tudo, eu o admirava. E a raiva logo deu lugar à paixão de vê-lo jogar com a camisa 10 da Seleção Brasileira.
— Lula (@LulaOficial) December 29, 2022
लूला ने ब्राजील की राष्ट्रीय टीम के लिए खेलते समय पेले द्वारा पहने जाने वाले 10 नंबर की जर्सी का जिक्र करते हुए कहा, ‘उनके जैसा ‘नंबर 10 खिलाड़ी’ कभी नहीं था.’
Pelé nos deixou hoje. Foi fazer tabelinha no céu com Coutinho, seu grande parceiro no Santos. Tem agora a companhia de tantos craques eternos: Didi, Garrincha, Nilton Santos, Sócrates, Maradona… Deixou uma certeza: nunca houve um camisa 10 como ele. Obrigado, Pelé.
— Lula (@LulaOficial) December 29, 2022
ब्राजीलियाई फुटबॉल सुपरस्टार नेमार जूनियर ने कहा कि पेले ने सब कुछ बदल दिया. गरीबों, अश्वेत लोगों को आवाज दी और ब्राजील को नई पहचान दिलाई.
ब्राजील के सीबीएफ फुटबॉल महासंघ ने कहा कि पेले ने ‘हमें एक नया ब्राजील दिया और हम केवल उनकी विरासत के लिए उन्हें धन्यवाद दे सकते हैं.’
पुर्तगाली फुटबॉलर क्रिस्टियानो रोनाल्डो ने अपने इंस्टाग्राम पेज पर ब्राजील के लोगों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए एक श्रद्धांजलि पोस्ट की, जिसमें कहा गया कि ‘किंग पेले’ की मृत्यु ने पूरे फुटबॉल जगत को बहुत ‘दुख’ दिया है.
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हाल ही में फुटबॉल विश्व कप अपने नाम करने वाली अर्जेंटीना टीम के कप्तान लियोनेल मेसी इंस्टाग्राम पर पेले के साथ अपनी एक तस्वीर पोस्ट कर उन्हें श्रद्धांजलि दी.
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विश्व कप फुटबॉल प्रतियोगिता के अर्जेंटीना के साथ फाइनल मुकाबला खेलने वाली फ्रांस की टीम के दिग्गज खिलाड़ी किलियन एम्बाप्पे ने ट्विटर पर एक पोस्ट में अपनी संवेदनाएं व्यक्त की हैं.
एम्बाप्पे ने लिखा, ‘फुटबॉल के बादशाह हमें छोड़कर चले गए, लेकिन उनकी विरासत को कभी नहीं भुलाया जा सकेगा.’
The king of football has left us but his legacy will never be forgotten.
RIP KING 💔👑… pic.twitter.com/F55PrcM2Ud— Kylian Mbappé (@KMbappe) December 29, 2022
पेले ने दुनिया को फुटबॉल से मोहब्बत करना सिखाया
फुटबॉल खेलना अगर कला है तो उनसे बड़ा कलाकार दुनिया में शायद कोई दूसरा नहीं हुआ. तीन विश्व कप खिताब, 784 मान्य गोल और दुनिया भर के फुटबॉलप्रेमियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बने पेले उपलब्धियों की एक महान गाथा छोड़कर विदा हो गए.
यूं तो उन्होंने 1200 से अधिक गोल दागे थे, लेकिन फीफा ने 784 को ही मान्यता दी है .
खेल जगत के पहले वैश्विक सुपरस्टार में से एक पेले की लोकप्रियता भौगोलिक सीमाओं में नहीं बंधी थी. वह फुटबॉल की लोकप्रियता को चरम पर ले जाकर उसका बड़ा बाजार तैयार करने वाले पुरोधाओं में से रहे.
उनकी लोकप्रियता का आलम यह था कि 1977 में जब वह कोलकाता आए तो मानो पूरा शहर थम गया था. वह 2015 और 2018 में भी भारत आए थे.
भ्रष्टाचार, सैन्य तख्तापलट, सेंसरशिप और दमनकारी सरकारों को झेल रहे देश (ब्राजील) में उनका जन्म हुआ. 17 बरस के पेले ने हालांकि 1958 में अपने पहले ही विश्व कप में ब्राजील की छवि बदलकर रख दी.
स्वीडन में खेले गए टूर्नामेंट में उन्होंने चार मैचों में छह गोल किए, जिनमें से दो फाइनल में किए थे. ब्राजील को उन्होंने मेजबान पर 5-2 से जीत दिलाई और कामयाबी के लंबे चलने वाले सिलसिले का सूत्रपात किया.
फीफा द्वारा महानतम खिलाड़ियों में शुमार किए गए पेले राजनेताओं के भी पसंदीदा रहे. विश्व कप 1970 से पहले उन्हें राष्ट्रपति एमिलियो गारास्ताजू मेडिसि के साथ एक मंच पर देखा गया, जो ब्राजील की सबसे तानाशाह सरकार के सबसे निर्दयी सदस्यों में से एक थे.
ब्राजील ने वह विश्व कप जीता जो पेले का तीसरा विश्व कप भी था. ब्राजील की पेचीदा सियासत के सरमाये में मध्यम वर्ग से निकला एक अश्वेत खिलाड़ी विश्व फुटबॉल परिदृश्य पर छा गया.
उनकी लोकप्रियता का आलम यह था कि 1960 के दशक में नाइजीरिया के गृहयुद्ध के दौरान 48 घंटे के लिए विरोधी गुटों के बीच युद्धविराम हो गया, ताकि वे लागोस में पेले का एक मैच देख सकें.
वह कोस्मोस के एशिया दौरे पर 1977 में मोहन बागान के बुलावे पर कोलकाता भी आए. उन्होंने ईडन गार्डंस पर करीब आधा घंटा फुटबॉल खेला, जिसे देखने के लिए 80000 दर्शक मौजूद थे.
उस मैच के बाद मोहन बागान की मानो किस्मत बदल गई और टीम जीत की राह पर लौट आई.
उसके बाद वह 2018 में आखिरी बार कोलकाता आए और उनके लिए दीवानगी का आलम वही था.
पेले के 80वें जन्मदिन पर अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के अध्यक्ष थॉमस बाक ने कहा था, ‘आपने कभी ओलंपिक नहीं खेला, लेकिन आप ओलंपिक खिलाड़ी हैं, क्योंकि पूरे करिअर में ओलंपिक के मूल्यों को आपने आत्मसात किया.’
फुटबॉल जगत में यह बहस बरसों से चल रही है कि पेले, माराडोना और अब लियोनेल मेस्सी में से महानतम कौन है. डिएगो माराडोना ने दो साल पहले दुनिया को अलविदा कहा और मेस्सी ने दो सप्ताह पहले ही विश्व कप जीतने का अपना सपना पूरा किया.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)