गंगा की सफाई पर केंद्र ने 2014 से अब तक 13,000 करोड़ रुपये ख़र्च किए, उत्तर प्रदेश को सर्वाधिक आवंटन

राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय गंगा परिषद को बताया है कि वित्तीय वर्ष 2014-15 से 31 अक्टूबर 2022 तक केंद्र द्वारा उसे कुल 13,709.72 करोड़ रुपये जारी किए हैं, जिसमें से 4,205.41 करोड़ रुपये उसने उत्तर प्रदेश को दिए. परिषद की बैठक तीन साल बाद हुई है.

A man cleans garbage along the banks of the river Ganges in Kolkata, India, April 9, 2017. REUTERS/Danish Siddiqui
कोलकाता में गंगा नदी का किनारा. (फाइल फोटो: रॉयटर्स)

राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय गंगा परिषद को बताया है कि वित्त वर्ष 2014-15 से 31 अक्टूबर 2022 तक केंद्र द्वारा उसे कुल 13,709.72 करोड़ रुपये जारी किए हैं, जिसमें से 4,205.41 करोड़ रुपये उसने उत्तर प्रदेश को दिए. परिषद की बैठक तीन साल बाद हुई है.

A man cleans garbage along the banks of the river Ganges in Kolkata, India, April 9, 2017. REUTERS/Danish Siddiqui
कोलकाता में गंगा नदी का किनारा. (फाइल फोटो: रॉयटर्स)

नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) ने शुक्रवार को राष्ट्रीय गंगा परिषद (एनजीसी) को बताया है कि केंद्र सरकार ने 2014 से गंगा की सफाई पर 13,000 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए हैं और इस राशि में से सभी राज्यों के बीच उत्तर प्रदेश को सबसे बड़ा हिस्सा मिला है.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, तीन साल बाद हुई परिषद की बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से की. मोदी बैठक के लिए कोलकाता जाने वाले थे, लेकिन अपनी मां के निधन के कारण इसे वर्चुअली संबोधित किया.

जानकारी मिली है कि राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन, जो सरकार के महत्वाकांक्षी नमामि गंगे कार्यक्रम के कार्यान्वयन के लिए जिम्मेदार है, ने परिषद की बैठक के लिए तैयार किए गए एजेंडा नोट में एक विस्तृत वित्तीय प्रगति रिपोर्ट प्रदान की.

उपलब्ध विवरण के अनुसार, केंद्र ने वित्त वर्ष 2014-15 से 31 अक्टूबर 2022 तक राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन को कुल 13,709.72 करोड़ रुपये जारी किए हैं.

उस राशि में से अधिकांश (13,046.81 करोड़ रुपये) राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन द्वारा राज्य सरकारों, स्वच्छ गंगा राज्य मिशनों (एसएमसीजी) और अन्य एजेंसियों को कार्यक्रम के तहत परियोजनाओं के कार्यान्वयन के लिए जारी किए गए थे. इसमें से 4,205.41 करोड़ रुपये उत्तर प्रदेश को जारी किए गए, जो सभी राज्यों के बीच सबसे अधिक है.

व्यय कार्यक्रम के लिए आवंटित बजट का लगभग दो-तिहाई है. केंद्र ने जून 2014 में नमामि गंगे कार्यक्रम शुरू किया था, जिसका कुल बजटीय परिव्यय 20,000 करोड़ रुपये रखा गया था.

उत्तर प्रदेश के बाद बिहार (3,516.63 करोड़ रुपये), पश्चिम बंगाल (1,320.39 करोड़ रुपये), दिल्ली (1,253.86 करोड़ रुपये) और उत्तराखंड (1,117.34 करोड़ रुपये) का नंबर आता है.

नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत धन प्राप्त करने वाले अन्य राज्य झारखंड (250 करोड़ रुपये), हरियाणा (89.61 करोड़ रुपये), राजस्थान (71.25 करोड़ रुपये), हिमाचल प्रदेश (3.75 करोड़ रुपये) और मध्य प्रदेश (9.89 करोड़ रुपये) थे.

सरकार ने गंगा और उसकी सहायक नदियों का कायाकल्प करने के लिए 31 मार्च 2021 तक की अवधि के लिए 2014-15 में नमामि गंगे की शुरुआत की थी. कार्यक्रम को बाद में 31 मार्च 2026 तक और 5 वर्षों के लिए बढ़ा दिया गया था.

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