मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में छत्तीसगढ़ मंत्रिपरिषद की बैठक में राज्य के अधिकारियों-कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ देने का फैसला किया गया है, जबकि राज्य के अधिकारियों-कर्मचारियों के राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली की राशि वापस करने से इनकार कर चुकी है.
रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य के अधिकारियों-कर्मचारियों के राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) की राशि वापस करने के केंद्र सरकार की मनाही के बाद भी पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) का लाभ देने का फैसला किया है. जनसंपर्क विभाग के अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.
अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में शुक्रवार को राजधानी रायपुर स्थित उनके निवास कार्यालय में मंत्रिपरिषद की बैठक आयोजित की गई. बैठक में राज्य के अधिकारियों-कर्मचारियों के राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली की राशि वापस करने के केंद्र सरकार की मनाही के बाद भी पुरानी पेंशन योजना का लाभ देने का फैसला किया गया.
उन्होंने बताया कि मंत्रिमंडल की बैठक में फैसला किया गया कि शासकीय सेवकों को एक अप्रैल 2022 से ही छत्तीसगढ़ सामान्य भविष्य निधि (सीजीपीएफ) का सदस्य माना जाएगा और एक नंवबर 2004 या उसके बाद नियुक्त तिथि से 31 मार्च 2022 तक एनपीएस खाते (account) में जमा कर्मचारी अंशदान और उस पर अर्जित लाभांश शासकीय कर्मचारी को राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली नियमों के तहत देय होगा.
अधिकारियों ने बताया कि कर्मचारियों को राज्य शासन के अंशदान और उस पर अर्जित लाभांश जमा करने पर ही पुरानी पेंशन की पात्रता होगी. इसके लिए शासकीय सेवकों को राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के अंतर्गत पूर्ववत बने रहने अथवा पुरानी पेंशन योजना का लाभ प्राप्त करने का विकल्प नोटराइज्ड शपथ-पत्र में देना होगा. यह विकल्प अंतिम और अपरिवर्तनीय होगा.
उन्होंने बताया कि शासकीय सेवक द्वारा पुरानी पेंशन योजना के विकल्प लेने पर एक नवंबर 2004 से 31 मार्च 2022 तक एनपीएस खाते में शासन द्वारा जमा किए गए अंशदान और उस पर प्राप्त लाभांश को शासन के खाते में जमा करना होगा.
अधिकारियों ने बताया कि एक अप्रैल 2022 और उसके बाद नियुक्त होने वाले राज्य के शासकीय सेवक अनिवार्य रूप से पुरानी पेंशन योजना के सदस्य होंगे.
राज्य शासन के अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार ने पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (पीएफआरडीए) को पत्र लिखकर नवीन पेंशन स्कीम के तहत राज्य सरकार के योगदान की कुल राशि का वर्तमान बाजार मूल्य 17,240 करोड़ रुपए की मांग की है.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, पुरानी पेंशन योजना के तहत राज्य सरकार के कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति पर उनके अंतिम अर्जित वेतन (मूल वेतन और महंगाई भत्ता) का 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में मिलेगा.
गौरतलब है कि केंद्र सरकार और पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) अब तक पेंशन फंड यही कहते रहे हैं कि पेंशन फंड में अब तक जमा किए गए पैसे को राज्य सरकार को लौटाना संभव नहीं है.
एक अधिकारी ने कहा, ‘पीएफआरडीए एक्ट या नियमों में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है, जिसके जरिये एनपीएस फंड को राज्य में लौटाया जा सके. इस बारे में राज्य सरकार को बता दिया गया है.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)