जम्मू कश्मीर के राजौरी में हुए आतंकी हमले में एक बच्चे समेत पांच लोगों की मौत

जम्मू-कश्मीर के राजौरी ज़िले के डांगरी गांव में रविवार की शाम संदिग्ध आतंकवादियों ने तीन मकानों पर गोलीबारी की, जिसमें चार लोग लोगों की मौत हो गई और छह अन्य घायल हो गए हैं. इस हमले के पीड़ितों में से एक के घर के पास सोमवार को हुए एक आईईडी विस्फोट में एक बच्चे की मौत हो गई, जबकि चार अन्य घायल हो गए हैं.

Rajouri: Family members mourn near mortal remains of four civilians, who were gunned down by unidentified men on Sunday evening, in Dhangri area of Rajouri, Monday, Jan. 2, 2023. (PTI Photo)(PTI01_02_2023_000025B)

जम्मू-कश्मीर के राजौरी ज़िले के डांगरी गांव में रविवार की शाम संदिग्ध आतंकवादियों ने तीन मकानों पर गोलीबारी की, जिसमें चार लोग लोगों की मौत हो गई और छह अन्य घायल हो गए हैं. इस हमले के पीड़ितों में से एक के घर के पास सोमवार को हुए एक आईईडी विस्फोट में एक बच्चे की मौत हो गई, जबकि चार अन्य घायल हो गए हैं.

राजौरी के डांगरी गांव में रविवार शाम को आतंकवादियों द्वारा गोली मारकर चार नागरिकों की हत्या कर दी. (फोटो: पीटीआई)

राजौरी/जम्मू: जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले के डांगरी गांव में रविवार की शाम संदिग्ध आतंकवादियों ने तीन मकानों पर गोलीबारी की. अधिकारियों ने बताया कि घटना में चार लोगों की मौत हो गई, जबकि छह अन्य घायल हो गए हैं.

इसके अलावा गांव में संदिग्ध आतंकवादी हमले के पीड़ितों में से एक के घर के पास सोमवार को हुए एक आईईडी विस्फोट में एक बच्चे की मौत हो गई, जबकि चार अन्य घायल हो गए.

माना जाता है कि आतंकवादी दो थे, उन लोगों ने मास्क पहने हुए थे और सबसे पहले उन्होंने अपर डांगरी में एक घर पर हमला किया और वहां कई लोगों को गोली मार दी थी.

गौरतलब है कि घाटी के मुकाबले बेहद शांत रहने वाले जम्मू क्षेत्र में पिछले कई वर्षों में यह पहला ऐसा हमला है और वह भी नये साल के पहले दिन हुआ है.

जम्मू जोन के अवर पुलिस महानिदेशक मुकेश सिंह ने बताया कि पुलिस, सेना और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने संयुक्त रूप से विस्तृत घेराबंदी की है और तलाशी अभियान चलाया है, ताकि अपर डांगरी गांव में हुई गोलीबारी में लिप्त दो ‘हथियारबंद लोगों’ को पकड़ा जा सके.

सिंह ने बताया था, ‘गोलियां एक-दूसरे से करीब 50 मीटर की दूरी पर स्थित तीन मकानों पर चलाई गईं. दो आम नागरिकों की मौत हो गई, जबकि चार घायल हो गए.’

हालांकि, अधिकारियों ने बाद में बताया कि घायलों में से और दो लोगों की मौत होने से मरने वालों की संख्या बढ़कर चार हो गई है.

प्रत्यक्षदर्शियों के हवाले से अधिकारियों ने बताया कि शाम करीब सात बजे दो संदिग्ध आतंकवादी गांव के पास आए और तीनों मकानों पर अंधाधुंध गोलियां चलाने के बाद भाग गए.

एक अधिकारी ने बताया, ‘गोलीबारी 10 मिनट के भीतर बंद हो गई. पहले उन्होंने अपर डांगरी में एक मकान पर गोलियां चलाई और फिर 25 मीटर दूर हटने के बाद वहां कई अन्य लोगों को गोलियां मारीं. उन्होंने गांव से भागने से पहले दूसरे मकान से करीब 25 मीटर की दूरी पर स्थित और एक मकान पर गोलियां चलाईं.’

उन्होंने बताया कि गोलीबारी में कुल 10 लोग घायल हुए, जिनमें से तीन लोगों को सरकारी मेडिकल कॉलेज, राजौरी के चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया. वहीं, हेलीकॉप्टर से तीन घायलों को जम्मू ले जाया जा रहा था, जिनमें एक की रास्ते में ही मौत हो गई.

अधिकारी ने बताया कि मृतकों की पहचान सतीश कुमार (45 वर्ष), दीपक कुमार (23 वर्ष), प्रीतम लाल (57 वर्ष) और शिशुपाल (32 वर्ष) के रूप में हुई है.

उन्होंने बताया कि घायलों की पहचान पवन कुमार (38 वर्ष), रोहित पंडित (27 वर्ष), सरोज बाला (35 वर्ष), रिदम शर्मा (17 वर्ष) और पवन कुमार (32 वर्ष) के रूप में हुई है.

सरकारी मेडिकल कॉलेज, राजौरी के चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर महमूद ने गोलीबारी की घटना में चार लोगों के मरने की पुष्टि की है.

बच्चे की मौत के संबंध में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी), जम्मू, मुकेश सिंह ने कहा, ‘(परिष्कृत विस्फोटक उपकरण यानी आईईडी से) विस्फोट उस घर के निकट हुआ, जहां कल (रविवार) गोलीबारी की पहली घटना हुई थी. धमाके में पांच लोग घायल हुए. घायलों में से एक बच्चे को बचाया नहीं जा सका, जबकि एक अन्य व्यक्ति की हालत गंभीर है.’

उन्होंने कहा कि घायलों को अस्पताल ले जाया गया है तथा एक अन्य संदिग्ध आईईडी देखा गया है.

एक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा कि सोमवार सुबह नौ से 9:30 बजे के बीच जब विस्फोट हुआ तो उस वक्त रविवार को हुए हमले के पीड़ित के रिश्तेदार समेत कई लोग घर में मौजूद थे.

रविवार को हुए हमले के संदर्भ में प्रत्यक्षदर्शियों के हवाले से अधिकारियों ने बताया कि शाम करीब सात बजे दो संदिग्ध आतंकवादी गांव के पास देखे गए और एक मंदिर के पास तीन मकानों पर अंधाधुंध गोलियां चलाने के बाद वे भाग गए.

डांगरी के सरपंच धीरज कुमार ने बताया कि रविवार शाम करीब सात बजे गोलियां चलने की आवाज सुनाई दी और बाद में आतंकवादियों द्वारा गोलियां चलाए जाने की सूचना मुझे फोन पर मिली.

इस बीच हमले में मारे गए लोगों के शवों के साथ लोग सोमवार को डांगरी चौक पर इकट्ठा हो गए और सड़कों को जाम कर दिया. अधिकारियों ने कहा कि वे लोग जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से विरोध स्थल पर आने की मांग कर रहे हैं.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, इस बीच, राजौरी शहर में आतंकवादी हमले में नागरिकों की मौत के विरोध में मंगलवार को पूर्ण बंद का आह्वान किया गया है. बंद का आह्वान श्री सनातन धर्म सभा, राजौरी द्वारा किया गया है और इसे विश्व हिंदू परिषद, भाजपा और व्यापारी संघ का समर्थन प्राप्त है.

संदिग्ध आतंकवादियों की धरपकड़ के लिए घेराबंदी व तलाशी अभियान तेज

इस घटना के बाद जम्मू और कश्मीर पुलिस, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और भारतीय सेना ने हत्याओं के पीछे आतंकवादियों के लिए इलाके में तलाशी शुरू कर दी है.

राजौरी के डांगरी गांव में हुए हमले के बाद आतंकियों की तलाश में सेना ड्रोन का उपयोग भी कर रही है. (फोटो: पीटीआई)

सुरक्षा बलों ने सोमवार को राजौरी जिले में लोगों पर हमले में शामिल दो संदिग्ध आतंकवादियों का पता लगाने के लिए अतिरिक्त कर्मचारियों के साथ घेराबंदी और तलाशी अभियान तेज कर दिया.

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘घेराबंदी और तलाशी अभियान तेज कर दिया गया है. इसे आज सुबह फिर से शुरू किया गया और अतिरिक्त जवानों को शामिल किया गया है.’

संदिग्ध आतंकवादियों की तलाश के बारे में अधिकारी ने कहा कि सेना, पुलिस, विशेष अभियान समूह और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवान घेराबंदी और तलाशी अभियान में शामिल हैं. उन्होंने कहा कि ड्रोन और खोजी कुत्ते भी तैनात किए गए हैं.

राजौरी में हमले के मद्देनजर सुरक्षा बढ़ा दी गई है, जहां हत्याओं के विरोध में शहर में पूरी तरह से बंद है.

राजौरी में ग्रामीणों पर हमले की राजनीतिक दलों ने निंदा की

जम्मू-कश्मीर में विभिन्न राजनीतिक दलों ने ग्रामीणों पर आतंकवादियों द्वारा किए गए हमले की कड़ी निंदा की है. हमले में चार ग्रामीणों की मौत हुई, जबकि कई लोग घायल हुए हैं.

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने जहां संघ शासित प्रदेश से आतंकवाद के खात्मे का संकल्प लिया है. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र राणा ने घटना की निंदा करते हुए इसे पाकिस्तानी आतंकवादियों की ‘कायराना हरकत’ बताया है और संघ शासित प्रदेश से उनके तथा उनके समर्थकों के खात्मे की कसम ली है.

जम्मू और कश्मीर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष विकार रसूल वानी, कार्यकारी अध्यक्ष रमन भल्ला और मुख्य प्रवक्ता रविंदर शर्मा ने भी आतंकवादी हमले पर हैरानी जताते हुए कहा कि यह जम्मू-कश्मीर में जमीनी स्थिति के बारे में सरकार और सुरक्षा बलों के दावों को झुठलाता है.

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, ‘राजौरी में आतंकवादी हमले की कांग्रेस कड़ी निंदा करती है. घटना बहुत गंभीर और आश्चर्यजनक है तथा केंद्र शासित प्रदेश में सुरक्षा हालात बेहतर होने के सरकार के दावों की पोल खोलती है.’

प्रवक्ता ने कहा, ‘सरकार पहले कश्मीर में और अब जम्मू में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा करने में नाकाम रही है.’

कांग्रेस के बयान में कहा गया है कि पार्टी आतंकवाद से निपटने और मासूम जिंदगियों को बचाने में पुलिस तथा सुरक्षा बलों का पूर्ण सहयोग करती है.

पीड़ित परिवारों के साथ संवेदना जताते हुए कांग्रेस ने मृतकों के परिजनों के लिए 50-50 लाख रुपये और घायलों के लिए 10-10 लाख रुपये अनुग्रह राशि की मांग की है.

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने एक ट्वीट में कहा, ‘मैं राजौरी में किए गए कायराना हमले की कड़ी निंदा करता हूं. मैं लोगों को आश्वस्त करता हूं कि इस घृणित कृत्य के लिए जिम्मेदार लोगों को बख्शा नहीं जाएगा. मेरी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं शोक संतप्त परिवारों का साथ हैं.’

उन्होंने कहा कि इस कायरतापूर्ण हमले में मारे गए प्रत्येक नागरिक के निकट संबंधी को 10 लाख रुपये अनुग्रह राशि और एक सरकारी नौकरी दी जाएगी. गंभीर रूप से घायलों को एक लाख रुपये दिए जाएंगे. अधिकारियों को घायलों का बेहतर इलाज सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है.

डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी ने भी हमले की निंदा की है. पार्टी प्रमुख गुलाम नबी आजाद ने कहा, ‘मैं डांगरी, राजौरी में आतंकवादी हमले की कटु निंदा करता हूं, जिसमें तीन (चार) लोग मारे गए हैं.’

नेशनल कॉन्फ्रेंस के अलावा पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने भी घटना की निंदा की.

नेशनल कॉन्फ्रेंस की ओर से ट्वीट कर कहा गया, ‘फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला ने राजौरी में नागरिकों पर कायरता और नीचतापूर्ण हमले की कड़े शब्दों में निंदा की है. उन्होंने मृतकों की शांति और शोक संतप्त को शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की है.’

उमर अब्दुल्ला ने एक ट्वीट में कहा, जम्मू के राजौरी जिले में निशाना बनाकर किए गए इस हमले के बारे में जानकारी सामने आने से गहरा धक्का लगा है. मैं स्पष्ट रूप से इस जघन्य हमले की निंदा करता हूं और मृतकों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं. मुझे उम्मीद है कि इस हमले में घायल हुए लोग तेजी से और पूरी तरह से ठीक हो जाएंगे.

पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट कर कहा, ‘इस कायरतापूर्ण कृत्य की निंदा करते हैं और उनके परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं. भाजपा के शासन में होने और उग्रवाद को खत्म करने के उसके झूठे दावों के बावजूद हिंसा बेरोकटोक जारी है. अगर जम्मू-कश्मीर की अपनी निर्वाचित सरकार होती, तो वही मीडिया अब तक उसकी (सरकार) आलोचना कर रहा होता.’

जम्मू-कश्मीर पीपुल्स कॉन्फ्रेंस सुप्रीमो सज्जाद लोन ने एक ट्वीट में ‘नरसंहार’ पर कहा, ‘इस नृशंस कृत्य के अपराधी नरक में सड़ेंगे.’ उन्होंने कायरतापूर्ण कृत्य की निंदा की और कहा कि उनकी संवेदनाएं उन परिवारों के साथ हैं, जिन्होंने अपनी जान गंवाई हैं.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन के अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता एमके भारद्वाज ने आतंकवादी हमले को एक बड़ी सुरक्षा चूक बताया और कहा कि पुलिस और सुरक्षा बलों को पहले से ही राजौरी शहर के बाहरी इलाके में आतंकवादियों के बारे में इनपुट मिल रहे थे.

उन्होंने शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की और सरकार से उन्हें पर्याप्त अनुग्रह राशि देने की मांग की.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)