आंध्र प्रदेश के गुंटूर में तेलुगू देशम पार्टी प्रमुख एन. चंद्रबाबू नायडू की जनसभा के बाद कथित तौर पर उपहार लेने के दौरान भगदड़ मच गई, जिसमें तीन महिलाओं की मौत हो गई और सात अन्य लोग घायल हो गए. बीते 28 दिसंबर को दक्षिणी आंध्र प्रदेश स्थित नेल्लोर में इसी तरह के एक कार्यक्रम के दौरान मची भगदड़ में आठ लोगों की मौत हो गई थी.
अमरावती: आंध्र प्रदेश की राजधानी अमरावती के पास एक जनसभा के बाद तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) प्रमुख एन. चंद्रबाबू नायडू के एक कार्यक्रम में उपहार लेने के लिए लोगों में लगी होड़ के दौरान मची भगदड़ में रविवार को तीन महिलाओं की मौत हो गई तथा कई घायल हो गए. राज्य सरकार ने यह जानकारी दी.
गौरतलब है कि इस घटना के महज चार दिन पहले बीते 28 दिसंबर को दक्षिणी आंध्र प्रदेश स्थित नेल्लोर में इसी तरह के एक कार्यक्रम के दौरान मची भगदड़ में आठ लोगों की मौत हो गई थी.
स्वास्थ्य मंत्री वी. रजनी ने बताया कि एक महिला की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दो अन्य घायलों ने अस्पताल ले जाते समय रास्ते में दम तोड़ दिया.
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि जैसे ही आयोजकों ने साड़ियों सहित अन्य उपहार बांटने शुरू किए, भीड़ उमड़ पड़ी और उन्होंने अवरोधकों को गिरा दिया, जिसके चलते भगदड़ मच गई.
उन्होंने बताया कि अमरावती से करीब 33 किमी दूर गुंटूर में एक जनसभा को संबोधित करने के बाद तेदेपा प्रमुख चंद्रबाबू नायडू के आयोजन स्थल से चले जाने के बाद उपहार वितरण शुरू किया गया था.
इस घटना पर दुख जताते हुए मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी ने कहा कि सरकार मृतकों के परिवारों के साथ खड़ी है. एक बयान में उन्होंने घायलों का शीघ्रता से इलाज करने के आदेश दिए.
मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, सरकार ने मृतकों के निकटतम परिजनों को दो-दो लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है.
स्वास्थ्य मंत्री वी. रजनी ने आरोप लगाया कि तेदेपा उपहार वितरण का आश्वासन देकर लोगों को रिझाने के लिए पिछले 10 दिनों से प्रचार कर रही थी.
उन्होंने गुंटूर में एक अस्पताल में संवाददाताओं से कहा, ‘चंद्रबाबू नायडू के प्रचार के जुनून में तीन लोगों की बलि चढ़ा दी गई.’
इसी अस्पताल में घायलों का उपचार किया जा रहा है.
हालांकि, यह एक निजी कार्यक्रम था, पर राज्य सरकार ने पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था की थी. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, ‘चंद्रबाबू नायडू को मौतों की जिम्मेदारी लेनी चाहिए.’
अस्पताल में भर्ती कराई गई एक महिला ने संवाददाताओं से कहा कि उन्हें दिन में टोकन जैसी एक पर्ची दी गई थी और वे तेदेपा की सभा के आयोजन स्थल पर उपहार लेने गई थीं.
उन्होंने बताया कि अचानक बहुत भीड़ हो गई और लोगों के एक दूसरे से आगे जाने की होड़ में भगदड़ मच गई. उन्होंने कहा कि लोग जमीन पर गिर गए, जिससे मौतें हुईं.
गुंटूर पूर्वी के विधायक मोहम्मद मुस्तफा ने भी इस घटना के लिए चंद्रबाबू नायडू को जिम्मेदार ठहराया.
खबरों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि तीन लोगों की मौत हो गई और घायलों की संख्या के बारे में उनके पास कोई जानकारी नहीं है.
विधायक ने कहा, ‘मैं राज्य सरकार से इस तरह की गतिविधियों पर रोक लगाने का आग्रह करता हूं, क्योंकि वे (तेदेपा) लोगों की जान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. हमने हाल में ही कंदुकुरू में इस तरह की घटना देखी थी.’
वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के महासचिव और सरकार के सलाहकार (राजनीतिक मामले) एस. रामकृष्ण रेड्डी ने एक बयान में तेदेपा और उसके प्रमुख चंद्रबाबू को इस दुखद घटना के लिए जिम्मेदार बताया.
उन्होंने 29 दिसंबर को मीडिया से बातचीत में कहा था कि चंद्रबाबू नायडू ने ‘जान-बूझकर’ संकरी गलियों में रैली रखी थी, ताकि वह ड्रोन के जरिये लिए गए फुटेज में भारी भीड़ दिखा सकें, लेकिन नायडू का यह स्वप्रचार फेल हो गया और आठ लोगों की ‘हत्या’ हो गई, जबकि तमाम लोग घायल हो गए.
तेदेपा ने भगदड़ के लिए जगन मोहन रेड्डी सरकार को ठहराया जिम्मेदार
तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) ने उसके एक कार्यक्रम में मची भगदड़ के लिए आंध्र प्रदेश सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. पार्टी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए जान गंवाने वाले लोगों के परिजन को पांच-पांच लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की, जबकि राज्य सरकार ने जान गंवाने वाले लोगों के परिजन को दो-दो लाख रुपये देने की घोषणा की है.
तेदेपा नेता मन्नव मोहन कृष्णा ने भी जान गंवाने वाले लोगों के परिवार वालों को तीन-तीन लाख रुपये की अतिरिक्त सहायता देने की घोषणा की है.
तेदेपा के प्रदेश अध्यक्ष के. अत्चन्नायडू ने वाईएस जगन मोहन रेड्डी सरकार पर पर्याप्त सुरक्षा मुहैया न कराने का आरोप लगाते हुए उसे इस घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया.
अत्चन्नायडू ने एक बयान में कहा, ‘क्या यह पुलिस की जिम्मेदारी नहीं है कि वह पर्याप्त सुरक्षा और उचित भीड़ नियंत्रण उपायों को सुनिश्चित करे जहां एक पूर्व मुख्यमंत्री व विपक्ष के नेता कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे हैं? ऐसा लगता है कि जगन सरकार अपने आरोप-प्रत्यारोप के खेल को अंजाम देने के लिए लोगों की जान दांव पर लगा रही है.’
नायडू ने एक अलग बयान में कहा कि वह भगदड़ और गरीब लोगों की मौत की घटना से स्तब्ध हैं.
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. मैं गरीबों की मदद करने की स्वैच्छिक संगठन की पहल को प्रोत्साहित करने के लिए इस कार्यक्रम में शामिल हुआ था. मैं बेहद आहत हूं कि इस कार्यक्रम का अंत इतना दुखद रहा.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)