विधानसभा चुनाव में सड़क-नाली जैसे छोटे मुद्दे नहीं, लव जिहाद प्राथमिकता में हो: कर्नाटक भाजपा अध्यक्ष

कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नलिन कुमार कतील ने एक आयोजन में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में लोग सड़क, नाली और अन्य छोटे-छोटे मुद्दों पर बात न करें, 'लव जिहाद' रोकने के लिए भाजपा की जरूरत है.

कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नलिन कुमार कतील ने एक आयोजन में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में लोग सड़क, नाली और अन्य छोटे-छोटे मुद्दों पर बात न करें, ‘लव जिहाद’ रोकने के लिए भाजपा की ज़रूरत है.

कर्नाटक भाजपा प्रदेश अध्यक्ष नलिन कुमार कतील. (फोटो साभार: फेसबुक)

बेंगलुरु: कर्नाटक के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष नलिन कुमार कतील ने कहा है कि इस साल के विधानसभा चुनाव में राज्य के लोगों को ‘सड़क, नाली और अन्य छोटे मुद्दों’ की चिंता करने के बजाय ‘लव जिहाद’ के मुद्दे को प्राथमिकता देनी चाहिए.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, नलिन कुमार ने यह टिप्पणी कांग्रेस के उस बयान पर की है, जिसमें पार्टी ने कहा था कि ‘भाजपा अपनी विफलताओं और भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए सांप्रदायिक संघर्ष का इस्तेमाल करती है.’

आगामी चुनावों के लिए मंगलुरु शहर के निर्वाचन क्षेत्रों में पार्टी कार्यकर्ताओं को तैयार करने के लिए सोमवार को आयोजित ‘बूथ विजय अभियान’ की शुरुआत पर बोलते हुए कतील ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर प्रतिबंध लगाने के केंद्र के कदम का स्वागत किया और कहा कि इससे कई हिंदू कार्यकर्ताओं की जान बचाने में मदद मिली है. उन्होंने आरोप लगाया कि इस प्रतिबंधित समूह ने कई हत्याओं की साजिश रची थी.

उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को बताया, ‘इसलिए मैंने उनसे कहा कि वे सड़क, गटर, नालियों और अन्य छोटे मुद्दों के बारे में बात न करें… अगर मुद्दा आपके बच्चों के जीवन से जुड़ा है- लव जिहाद- तो उसे रोका जाना चाहिए, तो हमें भाजपा (सरकार बनाने) की जरूरत है.’

कतील के भाषण का एक वीडियो (कन्नड़ से अनूदित) ट्वीट करते हुए कर्नाटक कांग्रेस ने सोमवार को लिखा, ‘राज्य का विकास, रोजगार और शिक्षा मामूली मुद्दे हैं! यह शर्मनाक है कि भाजपा ने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं से विकास, जो उसने बहुत कम किया है, के बारे में बात नहीं करने के लिए कहा है.’

कतील ने सोमवार को भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करत हुए आरोप लगाया कि प्रतिबंध लगने से पहले पीएफआई राज्य में दंगे फैला रहा था. भाजपा नेता ने दावा किया कि इस समूह ने हिंदू कार्यकर्ताओं को निशाना बनाते हुए ‘हत्याओं की एक श्रृंखला’ की योजना बनाई थी.

उन्होंने कहा, ‘अगर पीएफआई पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया होता, तो आज हमारे बीच मंच पर भाजपा नेता मोनप्पा भंडारी और (दक्षिण कन्नड़ के) हरि कृष्ण बंटवाल नहीं होते. विधायक वेदव्यास कामत यहां नहीं होते. उनकी तस्वीरों पर केवल माला होती.’

गौरतलब है कि 31 दिसंबर को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बेंगलुरु में कहा था कि कर्नाटक के लोगों के लिए विधानसभा चुनाव अयोध्या और बद्रीनाथ जैसे हिंदू पूजा स्थलों को विकसित करने वालों और टीपू सुल्तान का महिमामंडन करने वालों के बीच चयन करने का एक विकल्प है.

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