जम्मू कश्मीर: राजौरी आतंकी हमले के विरोध में कश्मीरी पंडितों ने कैंडल मार्च निकाला

जम्मू कश्मीर में राजौरी ज़िले के डांगरी गांव में बीते रविवार को आतंकवादियों ने चार लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी थी. कुछ घंटों बाद सोमवार सुबह एक घर में एक आईईडी फट गया, जिसमें दो नाबालिग मारे गए थे.

(फाइल फोटो: एएनआई)

जम्मू कश्मीर में राजौरी ज़िले के डांगरी गांव में बीते रविवार को आतंकवादियों ने चार लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी थी. कुछ घंटों बाद सोमवार सुबह एक घर में एक आईईडी फट गया, जिसमें दो नाबालिग मारे गए थे.

(फोटो साभार: एएनआई)

जम्मू कश्मीर: राजौरी में आतंकवादियों द्वारा छह नागरिकों की हत्या के खिलाफ मंगलवार को कई कश्मीरी पंडित प्रवासी कर्मचारियों ने कैंडल मार्च निकाला.

इस संबंध में समाचार एजेंसी एएनआई ने जानकारी दी है. इससे पहले, मंगलवार को पीड़ितों के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए डांगरी गांव में भारी भीड़ उमड़ी.

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की टीम भी मामले की जांच के लिए राजौरी के ऊपरी डांगरी गांव पहुंची थी.

बता दें कि रविवार की रात डांगरी गांव में आतंकवादियों ने एक पिता-पुत्र सहित चार नागरिकों को उनके घरों में घुसकर मार डाला था.

कुछ घंटों बाद सोमवार सुबह करीब नौ बजे पीड़ितों में से एक के घर में एक इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) फट गया. इस विस्फोट में दो नाबालिगों की मौत हो गई और 12 लोग घायल हो गए.

दोनों हमलों के बाद सोमवार शाम को राजौरी के जीएमसी एसोसिएशन के चिकित्सा अधीक्षक ने कहा था, ‘छह लोग मारे गए हैं और 12 लोग जम्मू के तीन सरकारी मेडिकल कॉलेजों में उपचाराधीन हैं.’

16 दिसंबर को सेना के एक शिविर के बाहर दो लोगों के मारे जाने के बाद पिछले दो हफ्तों में राजौरी जिले में नागरिक हत्याओं की यह तीसरी घटना है.

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक एक प्रदर्शनकारी ने कहा, ‘हमने हत्याओं के विरोध में कैंडल मार्च निकाला है. जम्मू कश्मीर में हिंदू सुरक्षित नहीं हैं. सरकार को लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए.’

वहीं, बुधवार को पूरे जम्मू क्षेत्र में घटना के विरोध में प्रदर्शन हुए. वहीं, पुंछ के सीमावर्ती शहर में बंद को दो दिन हो गए हैं. बंद को देखते हुए पुंछ और राजौरी के सीमावर्ती जिलों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है.

इस दौरान दुकानें और व्यवसाय बंद रहे और सैकड़ों लोग प्रदर्शन करते हुए सड़कों पर उतर आए. उन्होंने पाकिस्तान विरोधी नारे लगाए और टायर जलाए. साथ ही मांग की कि जम्मू क्षेत्र के जिलों में अल्पसंख्यकों वाले स्थानों पर सुरक्षा बढ़ाई जाए.

कठुआ में प्रदर्शनकारियों ने राजमार्ग जाम कर दिया, जिससे घंटे भर तक यातायात बाधित रहा.

स्थानीय भाजपा नेता के नेतृत्व में प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तान के खिलाफ कदम उठाने की मांग की और पड़ोसी देश का पुतला जलाया.

उदार, युवा राजपूत सभा ने भी कैंडल मार्च निकाला और भाजपा की आलोचना की. सभा के एक नेता ने कहा, ‘इसने जम्मू कश्मीर में आतंकवाद को खत्म करने के एलजी प्रशासन के दावे को उजागर कर दिया है, स्थिति 1990 की तरह है जब कश्मीरी पंडितों को हत्याओं के कारण घाटी से बाहर जाना पड़ा था.’

डेमोक्रेटिक आज़ाद पार्टी, जम्मू विश्वविद्यालय के छात्रों, त्रिकुटानगर व्यापार संघ, विहिप और बजरंग दल ने भी जम्मू में विरोध प्रदर्शन किया.

उधमपुर, अखनूर, कटरा, रियासी, सांबा, किश्तवाड़ और डोडा जिलों में भी कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन हुए. हत्याओं के विरोध में जम्मू और राजौरी में वकीलों ने भी बंद रखा.