पंजाब के मंत्री रहे फौजा सिंह सरारी और उनके पूर्व सहयोगी के बीच कथित बातचीत का एक ऑडियो क्लिप सितंबर 2022 में सामने आया था. क्लिप में वह ‘धन की वसूली’ के लिए कुछ ठेकेदारों को ‘फंसाने’ के तौर तरीकों पर कथित रूप से चर्चा करते सुनाई देते हैं.
चंडीगढ़: भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद पंजाब के मंत्री फौजा सिंह सरारी ने शनिवार को भगवंत मान कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया.
कुछ महीने पहले वह एक ऑडियो क्लिप को लेकर पैदा हुए विवाद में फंस गए थे. इस क्लिप में वह ‘धन की वसूली’ के लिए कुछ ठेकेदारों को ‘फंसाने’ के तौर तरीकों पर कथित रूप से चर्चा करते सुनाई देते हैं.
सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) की पंजाब इकाई के प्रवक्ता मलविंदर सिंह कांग ने बताया कि सरारी ने ‘व्यक्तिगत कारणों’ का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया है.
इस बीच पटियाला ग्रामीण क्षेत्र से विधायक डॉ. बलबीर सिंह ने सरारी की जगह मंत्री पद की शपथ ली है. सरारी के पास बागवानी एवं खाद्य प्रसंस्करण समेत कुछ विभाग थे.
सरारी और उनके पूर्व सहयोगी के बीच कथित बातचीत का एक ऑडियो क्लिप सितंबर 2022 में सामने आया था, जिसमें दोनों खाद्यान्न ढुलाई के ठेकेदारों से ‘धन की वसूली’ करने के लिए कुछ अधिकारियों के जरिए उन्हें ‘फंसाने’ के तौर तरीकों पर चर्चा कर रहे हैं.
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, कथित तौर पर क्लिप को उनके ओएसडी तरसेम लाल कपूर ने लीक किया था, जो कथित तौर पर एक पुलिस मामले में अपने रिश्तेदार का बचाव नहीं करने के लिए मंत्री से नाराज थे.
सरारी ने तब कहा था कि क्लिप फर्जी है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि ‘एडिटेड ऑडियो’ उनके ओएसडी के भतीजे के खिलाफ एफआईआर दर्ज किए जाने के बाद आया था. ओएसडी कभी मंत्री के बेहद करीबी थे.
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने 29 सितंबर 2022 को मीडिया को बताया था कि उन्होंने सरारी को नोटिस जारी किया है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. हालांकि विपक्ष ने उनके खिलाफ एक अभियान शुरू किया और पिछले विधानसभा सत्र के दौरान इस मुद्दे को उठाया था, लेकिन सीएम मान ने चुप्पी साध ली थी.
61 वर्षीय सेवानिवृत्त पुलिसकर्मी सरारी फिरोजपुर के गुरू हरसहाय निर्वाचन क्षेत्र से पंजाब विधानसभा के लिए निर्वाचित हुए थे. उन्होंने शिरोमणि अकाली दल के वरदेव सिंह को 10,574 मतों के अंतर से हराया था.
इससे पहले मई 2022 में स्वास्थ्य मंत्री विजय सिंगला को भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर राज्य मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया गया था. यह घटना विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करके आप के सत्ता में आने के महज दो महीने बाद हुई थी. पंजाब में आम आदमी पार्टी ने विधानसभा की 117 में से 92 सीट पर जीत हासिल की थी.
विपक्षी कांग्रेस और भाजपा ने सवाल उठाया था कि करीब चार महीने पहले ऑडियो क्लिप सामने आने के बाद आप सरकार ने उनके (सरारी के) खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की थी.
इससे पहले पंजाब सतर्कता ब्यूरो ने पूर्व मंत्री सुंदर शाम अरोड़ा को अपने विरूद्ध मामलों को निपटाने में मदद के लिए उसके एक अधिकारी को 50 लाख रुपये रिश्वत की कथित रूप से पेशकश करने को लेकर गिरफ्तार किया था. तब विपक्ष ने आरोप लगाया था कि आप सरकार भ्रष्टाचार के मुद्दे पर दोहरा मापदंड अपना रही है. उसने सवाल किया था कि ऑडियो क्लिप मामले में सरारी को क्यों गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है.
अरोड़ा कांग्रेस सरकार में मंत्री थे और वह पिछले साल जून में भाजपा में शामिल हो गए थे.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)