ब्राज़ील के नए राष्ट्रपति लुइज़ इंसियो लूला दा सिल्वा ने बीते सप्ताह कार्यभार संभाला था, इसके हफ्ते भर बाद ही रविवार को पूर्व राष्ट्रपति जेयर बोल्सनारो के समर्थकों ने बड़ी तादाद में राष्ट्रपति भवन, संसद और सुप्रीम कोर्ट पर धावा बोलकर तोड़फोड़ और लूटपाट की. गौरतलब है कि बोल्सनारो चुनाव में अपनी हार स्वीकार करने से इनकार कर चुके हैं.
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रियो डी जेनेरो: ब्राजील के पूर्व राष्ट्रपति जेयर बोल्सनारो, जिन्होंने राष्ट्रपति चुनाव में अपनी हार को स्वीकार करने से इनकार कर दिया है, के समर्थकों ने रविवार को राजधानी में कांग्रेस, सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रपति भवन पर धावा बोल दिया.
गौरतलब है कि यह घटना नए राष्ट्रपति लुइज़ इंसियो लूला दा सिल्वा द्वारा कार्यभार संभालने के हफ्ते भर बाद हुई है.
इंडियन एक्सप्रेस ने अमेरिकी समाचार एजेंसी एसोशिएटेड प्रेस (एपी) के हवाले से लिखा है कि हजारों प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षा बैरिकेड्स को लांघ दिया, छतों पर चढ़ गए, खिड़कियों को तोड़ दिया और तीनों इमारतों पर हमला बोल दिया.
उनमें से कुछ ने सैन्य हस्तक्षेप की मांग की कि या तो दक्षिणपंथी बोल्सनारो को सत्ता में बहाल किया जाए, या लूला को राष्ट्रपति पद से हटा दिया जाए.
साओ पाउलो राज्य में एक संवाददाता सम्मेलन में राष्ट्रपति लूला ने कहा कि बोल्सनारो ने उन लोगों द्वारा विद्रोह को प्रोत्साहित किया था जिन्हें वह ‘फासीवादी कट्टरपंथी’ कहते हैं. साथ ही, उन्होंने संघीय जिले में सुरक्षा का नियंत्रण लेने के लिए संघीय सरकार के लिए एक ताज़ा हस्ताक्षरित फरमान पढ़ा.
लूला ने कहा, ‘उन्होंने जो किया उसकी कोई मिसाल नहीं है और इन लोगों को सजा मिलनी चाहिए.’
टीवी चैनल ग्लोबो न्यूज ने राष्ट्रीय ध्वज के हरे और पीले रंग पहने हुए प्रदर्शनकारी दिखाए, जो देश के रुढ़िवादी आंदोलन का प्रतीक बन गए हैं और बोल्सनारो के समर्थक इनका इस्तेमाल कर रहे हैं.
पूर्व राष्ट्रपति ने बार-बार सुप्रीम कोर्ट के जजों पर हमला किया है, लिहाजा जजों के बैठक कक्ष को प्रदर्शनकारियों ने तोड़ दिया. उन्होंने संसद भवन के अंदर आग छोड़ी और राष्ट्रपति भवन में कार्यालयों में तोड़फोड़ और चोरी की. सभी भवनों के शीशे तोड़ दिए गए.
लूला द्वारा कार्यभार संभालने से पहले फ्लोरिडा चले गए बोल्सनारो ने रविवार की घटना पर टिप्पणी नहीं की है.
इमारतों को वापस कब्जे में लेने के प्रयासों में पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े. दोपहर में टीवी पर दिखाया गया कि प्रदर्शनकारियों को राष्ट्रपति भवन से उनके हाथ पीछे बांधकर निकाला गया.
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न्याय मंत्री फ्लेवियो डिनो ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि शाम तक इमारतों पर फिर से नियंत्रण पा लिया गया था, लगभग 200 लोगों को गिरफ्तार किया गया और इलाके से प्रदर्शनकारियों को भगाने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े गए.
सवाल उठ रहे हैं कि कैसे पुलिस ने इस संबंध में मिली चेतावनियों को नजरअंदाज किया और वह इसके लिए तैयार नहीं थी या कुछ हद तक उसकी मिलीभगत थी.
लूला ने संवाददाता सम्मलेन में कहा कि पुलिस की ओर से ‘अक्षमता एवं दुर्भावना ‘ बरती गई. उन्होंने कहा है कि अधिकारियों को दंडित किया जाएगा और सेवा से निकाला जाएगा.
गौरतलब है कि इस घटना ने 6 जनवरी 2021 की उन यादों को ताजा कर दिया है, जब अमेरिकी संसद में तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों ने धावा बोल दिया था.