गुजरात चुनाव राउंडअप: राहुल ने पाटीदारों को पुलिस गोलीबारी की याद दिलाई, जीएसटी में बदलाव का वादा किया, जिग्नेश मेवानी ने कहा-कांग्रेस हमारी मांगों से सहमत.
नई दिल्ली/अहमदाबाद: चुनाव प्रचार अभियान के तहत गुजरात पहुंचे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को सूरत के वराछा इलाके में एक रैली को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने पाटीदार समुदाय को आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन के दौरान पुलिस के अत्याचार की याद दिलाई और व्यापारियों से वादा किया कि अगर उनकी पार्टी चुनाव जीतकर सत्ता में आती है तो उनकी मांगों को पूरा करने के लिए जीएसटी में बदलाव करेगी.
वराछा को पटेल यानी पाटीदार समुदाय का गढ़ माना जाता है और यह 2015 के पाटीदार आंदोलन के केंद्रों में से एक रहा था. शहर में राहुल को सुनने के लिए बड़ी संख्या में लोग आए थे. वहां साल 2012 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 16 में से 15 सीटों पर जीत हासिल की थी.
राहुल ने कहा, यह गुजरात की सच्चाई और भाजपा की सच्चाई के बीच की लड़ाई है. गुजरात की सच्चाई भाजपा की सच्चाई से अलग है. भाजपा की सच्चाई (आरक्षण आंदोलन के दौरान) पटेल समुदाय पर गोली चलाने का आदेश देने की है. अगस्त 2015 में आरक्षण की मांग को लेकर पटेल समुदाय द्वारा चलाए गए आंदोलन के हिंसक रूप लेने पर की गई पुलिसिया कार्रवाई में कम से कम 14 युवक मारे गए थे.
राहुल ने कहा, गुजरात और सूरत की सच्चाई यह है कि हमारे लोग यहां से चीन से मुकाबला कर सकते हैं. लेकिन आपकी मदद करने के बजाय भाजपा कुछ उद्योगपतियों की मदद कर रही है. कांग्रेस उपाध्यक्ष ने अपने भाषण की शुरुआत पटेल आरक्षण आंदोलनकारियों द्वारा लगाए जाने वाले नारे जय सरदार, जय पाटीदार और जय भवानी का नारा लगाकर की.
उन्होंने नरेंद्र मोदी नीत केंद्र की भाजपा सरकार की नोटबंदी, बेरोजगारी और व्यापार में सुगमता के मुद्दे पर आलोचना की. राहुल ने कहा, मोदीजी ने छोटे और मझोले व्यापारियों को नोटबंदी और जीएसटी लागू करके बर्बाद कर दिया है. अगर हम सत्ता में आए तो आप जो कहना चाहते हैं हम उसे सुनेंगे. अगर आप कहते हैं कि जीएसटी में बदलाव की आवश्यकता है तो हम इसमें बदलाव करेंगे.
‘गुजरात चुनाव कौरव-पांडव की लड़ाई’
गुजरात के वलसाड जिले के पारदी में शुक्रवार को राहुल गांधी ने महाभारत का आह्वान करते हुए अपनी पार्टी को पांडवों जैसा बताया और कहा कि यहां सच और झूठ के बीच की लड़ाई में कांग्रेस कौरवों यानी भाजपा को पराजित करेगी.
राहुल गांधी गुजरात में चुनाव प्रचार पर निकले हैं, जहां भाजपा पिछले 20 साल से अपने शासन के दौरान हिंदुत्व और विकास को जोड़ती रही है. इस दौरान राहुल ने कई मंदिरों में पूजा की और भाजपा द्वारा उनकी पार्टी पर लगाए जाने वाले मुस्लिम तुष्टिकरण के आरोपों को खारिज करने के लिए हिंदू धर्मग्रंथों का उल्लेख किया.
राहुल ने कहा, यहां सच और झूठ के बीच लड़ाई है. कौरवों के पास एक भारी सेना और हथियार थे, जबकि पांडवों के पास सिर्फ सच्चाई थी और कुछ और नहीं था. मैं आपसे कहना चाहूंगा कि हमारे पास सच्चाई है और कुछ और नहीं है. उन्होंने कहा कि मोदी युवाओं को रोजगार मुहैया करने में नाकाम रहे हैं. उन्होंने हर साल दो करोड़ रोजगार सृजन करने का वादा किया था कि जबकि एक साल में सिर्फ एक लाख रोजगार का ही सृजन हो रहा है.
उन्होंने कहा कि गुजरात की सच्चाई युवाओं की बेरोजगारी, किसानों की मुश्किलें, महंगी निजी शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधा, भ्रष्टाचार तथा जमीन एवं पानी की चोरी है. समूचा देश आपसे कहेगा कि नोटबंदी एक बड़ी गलती थी और जीएसटी एक गलती है, लेकिन सरकार समझने को तैयार नहीं है.
प्रधानमंत्री के मन की बात कार्यक्रम को लेकर मोदी को आड़े हाथ लेते हुए राहुल गांधी ने कहा, मैं आपको अपने मन की बात नहीं कहूंगा बल्कि आपकी सुनूंगा.
दलित नेता मेवानी ने की राहुल गांधी से मुलाकात
गुजरात के दलित नेता जिग्नेश मेवानी ने शुक्रवार को कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की और दावा किया कि विपक्षी पार्टी ने आगामी राज्य विधानसभा चुनाव में अपने घोषणा पत्र में उनकी 90 फीसदी से अधिक मांगों को शामिल करने का आश्वासन दिया है.
कांग्रेस को खुला समर्थन देने से बचते हुए मेवानी ने राहुल से मुलाकात के बाद कहा कि वह अपने समुदाय के सदस्यों से गुजरात चुनाव में सत्तारूढ़ भाजपा को हराने के लिए कहेंगे. 182 सदस्यीय गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए दो चरणों में नौ और 14 दिसंबर को मतदान होगा.
बैठक के बाद राहुल गांधी ने कहा, हम सबको सुनते हैं, चाहे वह जिग्नेश हो या हार्दिक पटेल या अल्पेश ठाकोर और उनकी समस्याओं को सुनने के बाद काम करते हैं. उन्होंने रेडियो कार्यक्रम मन की बात के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि दूसरी तरफ भाजपा की दिलचस्पी लोगों को अपनी मन की बात सुनाने में है.
राहुल और मेवानी के बीच बैठक नवसारी के बाहरी इलाके में एक फार्महाउस में तकरीबन आधे घंटे तक चली. मेवानी पिछले साल उना में दलितों की पिटाई की घटना के बाद उनके अधिकारों के लिए संघर्ष करके चर्चा में आए थे. उन्होंने गुजरात की भाजपा सरकार को दलित विरोधी करार दिया.
‘लोग भाजपा के अहंकार को खत्म कर देंगे’
बैठक के बाद मेवानी ने संवाददाताओं से कहा, उना की घटना के बाद से हमने कई आंदोलन चलाए और ज्ञापन सौंपे. इसके बावजूद इस मोटी चमड़ी वाली भाजपा सरकार, जो न सिर्फ दलित विरोधी बल्कि जनविरोधी भी है, उसने हमारे समुदाय की एक भी मांग पर विचार नहीं किया है. उन्होंने हमसे चर्चा की जहमत भी नहीं उठाई. उन्होंने कहा, राज्य के लोग भाजपा के इस अहंकार को खत्म कर देंगे.
मेवानी ने कहा कि कांग्रेस दलित समुदाय की मांगों को सुनने को तैयार है. उन्होंने कहा, हमारी 17 मांगों पर राहुल गांधी के साथ विस्तृत चर्चा हुई. राहुल ने न सिर्फ हमें सुना, बल्कि कहा कि हमारी 90 फीसदी से अधिक मांगें हमारा संवैधानिक अधिकार हैं. उन्होंने हमें आश्वासन दिया कि हमारी ज्यादातर वैध मांगों को कांग्रेस के घोषणा पत्र में शामिल किया जाएगा.
यह पूछे जाने पर कि क्या वह अपने समुदाय के सदस्यों को आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए मतदान करने को कहेंगे तो मेवानी ने कहा, मैं अपने समुदाय को भाजपा के पक्ष में मतदान नहीं करने को कहूंगा.
मेवानी की मांगों में दलितों को पांच एकड़ कृषि भूमि का आवंटन, पशुओं की खाल उतारने और मैला ढोने में शामिल लोगों के लिए वैकल्पिक रोजगार की व्यवस्था करना और सुरेंद्रगढ़ जिले के थानगढ़ में 2012 में समुदाय के सदस्यों पर गोलीबारी की घटना की जांच रिपोर्ट जारी करना शामिल है.
हार्दिक पटेल ने गुजरात भाजपा पर सवाल खड़े किए
पाटीदार आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि अब गुजरात में भाजपा विधानसभा चुनाव के दौरान अनुचित कार्यों में लग जाएगी.
वह चुनाव आयोग की ओर से 3,550 वीवीपैट मशीनों को कई खामियों की वजह से ठुकराए जाने का हवाला दे रहे थे. पटेल ने ट्वीट किया, चुनाव आयोग के पहले लेवल के टेस्ट में ही 3550 वीवीपैट मशीनें फेल हुईं. मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि भाजपा अब गोलमाल करके ही चुनाव लड़ेगी.
गुजरात के मुख्य निर्वाचन अधिकारी बीबी स्वैन ने बीते बुधवार को कहा था कि 3,550 वीवीपैट मशीनों को अस्वीकार दिया गया है क्योंकि ये पहले स्तर की जांच में ही खराब पाई गईं.
इससे पहले मेवानी ने कहा था कि वह राहुल गांधी से तभी मुलाकात करेंगे जब उन्हें दलित समुदाय की विभिन्न मांगों पर पार्टी के रुख के बारे में बातचीत के लिए बुलाया जाएगा. उन्होंने गुरुवार को कहा था, मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि न तो मैं कांग्रेस में शामिल हुआ हूं और न ही भविष्य में भाजपा में शामिल होने जा रहा हूं. अभी तक तो किसी भी पार्टी में शामिल होने की मेरी कोई योजना नहीं है.
कांग्रेस और भाजपा गुजरात में नये मतदाताओं को रिझाने और अपना परंपरागत वोट बैंक बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयास कर रही हैं.
जन अधिकार मंच भी दे सकता है समर्थन
जन अधिकार मंच के अध्यक्ष प्रवीण राम ने सूरत में गुजरात कांग्रेस के प्रमुख भरत सिंह सोलंकी और राज्य के पार्टी प्रभारी अशोक गहलोत के साथ एक बैठक की.
प्रवीण राम द्वारा गठित जन अधिकार मंच ने कहा कि मंच बेरोजगार युवकों, संविदा कर्मचारियों, निश्चित वेतन कर्मचारियों, आंगनवाड़ी कर्मचारियों और आशा कर्मियों के साथ साथ किसानों के हितों के लिए संघर्ष कर रहा है.
राम ने दावा किया कि यदि कांग्रेस उनकी मांगों को पूरा करने का आासन देती है तो जन अधिकार मंच कांग्रेस पार्टी को अपना समर्थन दे सकता है.
कांग्रेस के पाटीदारों को आरक्षण के वादे पर भाजपा ने किया सवाल
गुजरात भाजपा ने पाटीदार नेता हार्दिक पटेल और कांग्रेस से कहा कि उन्हें कांग्रेस नेता मोहनसिंह राठवा के बयान के बाद अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए. राठवा ने कहा है कि मौजूदा 49 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था में पाटीदार समुदाय के लिए आरक्षण मुहैया कराना संभव नहीं है.
विधानसभा में विपक्ष के नेता राठवा ने गुरुवार को वलसाड जिले में आदिवासी बहुल नाना पोंढा गांव में एक रैली में यह बयान दिया था. उन्होंने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के पहुंचने के पहले अपना बयान दिया.
राज्य में कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक राठवा ने कहा, पाटीदारों को मौजूदा 49 प्रतिशत आरक्षण में हस्तक्षेप किए बिना आरक्षण दिया जाएगा. मौजूदा आरक्षण में कोई बदलाव नहीं होगा. अगर हम आरक्षण देते हैं तो यह उस आरक्षण से बाहर होगा.
भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने कहा कि राठवा के बयान ने हार्दिक पटेल और कांग्रेस दोनों को कठघरे में खड़ा कर दिया है. राठवा ने अपने मन से बात की. अब हार्दिक और कांग्रेस दोनों को अपने रुख स्पष्ट करने चाहिए क्योंकि हार्दिक ओबीसी आरक्षण के तहत आरक्षण चाहते थे, न कि ईबीसी श्रेणी के तहत आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग, जिसकी कांग्रेस ने पेशकश की है. लेकिन विपक्षी नेतागण पटेलों को ओबीसी दर्जा दिए जाने के बारे में चुप हैं. कांग्रेस को स्पष्ट करना चाहिए कि वह किस प्रकार मौजूदा ओबीसी कोटा के तहत पाटीदारों को आरक्षण देगी.
एजीओ के निमंत्रण पर गुजरात का दौरा करेंगे यशवंत सिन्हा
अर्थव्यवस्था की स्थिति को लेकर हाल में केंद्र की आलोचना करने वाले भाजपा नेता यशवंत सिन्हा कांग्रेस पार्टी समर्थित एक एनजीओ के निमंत्रण पर 14 नवंबर से गुजरात के तीन दिन के दौरे पर रहेंगे. कांग्रेस के एक नेता ने बताया कि पूर्व केंद्रीय मंत्री सिन्हा व्यापारी समुदाय के साथ चर्चा करेंगे और अहमदाबाद, राजकोट और सूरत में व्याख्यान देंगे.
कार्यक्रम कांग्रेस समर्थित एनजीओ लोकशाही बचाओ आंदोलन द्वारा आयोजित किए जाने हैं. उम्मीद है कि सिन्हा अपने व्याख्यानों के दौरान दो कदमों नोटबंदी और जीएसटी पर बोलेंगे जिसे वर्तमान सरकार प्रमुख आर्थिक उपलब्धियां बता रही है.
पूर्व वित्त मंत्री सिन्हा और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने हाल में राजकोट के व्यापारियों के साथ जीएसटी और अर्थव्यवस्था की स्थिति पर चर्चा की थी. सिन्हा ने हाल में एक लेख के जरिये केंद्र एवं केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली की विशेष रूप से अर्थव्यवस्था को संभालने को लेकर आलोचना की थी.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)