पठान गीत विवाद: जावेद अख़्तर ने कहा, असामाजिक तत्व नहीं, मंत्री तक ने गाने पर सवाल उठाए हैं

शाहरुख ख़ान और दीपिका पादुकोण अभिनीत फिल्म ‘पठान’ के ख़िलाफ़ कुछ असामाजिक तत्वों के विरोध पर गीतकार और लेखक जावेद अख़्तर ने कहा कि कोई असामाजिक तत्व नहीं हैं, मंत्री ऐसी बातें कर रहे हैं. मध्य प्रदेश के गृह मंत्री ने गीत पर सवाल उठाए थे. उन्होंने कहा कि यह तय करना मेरे या आपके लिए नहीं है कि गीत सही है या ग़लत.

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गीतकार और पटकथा लेखक जावेद अख़्तर. (फोटो: पीटीआई)

शाहरुख ख़ान और दीपिका पादुकोण अभिनीत फिल्म ‘पठान’ के ख़िलाफ़ कुछ असामाजिक तत्वों के विरोध पर गीतकार और लेखक जावेद अख़्तर ने कहा कि कोई असामाजिक तत्व नहीं हैं, मंत्री ऐसी बातें कर रहे हैं. मध्य प्रदेश के गृह मंत्री ने गीत पर सवाल उठाए थे. उन्होंने कहा कि यह तय करना मेरे या आपके लिए नहीं है कि गीत सही है या ग़लत.

गीतकार और पटकथा लेखक जावेद अख़्तर. (फोटो: पीटीआई)

मुंबई: केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) के शाहरुख खान और दीपिका पादुकोण अभिनीत फिल्म ‘पठान’ के निर्माताओं से फिल्म के गाने ‘बेशरम रंग’ के दृश्यों में बदलाव करने के लिए कहे जाने की खबरों के बीच गीतकार-लेखक जावेद अख्तर ने कहा कि फिल्म निर्माताओं को फिल्म प्रमाणन निकाय में ‘भरोसा’ करने की जरूरत है, जिसके पास यह तय करने का अधिकार है कि फिल्म का अंतिम रूप क्या होगा.

सिद्धार्थ आनंद द्वारा निर्देशित फिल्म ‘पठान’ का ट्रेलर जारी होने से एक दिन पहले अख्तर ने सोमवार को अपने जीवन पर आधारित किताब ‘जादूनामा’ के विमोचन के मौके पर प्रेस से बातचीत में यह बयान दिया है.

सीबीएफसी को केंद्र सरकार के अधीन एक ‘विभाग’ के रूप में संदर्भित करते हुए 77 वर्षीय गीतकार जावेद अख्तर ने सोमवार को कहा, ‘यह मेरे या आपके लिए नहीं है कि यह तय करें कि गाना सही है या गलत. इसके लिए हमारे पास एक एजेंसी है, सरकार का विभाग है, सरकार और समाज के हर तबके के लोग हैं, जो फिल्म देखते हैं और तय करते हैं कि क्या दिखाया जाना चाहिए और क्या नहीं.’

अख्तर ने कहा, ‘मुझे लगता है कि हमें उनके द्वारा फिल्म को दिए जाने वाले प्रमाण-पत्र, हटाए गए दृश्यों और अंतिम फैसले पर भरोसा करना चाहिए.’

उन्होंने कहा, ‘फिल्म सर्टिफिकेशन के लिए एक बोर्ड होता है. केंद्र सरकार के विभाग की एजेंसी द्वारा सर्टिफिकेट दिया जाता है और मुझे लगता है कि हमें उस सर्टिफिकेट का पूरा सम्मान करना चाहिए. अगर हर कोई सेंसर बोर्ड बन जाता है तो यह सर्टिफिकेट किस काम का जो केंद्र सरकार देती है. सरकार का अधिकार है और हमें प्रमाणीकरण का सम्मान करना चाहिए.’

खबरों के अनुसार, सीबीएफसी ने फिल्म निर्माण कंपनी ‘यशराज फिल्म्स’ को गीत ‘बेशरम रंग’ में बदलाव करने और भारतीय खुफिया एजेंसी ‘रॉ’ (R&AW) और प्रधानमंत्री कार्यालय के सभी उल्लेखों को फिल्म से हटाने का सुझाव दिया है.

गीत ‘बेशरम रंग’ में अभिनेत्री दीपिका पादुकोण के भगवा रंग के कपड़े पहनने को लेकर कई लोगों के नाराजगी जाहिर करने और इसे धार्मिक भावनाओं को कथित रूप से आहत करने वाला बताने के बाद से ही फिल्म को लेकर विवाद जारी है.

विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने पिछले सप्ताह ही अहमदाबाद के वस्त्रपुर इलाके में स्थित एक मॉल में हंगामा किया था और फिल्म ‘पठान’ के पोस्टर फाड़ दिए थे.

फिल्म के खिलाफ कुछ असामाजिक तत्वों (Fringe Elements) के इस तरह के विरोध पर किए सवाल के जवाब में अख्तर ने कहा कि ये असामाजिक तत्व नहीं, बल्कि नेता थे, जिन्होंने गीत पर सवाल उठाए थे.

उन्होंने कहा, ‘कोई असामाजिक तत्व नहीं हैं, मंत्री ऐसी बातें कर रहे हैं. असामाजिक तत्वों के बारे में भूल जाओ. मध्य प्रदेश के गृह मंत्री ने यह कहा है.’

मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने गीत में दीपिका पादुकोण के एक दृश्य को पिछले महीने आपत्तिजनक करार दिया था और कहा था कि सरकार इस बात पर विचार करेगी कि फिल्म के प्रदर्शन की अनुमति दी जाए या नहीं.

मध्य प्रदेश उलेमा बोर्ड ने भी ‘इस्लाम को गलत तरीके से पेश करने’ के लिए फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी.

अख्तर ने कहा, ‘अगर वह (मंत्री) सोचते हैं कि मध्य प्रदेश के लिए एक अलग सेंसर बोर्ड होना चाहिए, तो उन्हें अलग से फिल्म देखनी चाहिए. अगर वे केंद्र के फिल्म प्रमाणन से नाखुश हैं, तो हमें उनके बीच नहीं आना चाहिए, यह उनके और केंद्र के बीच की बात है.’

हाल ही में गठित ‘धर्म सेंसर बोर्ड’ के बारे में पूछे जाने पर लेखक ने कहा कि हर धर्म का अपना सेंसर बोर्ड होना चाहिए.

जावेद अख्तर से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पिछले हफ्ते मुंबई यात्रा पर भी टिप्पणी करने के लिए कहा गया, जिसके दौरान उन्होंने उत्तर प्रदेश फिल्म उद्योग को बढ़ावा देने के लिए बॉलीवुड की शीर्ष हस्तियों से मुलाकात की थी.

इस पर उन्होंने कहा, यह अच्छा है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री चाहते हैं कि वहां फिल्म इंडस्ट्री हो. यूपी एक बड़ी जगह है और (बड़ी संख्या में) हिंदी और उर्दू भाषी लोग वहां रहते हैं. ऐसा नहीं है कि यहां के उद्योग हटा दिए जाएंगे.

बॉलीवुड फिल्मों के सोशल मीडिया पर लगातार बहिष्कार की अपील को देखते हुए योगी की इस यात्रा के दौरान अभिनेता सुनील शेट्टी ने उनसे कहा था कि ‘बायकॉट बॉलीवुड’ अभियान रोकने के लिए वह पीएम मोदी से बात करें.

योगी आदित्यनाथ से मुलाकात के दौरान उन्होंने कहा था, ‘हमें लागत की तकलीफ नहीं, सब्सिडी की तकलीफ नहीं हो रही है, दर्शकों की तकलीफ हो रही है. तो दर्शकों को वापस थियेटर में बुलाना बहुत-बहुत जरूरी है. ये हैशटैग जो चल रहा है, हैशटैग बायकॉट बॉलीवुड आपके कहने से ही ये रुक भी सकता है. लोगों तक ये (संदेश) पहुंचाना भी जरूरी है कि हम अच्छा भी बहुत काम कर चुके हैं.’

उन्होंने कहा था, ‘मेरा मजबूत विश्वास है, दुख होता है ये बोलने में कि हमारे ऊपर कलंक है, क्योंकि 99 प्रतिशत हम लोग वैसे हैं नहीं. हम दिन भर ड्रग्स नहीं लेते, हम दिन भर गलत काम नहीं करते. अच्छे काम से भी हमेशा जुड़े हैं. भारत को अगर बाहर के देशों से और भारतीयों से अगर किसी ने जोड़ा है तो वो है, हमारा संगीत और हमारी कहानियां… तो मुझे लगता है कि उस पर अगर हम ध्यान दें और आदरणीय प्रधानमंत्री जी से भी अगर आप ये कहें तो बहुत फर्क पड़ सकता है. बस मेरा सिर्फ यही कहना था.’

मालूम हो कि शाहरुख खान अभिनीत फिल्म ‘पठान’ इन दिनों विवाद में घिरी हुई है. 12 दिसंबर 2022 को इसके गीत ‘बेशरम रंग’ के जारी होने के बाद इस पर रोक लगाने की मांग उठने लगी है.

गीत के एक दृश्य में अभिनेत्री दीपिका पादुकोण को भगवा रंग की बिकनी में देखा जा सकता है, जिसके खिलाफ देशभर में प्रदर्शन किए गए और ‘हिंदू भावनाओं’ को आहत करने का आरोप लगाया गया.

फिल्म के गीत ‘बेशरम रंग’ से नाखुशी जताने वाले और इसमें बदलाव की मांग करने वाले लोगों में मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा और विश्व हिंदू परिषद जैसे संगठन शामिल हैं.

भाजपा के मंत्रियों और दक्षिणपंथी संगठनों ने दावा किया है कि गीत ने भगवा रंग का अपमान किया है, जो हिंदू समुदाय के लिए पवित्र है. देश के कुछ हिस्सों में दक्षिणपंथी संगठनों ने मांग की है कि फिल्म पर प्रतिबंध लगाया जाए.

भोपाल से भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा ने कहा था, ‘इनके पेट पर लात मारो, इनके धंधे चौपट कर दो और कभी इनकी कोई फिल्म मत देखो.’

इस विवाद के बीच 29 दिसंबर 2022 को केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) के अध्यक्ष प्रसून जोशी ने कहा था कि सेंसर बोर्ड ने फिल्म निर्माताओं को निर्देश दिया है कि फिल्म के गीतों समेत उसमें सुझाए गए बदलाव करें और सिनेमाघरों में प्रदर्शन से पहले उसके संशोधित संस्करण को जमा करें.

उन्होंने कहा था, ‘हमारी संस्कृति और आस्था समृद्ध और गूढ़ है और जैसा कि मैंने पहले भी कहा था, निर्माताओं और दर्शकों के बीच के विश्वास को सुरक्षित रखना सबसे अधिक महत्वपूर्ण है और निर्माताओं को इस दिशा में काम करते रहना चाहिए.’

बहरहाल ‘पठान’ फिल्म के निर्माताओं ने इसका एक और गीत ‘झूमे जो पठान’ भी दिसंबर 2022 में जारी किया था. ‘पठान’ में अभिनेता जॉन अब्राहम भी दिखाई देंगे और यह 25 जनवरी को सिनेमाघरों में रिलीज होगी. मंगलवार (10 जनवरी) को फिल्म का ट्रेलर यूट्यूब पर जारी किया गया है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)