अच्छे दिन नहीं आए, नागरिकता छोड़ने वाले भारतीयों की संख्या 2014 से 1.7 गुना बढ़ी: कांग्रेस

कांग्रेस के प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने कहा कि विदेश मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार 2022 के पहले 10 महीनों में 1,83,741 लोगों ने भारतीय नागरिकता छोड़ी, यानी हर दिन 604 लोग देश छोड़कर गए. प्रधानमंत्री को बताना चाहिए कि ‘अच्छे दिन’ भारत में क्यों नहीं आए, रोज़ उच्च आय श्रेणी वाले भारतीय नागरिकता क्यों छोड़ रहे हैं?

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(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

कांग्रेस के प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने कहा कि विदेश मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार 2022 के पहले 10 महीनों में 1,83,741 लोगों ने भारतीय नागरिकता छोड़ी, यानी हर दिन 604 लोग देश छोड़कर गए. प्रधानमंत्री को बताना चाहिए कि ‘अच्छे दिन’ भारत में क्यों नहीं आए, रोज़ उच्च आय श्रेणी वाले भारतीय नागरिकता क्यों छोड़ रहे हैं?

(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

नई दिल्ली: कांग्रेस ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि इस सरकार में भारतीय नागरिकों के लिए ‘अच्छे दिन’ भारत में नहीं, बल्कि विदेश में आए हैं, इसलिए रोजाना 600 से अधिक लोग भारत की नागरिकता त्याग रहे हैं.

पार्टी प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने सवाल किया कि प्रधानमंत्री को बताना चाहिए कि भारतीय नागरिकों के लिए ‘अच्छे दिन’ भारत में क्यों नहीं आए और रोजाना उच्च आय श्रेणी वाले भारतीय नागरिक नागरिकता क्यों छोड़ रहे हैं?

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘यह अमृतकाल चल रहा है और इस दौरान रोजाना 600 लोग भारत छोड़कर जा रहे हैं. यानी भारत के लोगों के अच्छे दिन भारत के बाहर आएं हैं, जबकि प्रधानमंत्री ने कहा था कि भारत में ‘अच्छे दिन’ आएंगे. यह आंकड़ा विदेश मंत्रालय का है.’

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि विदेश मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि 2022 के पहले 10 महीनों में 1,83,741 लोगों ने अपनी भारतीय नागरिकता छोड़ दी है, यानी हर दिन 604 लोग देश छोड़कर जा रहे हैं.

वल्लभ ने दावा किया कि वर्ष 2014 में रोजाना औसतन 354 लोग भारत की नागरिकता छोड़ते थे वो संख्या अब 604 हो गई है.

उन्होंने कहा, ‘यह जानकर लोगों को हैरानी होगी कि जो लोग देश छोड़कर जा रहे हैं उनमें से ज्यादातर लोग उच्च आय श्रेणी वाले हैं. 2022 में जो लोग देश छोड़कर गए उनमें अधिकतर लोगों की आय आठ करोड़ रुपये से ज्यादा थी.’

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘लोगों के भारत की नागरिकता त्यागने के कई कारण हैं. मसलन, लगातार बढ़ती बेरोजगारी है, जीडीपी विकास दर लगातार कम है, दुनिया में सबसे ज्यादा गरीब लोग भारत में हैं, वैश्विक भूख सूचकांक में 121 देशों में हम 107वें स्थान पर हैं, वैश्विक स्त्री-पुरुष अंतर अनुपात में भारत की स्थिति बहुत खराब है औेर वैश्विक प्रेस स्वतंत्रता की सूची में दुनिया में भारत का स्थान 150वां है.’

उन्होंने सवाल किया, ‘प्रधानमंत्री जी, रोजाना 600 से अधिक लोग भारतीय नागरिकता क्यों छोड़ रहे हैं? भारत की नागरिकता छोड़ने वालों की संख्या आपके कार्यकाल में 1.7 गुना क्यों बढ़ी? भारत के लोगों के लिए भारत में अच्छे दिन क्यों नहीं आ रहे हैं?’

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, उन्होंने यह भी कहा कि भारतीयों ने अब घरेलू के बजाय विदेशों में निवेश करना शुरू कर दिया है. वल्लभ ने कहा कि ऐसा होना तय था क्योंकि भारत की वैश्विक रैंकिंग लगातार उच्च बेरोजगारी अनुपात के साथ विभिन्न मानकों पर गिर रही है.

उन्होंने सीएमआईई के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि 2022 में 12 में से नौ महीनों में बेरोजगारी का स्तर 7 प्रतिशत से अधिक था और दिसंबर 2022 में यह आंकड़ा 8.3 प्रतिशत था और शहरी बेरोजगारी के मामले में यह 10.9 प्रतिशत था.

कांग्रेस नेता ने कहा कि देश का आर्थिक आधार, जो रोजगार प्रदान करता था, ध्वस्त हो गया है और इसीलिए सरकार ने 80 करोड़ नागरिकों को मुफ्त राशन देकर लोगों को सहारा देने की जरूरत महसूस की.

उन्होंने कहा कि नोटबंदी के दोहरे झटकों और जीएसटी के त्रुटिपूर्ण कार्यान्वयन के कारण सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि वित्त वर्ष 2017 में 8.3 प्रतिशत से गिरकर वित्तीय वर्ष 2020 में 3.7 प्रतिशत हो गई और अर्थव्यवस्था अब तक पूरी तरह से ठीक नहीं हो पाई है.

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार ने रूस से लाए गए सस्ते कच्चे तेल का लाभ उपभोक्ताओं तक नहीं पहुंचा रहा है.

उन्होंने कहा कि चूंकि वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमत में काफी कमी आई है, इसलिए पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 20-25 रुपये प्रति लीटर की कटौती की गुंजाइश है. उन्होंने कहा कि अगर केंद्र कीमत घटाता है, तो राज्य सरकारों द्वारा लगाया गया वैट अपने आप कम हो जाएगा.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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