बिहार के बक्सर ज़िले में थर्मल पावर प्लांट लगाने के लिए अधिग्रहित भूमि के एवज में मुआवजे़ की मांग को लेकर पिछले दो महीनों से किसान प्रदर्शन कर रहे हैं. पुलिसकर्मियों ने मंगलवार देर रात कथित तौर पर किसानों के घरों में घुसकर उनकी पिटाई की, जिसके बाद आक्रोशित लोगों ने संयंत्र में तोड़फोड़ और आगज़नी की है. झड़प में कई पुलिसकर्मी घायल हुए हैं.
बक्सर: बिहार के बक्सर जिले के चौसा में थर्मल पावर प्लांट लगाने के लिए अधिग्रहित भूमि के एवज में मुआवजे की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसानों का विरोध राज्य पुलिस की बुधवार आधी रात की गई छापेमारी और ग्रामीणों की पिटाई के बाद हिंसक हो गया.
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, बिहार पुलिस आधी रात को किसानों के घर में घुसकर नींद में उनकी बेरहमी से पिटाई करते हुए कैमरे में कैद हुई है. पुलिस कार्रवाई का वीडियो परिजनों ने शेयर किया है.
एसजेवीएन द्वारा 2010-11 से पहले किए गए क्षेत्र में बिजली संयंत्र के लिए उनकी भूमि के अधिग्रहण के लिए उचित मुआवजे की मांग को लेकर राज्य के किसान कुछ समय से विरोध कर रहे हैं.
उस समय किसानों को प्रचलित राशि के अनुरूप समय पर मुआवजा दिया गया. हालांकि, जब कंपनी ने पिछले साल अधिक भूमि का अधिग्रहण करना शुरू किया, तो किसानों ने मौजूदा दर के अनुसार मुआवजा देने की मांग की.
कंपनी पर आरोप है कि वह पुरानी दर पर जबरन जमीन हड़प रही है, जिसके बाद पिछले दो महीनों से किसानों ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया है.
जानकारी के अनुसार, पुलिसकर्मियों ने मंगलवार और बुधवार कर दरमियानी रात कथित तौर पर किसानों के घरों में घुसकर उनकी पिटाई की, जिसके बाद आक्रोशित लोगों ने एक पुलिस वैन को भी आग लगा दी और कई अन्य वाहनों के साथ बिजली संयंत्र में तोड़फोड़ की और आगजनी की. इस झड़प में 10 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हो गए.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, बनारपुर गांव के लगभग 50 किसान, जिनकी भूमि एसजेवीएन बिजली संयंत्र के लिए अधिग्रहित की गई थी, उचित मुआवजे की मांग को लेकर संयंत्र स्थल के बाहर पिछले दो महीनों से धरने पर बैठे थे.
प्रदर्शनकारी किसानों में से एक नरेंद्र तिवारी ने पुलिस को बताया कि मुफस्सिल थाने की एक टीम मंगलवार और बुधवार की दरम्यानी रात करीब आधी रात को उनके घर आई और महिलाओं समेत उनके परिवार के सदस्यों को पीटना शुरू कर दिया. पुलिस ने घर से तीन लोगों को गिरफ्तार भी किया है. परिवार ने बाद में इस घटना का एक वीडियो जारी किया, जो सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से प्रसारित किया गया.
रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस की कार्रवाई से गुस्साए ग्रामीणों ने बुधवार सुबह संयंत्र पर हमला किया और करीब आधा दर्जन वाहनों, एक केबिन और कुछ मशीनों को आग के हवाले कर दिया. ग्रामीणों के साथ हुई झड़प में एक दर्जन से अधिक पुलिसकर्मी घायल हो गए.
अधिकारियों के मुताबिक, पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और हवा में गोलियां चलाईं इसके बाद हुई झड़प में लगभग एक दर्जन पुलिसकर्मियों को चोटें आई हैं. हालांकि, अतिरिक्त बलों की तैनाती से बुधवार दोपहर तक स्थिति नियंत्रण में आ गई.
अधिकारियों के मुताबिक, लोगों ने चौसा के अंचल अधिकारी के साथ भी मारपीट की. अंचल अधिकारी की शिकायत पर पुलिसकर्मियों ने छापेमारी की और उन किसानों को गिरफ्तार किया, जिन्होंने लोक सेवक के साथ कथित तौर पर मारपीट की थी.
Bihar | Police van set on fire, govt vehicles vandalised by locals in Buxar as they alleged that police entered a farmer's house last night & thrashed him
A group of farmers are protesting here demanding better rates for their land which is being acquired for Chausa Power Plant pic.twitter.com/OKdYXIO2MC
— ANI (@ANI) January 11, 2023
बक्सर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) मनीष कुमार ने कहा, ‘हम घटना के सभी पहलुओं पर गौर कर रहे हैं. दोनों पक्षों के बयान ले रहे हैं. लेकिन प्राथमिकता स्थिति को नियंत्रण में रखना है.’
बक्सर के जिलाधिकारी (डीएम) अमन समीर ने कहा, ‘पुलिस की कथित मनमानी का वीडियो पूरा सच नहीं है. पुलिस बनारपुर गांव में सूचना मिलने के बाद गई थी कि कुछ बदमाश मंगलवार (10 जनवरी) सुबह तक शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे किसानों को गुमराह कर रहे हैं. उपद्रवियों ने कुछ मजदूरों को प्रदर्शन में शामिल होने के लिए उकसाया था. सोमवार (9 जनवरी) को प्लांट का गेट ब्लॉक होने पर कंपनी ने शिकायत दर्ज कराई थी. शाम को जब पुलिस पूछताछ करने गई तो उन पर पथराव किया गया. इसके बाद पुलिस ने आधी रात को छापेमारी की.’
डीएम ने कहा कि भूमि अधिग्रहण अधिनियम के प्रावधानों के तहत किसानों को उनकी अधिग्रहीत भूमि का मुआवजा दिया गया है. उन्होंने कहा, ‘मैं हाल के दिनों में उनसे तीन बार मिला. फिर भी, अगर उन्हें कोई समस्या है, तो वे सरकारी मानदंडों के अनुसार मुआवजा दरों के खिलाफ अपील कर सकते हैं.’
हालांकि, डीआईजी (शाहाबाद रेंज) एनसी झा ने कहा, ‘वीडियो में दिख रही रात की घटना में पुलिस की मनमानी अफसोसजनक है. हम वीडियो में दिख रहे लापरवाह पुलिसकर्मियों की पहचान कर रहे हैं और उनके खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं.’
यह पूछे जाने पर कि क्या पुलिस के पास ग्रामीणों के उन पर पथराव करने का कोई सबूत है, झा ने कहा, ‘पुलिस टीम ने यही जानकारी दी है.’
एक पुलिसकर्मी, जिसे आठ महीने पहले जिले से बाहर स्थानांतरित कर दिया गया था, वह छापेमारी दल का हिस्सा कैसे था, इस पर डीआईजी ने कहा, ‘हम उनके खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं. उन्हें तत्काल जिले से कार्यमुक्त किया जा रहा है.’
रिपोर्ट के अनुसार 1,320 मेगावाट का बक्सर थर्मल पावर प्लांट एक कोयला आधारित संयंत्र है, जो 2013 से चौसा में निर्माणाधीन है. एसजेवीएन ने बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी लिमिटेड और बिहार इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे. लार्सन एंड टुब्रो लिमिटेड को 7,000 करोड़ रुपये की लागत से प्लांट के निर्माण का ठेका मिला है. इस साल संयंत्र के काम करना शुरू करने की संभावना है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)