लक्षद्वीप के सांसद समेत चार लोगों को हत्या के प्रयास के मामले में 10 साल क़ैद की सज़ा

लक्षद्वीप की एक अदालत ने हत्या के प्रयास के मामले में सांसद मोहम्मद फ़ैज़ल समेत चार लोगों को 10 साल क़ैद की सज़ा सुनाई. अभियोजन पक्ष के अनुसार, साल 2009 में अभियुक्तों ने राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के कारण ग़ैरक़ानूनी रूप से इकट्ठा होकर पूर्व केंद्रीय मंत्री पीएम सईद के दामाद कांग्रेस नेता मोहम्मद सलीह पर हमला किया था. 

लक्षद्वीप के सांसद मोहम्मद फैजल. (फोटो साभार: फेसबुक/Mohammed Faizal Padippura)

लक्षद्वीप की एक अदालत ने हत्या के प्रयास के मामले में सांसद मोहम्मद फ़ैज़ल समेत चार लोगों को 10 साल क़ैद की सज़ा सुनाई. अभियोजन पक्ष के अनुसार, साल 2009 में अभियुक्तों ने राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के कारण ग़ैरक़ानूनी रूप से इकट्ठा होकर पूर्व केंद्रीय मंत्री पीएम सईद के दामाद कांग्रेस नेता मोहम्मद सलीह पर हमला किया था.

लक्षद्वीप के सांसद मोहम्मद फैजल. (फोटो साभार: फेसबुक/Mohammed Faizal Padippura)

कवारत्ती: लक्षद्वीप की एक अदालत ने हत्या के प्रयास के मामले में बुधवार को लक्षद्वीप के सांसद मोहम्मद फैजल समेत चार लोगों को 10 साल कैद की सजा सुनाई.

मामले से जुड़े वकीलों ने कहा कि राजधानी कवारत्ती में जिला और सत्र न्यायालय ने 2009 में उनके खिलाफ दर्ज हत्या के प्रयास के मामले में दोषियों पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया.

वकीलों के अनुसार, सांसद और अन्य लोगों ने पूर्व केंद्रीय मंत्री पीएम सईद के दामाद पदनाथ सालिह पर तब हमला किया था जब वे 2009 के लोकसभा चुनाव के दौरान एक राजनीतिक मुद्दे पर हस्तक्षेप करने के लिए उनके पड़ोस में पहुंचे थे.

फैजल ने कहा कि यह ‘राजनीति से प्रेरित’ मामला है और वह जल्द ही ऊपरी अदालत में अपील दायर करेंगे.

द हिंदू के मुताबिक, इस मामले में सैयद मोहम्मद नूरुल अमीन (43 वर्ष) मुख्य अभियुक्त थे, अन्य आरोपियों में फैजल (40 वर्ष), मोहम्मद हुसैन (54 वर्ष) और मोहम्मद बशीर थंगल (52 वर्ष) शामिल हैं. सभी एंड्रोथ द्वीप के रहने वाले हैं. इस मामले में 37 लोगों को अभियुक्त के रूप में पेश किया गया था, चार को छोड़कर सभी को बरी कर दिया गया.

फैजल को कन्नूर सेंट्रल जेल में रखा गया है.

हालांकि सत्र न्यायाधीश के. अनिल कुमार ने अभियुक्तों को कई मामलों में 15 साल तक की जेल की सजा सुनाई है, लेकिन उन्हें एक साथ ही ये सजा काटनी होगी.

10 जुलाई, 2013 को लिली थॉमस बनाम यूनियन ऑफ इंडिया मामले में शीर्ष अदालत के फैसले के अनुसार, फैजल जनप्रतिनिधि के रूप में स्वत: अयोग्य हो जाते हैं.

शीर्ष अदालत ने फैसला सुनाया था कि कोई भी संसद सदस्य, विधानसभा सदस्य या विधान परिषद का सदस्य, जिसे किसी अपराध का दोषी ठहराया जाता है और न्यूनतम दो वर्ष की कारावास की सजा दी जाती है, तो वह तत्काल प्रभाव से सदन की सदस्यता खो देता है.

रिपोर्ट के अनुसार, 16 अप्रैल 2009 को घटना के अगले दिन एंड्रोथ पुलिस द्वारा मामला दर्ज किया गया था. अभियोजन पक्ष के अनुसार, अभियुक्तों ने राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के कारण गैरकानूनी रूप से इकट्ठा होकर कांग्रेस के मोहम्मद सलीह पर हमला किया. आरोपी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से थे.

अभियोजन पक्ष ने कहा कि आरोपियों ने कडीजुम्मबी पर भी हमला किया और सलीह को शरण देने के लिए उनके घर को नष्ट कर दिया था, जिसके लिए एंड्रोथ पुलिस ने एक और मामला दर्ज किया था. बाद में दोनों मामलों को एक साथ जोड़ दिया गया और केरल हाईकोर्ट के निर्देश पर एक ही आरोप पत्र दायर किया गया.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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