लक्षद्वीप में एक अदालत ने बीते 11 जनवरी को हत्या के प्रयास के एक मामले में दोषी पाए जाने के बाद राकांपा सांसद मोहम्मद फ़ैज़ल समेत चार लोगों को 10 साल क़ैद की सज़ा सुनाई थी. आरोप था कि साल 2009 में अभियुक्तों ने राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के कारण ग़ैरक़ानूनी रूप से इकट्ठा होकर कांग्रेस नेता मोहम्मद सलीह पर हमला किया था.
तिरुवनंतपुरम/नई दिल्ली: लोकसभा सचिवालय ने हत्या के प्रयास के एक मामले में हाल में दोषी ठहराए गए लक्षद्वीप के राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) सांसद मोहम्मद फैजल को अयोग्य करार देने वाली अधिसूचना जारी कर दी है.
इस केंद्रशासित प्रदेश की एक अदालत ने मोहम्मद फैजल को हत्या की कोशिश के मामले में सजा सुनाई थी.
शुक्रवार को जारी अधिसूचना के अनुसार, फैजल को राजधानी कवारत्ती में एक सत्र अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने की तारीख 11 जनवरी से लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य करार दिया जाता है.
यह फैसला भारत के संविधान के अनुच्छेद 102 (1) (ई) के प्रावधानों तथा जनप्रतिनिधि कानून, 1951 की धारा आठ के तहत लिया गया है.
इसमें कहा गया है, ‘कवारत्ती की सत्र अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने के परिणामस्वरूप मामला संख्या 01/2017 केंद्रशासित प्रदेश लक्षद्वीप के लक्षद्वीप संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले मोहम्मद फैजल को भारत के संविधान के अनुच्छेद 102 (1) (ई) के प्रावधानों तथा जनप्रतिनिधि कानून, 1951 की धारा आठ के तहत दोषसिद्धि की तारीख यानी कि 11 जनवरी 2023 से लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराया जाता है.’
अदालत ने बीते 11 जनवरी को 2009 में उनके खिलाफ दर्ज हत्या के प्रयास के मामले में दोषी पाए जाने के बाद फैजल समेत चार लोगों को 10 साल कैद की सजा सुनाई थी.
कवारत्ती की सत्र अदालत ने 2009 के लोकसभा चुनाव के दौरान दिवंगत कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पीएम सईद के दामाद मोहम्मद सालिह की हत्या की कोशिश के मामले में दोषियों पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया. सभी दोषी आपस में रिश्तेदार हैं. सजा सुनाए जाने के बाद उन्हें कन्नूर सेंट्रल जेल भेज दिया गया था.
इस मामले में सैयद मोहम्मद नूरुल अमीन (43 वर्ष) मुख्य अभियुक्त थे, अन्य आरोपियों में फैजल (40 वर्ष), मोहम्मद हुसैन (54 वर्ष) और मोहम्मद बशीर थंगल (52 वर्ष) शामिल हैं. सभी एंड्रोथ द्वीप के रहने वाले हैं. मामले में 37 लोगों को अभियुक्त के रूप में पेश किया गया था, चार को छोड़कर सभी को बरी कर दिया गया था.
16 अप्रैल 2009 को घटना के अगले दिन एंड्रोथ पुलिस द्वारा मामला दर्ज किया गया था. अभियोजन पक्ष के अनुसार, अभियुक्तों ने राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के कारण गैरकानूनी रूप से इकट्ठा होकर कांग्रेस के मोहम्मद सलीह पर हमला किया था.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)