केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग मंत्री नारायण राणे ने सोमवार को पत्रकारों से कहा था कि अगर भारत आर्थिक मंदी का सामना करता है तो यह जून के बाद ही होगा, लेकिन केंद्र ऐसी स्थिति से बचने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है.
नई दिल्ली: कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने केंद्रीय मंत्री नारायण राणे की आर्थिक मंदी वाली टिप्पणी के बाद मंगलवार को पूछा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण देश से क्या छिपा रहे हैं.
केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग (एमएसएमई) मंत्री नारायण राणे ने सोमवार को पुणे में पत्रकारों से कहा था कि अगर भारत आर्थिक मंदी (Recession) का सामना करता है तो यह जून के बाद ही होगा लेकिन केंद्र ऐसी स्थिति से बचने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है.
उन्होंने कहा था कि विकसित देश पहले ही आर्थिक मंदी का सामना कर रहे हैं.
रमेश ने ट्वीट किया, ‘2014 के बाद से बर्बाद हो चुके एमएसएमई के केंद्रीय कैबिनेट मंत्री नारायण राणे ने छह महीने बाद भारत में मंदी की भविष्यवाणी की है. उन्होंने जी20 सम्मेलन में पुणे में यह कहा है. प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री देश से क्या छिपा रहे हैं.’
Narayan Rane, Union Cabinet Minister of MSMEs – that have been destroyed since 2014 – forecasts recession in India after 6 months. He said this in Pune to a G20 gathering.
What are the PM & FM hiding from the country?https://t.co/iphinhA6D7
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) January 17, 2023
राणे महाराष्ट्र के पुणे शहर में जी20 के पहले अवसंरचना कार्य समूह (आईडब्ल्यूजी) की बैठक का उद्घाटन करने के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे.
उन्होंने आर्थिक मंदी की स्थिति का सामना करने के लिए भारत की तैयारियों के बारे में पूछने पर कहा था, ‘चूंकि हम मंत्रिमंडल में हैं, हमें जानकारी मिलती है (आर्थिक मंदी के बारे में) या प्रधानमंत्री मोदी हमें इस बारे में सुझाव देते हैं.’
उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में बड़े विकसित देश आर्थिक मंदी का सामना कर रहे हैं. केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘भारत सरकार और मोदीजी यह सुनिश्चित करने के लिए प्रयास कर रहे हैं कि नागरिक इससे प्रभावित न हों.’
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, मार्च को समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष में सांख्यिकी मंत्रालय द्वारा अनुमानित 7 प्रतिशत सकल घरेलू उत्पाद के विस्तार से भारत इस वर्ष अपनी सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था का टैग खोने के लिए तैयार है. बताया गया है कि ऐसा देश और विदेश में कमजोर मांग के कारण है. यह विकास दर सऊदी अरब की अपेक्षित 7.6 प्रतिशत वृद्धि के बाद दूसरे स्थान पर होगी.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)