भाजपा में आते ही शारदा घोटाले के आरोपी मुकुल रॉय को मिली वाई श्रेणी की सुरक्षा

सीबीआई की पूछताछ के दो हफ्ते बाद छोड़ी पार्टी, पार्टी ज्वाइन करते ही बोले, 'भाजपा सांप्रदायिक नहीं, बल्कि धर्मनिरपेक्ष ताकत है'.

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सीबीआई की पूछताछ के दो हफ्ते बाद छोड़ा ममता का साथ, पार्टी ज्वाइन करते ही बोले, ‘भाजपा सांप्रदायिक नहीं, बल्कि धर्मनिरपेक्ष है’.

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नई दिल्ली भाजपा मुख्यालय में मुकुल रॉय के पार्टी ज्वाइन करने के बाद उनका स्वागत करते भाजपा अध्यक्ष अमित शाह. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: तृणमूल कांग्रेस के पूर्व नेता और शारदा घोटाले में आरोपी मुकुल रॉय के भाजपा ज्वाइन करते ही वाई श्रेणी की सुरक्षा दी गई है. मुकुल रॉय ने शुक्रवार को ही भाजपा ज्वाइन की है. हाल ही में उन्होंने तृणमूल कांग्रेस छोड़ दी थी. मुकुल रॉय तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी के बेहद करीबी लोगों में रहे हैं.

सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हाल ही में मुकुल रॉय से शारदा घोटाले मामले में पूछताछ की थी. इसके दो हफ्ते बाद ही मुकुल रॉय ने 25 सितंबर को तृणमूल कांग्रेस से इस्तीफा दिया था. 11 अक्टूबर को उन्होंने राज्यसभा से भी इस्तीफा दे दिया था.

समाचार एजेंसी भाषा के मुताबिक, तृणमूल कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने के एक दिन बाद ही मुकुल रॉय को केंद्र ने वाई प्लस सुरक्षा दी है. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) को संप्रग सरकार में रेल मंत्री रहे रॉय की सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी गई है.

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, सशस्त्र सीआरपीएफ की एक टुकड़ी अगले कुछ दिन में उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालेगी. रॉय जब भी पश्चिम बंगाल में रहेंगे तो उनके साथ तीन से चार कमांडो होंगे.

उन्होंने कहा कि केंद्रीय खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों द्वारा तैयार खतरा विश्लेषण रिपोर्ट के आधार पर रॉय को यह सुरक्षा प्रदान की गई. सीआरपीएफ की एक विशेष वीआईपी सुरक्षा शाखा है और यह तकरीबन 70 विशेष लोगों की सुरक्षा करती है.

हाल में ही कश्मीर पर केंद्र की ओर से नवनियुक्त विशेष प्रतिनिधि दिनेश्वर शर्मा को भी सीआरपीएफ कमांडो की जेड श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की गई थी.

भाजपा की सदस्यता ग्रहण करने के बाद मुकुल रॉय ने दिल्ली स्थित भाजपा मुख्यालय में कहा था कि यह उनका सौभाग्य है कि उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में काम करने का मौका मिला है. इस अवसर पर मंच पर मौजूद केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा था कि मुकुल रॉय ने माकपा शासन में 30 वर्षों तक बंगाल में संघर्ष किया है और तृणमूल को सत्ता तक पहुंचाया है. मुकुल रॉय के अनुभव का पार्टी को लाभ मिलेगा.

प्रसाद ने कहा कि भाजपा का विस्तार हो रहा है और हमारा क्षेत्र बढ़ रहा है. आज देश में 13 राज्यों में हमारी पार्टी के मुख्यमंत्री हैं और पांच राज्यो में हमारे उपमुख्यमंत्री हैं. केंद्र में हमारी सरकार है. मुकुल राय जैसे बड़े और अनुभवी नेता के भाजपा में शामिल होने का हमें लाभ मिलेगा. मुकुल राय के भाजपा में आने से संगठन के विस्तार में मदद मिलेगी और बंगाल में हमारा विस्तार होगा.

पार्टी ज्वाइन करने के बाद मुकुल रॉय ने कहा कि मेरा पूरा विश्वास है कि भाजपा के समर्थन के बिना तृणमूल कांग्रेस बंगाल में सत्ता में नहीं पहुंच सकती थी. 1998 में वह भाजपा के साथ मिलकर लोकसभा का चुनाव लड़ी, 1999 में तृणमूल राजग की सहयोगी बनकर चुनाव लड़ी और ममता जी वाजपेयी सरकार में मंत्री भी बनीं.

उन्होंने कहा कि भाजपा सांप्रदायिक नहीं, बल्कि धर्मनिरपेक्ष ताकत है और आने वाले समय में वह बंगाल में सत्ता में आएगी. मुकुल रॉय ने बाद में संवाददाताओं से कहा कि पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र की बहाली उनकी प्राथमिकता होगी.

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की यह अचूक रणनीति है कि जिन राज्यों में चुनाव होना होता है, वहां पर वे मुख्य विपक्षी दल के कुछ प्रमुख नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल करते हैं. इससे पार्टी के पक्ष में एक मनोवैज्ञानिक माहौल बनता है. अमित शाह दक्षिणी राज्यों में खासकर केरल और बंगाल में पार्टी का जनाधार बढ़ाने के लिए जी तोड़ कोशिश कर रहे हैं.

हिमाचल में चुनाव के ठीक पहले सुखराम के बेटे अनिल शर्मा भाजपा में शामिल हुए. गुजरात में चुनाव की ठीक पहले पाटीदार आंदोलन के कई नेता और कई कांग्रेसी विधायकों ने भाजपा ज्वाइन की. उत्तर प्रदेश में भी चुनाव के पहले कांग्रेस की वरिष्ठ नेता रीता बहुगुणा जोशी समेत कई कांग्रेसी, सपा और बसपा के बड़े नेता भाजपा में शामिल किए गए थे.

मुकुल रॉय का भाजपा में आना पार्टी का बंगाल में जनाधार बढ़ाने के अलावा 2019 की चुनावी तैयारी का अहम हिस्सा माना जा रहा है.