महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के आरोपों पर खेल मंत्रालय ने कुश्ती महासंघ से स्पष्टीकरण मांगा

ओलंपिक और राष्ट्रमंडल खेलों के पदक विजेताओं सहित अन्य पहलवानों ने भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह और कोचों द्वारा यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए हैं. कांग्रेस की ओर से कहा गया कि ‘बेटी बचाओ’ का नारा देने वाले बेटियों का शोषण कर रहे हैं.

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New Delhi: People protest against the Wrestling Federation of India (WFI), at Jantar Mantar in New Delhi, Thursday, Jan. 19, 2023. (PTI Photo/Ravi Choudhary)(PTI01_19_2023_000108B)

ओलंपिक और राष्ट्रमंडल खेलों के पदक विजेताओं सहित अन्य पहलवानों ने भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह और कोचों द्वारा यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए हैं. कांग्रेस की ओर से कहा गया कि ‘बेटी बचाओ’ का नारा देने वाले बेटियों का शोषण कर रहे हैं.

भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष पर यौन शोषण के आरोप लगाने के बाद दिल्ली के जंतर मंतर पर हुआ प्रदर्शन. (फोटो पीटीआई)

नई दिल्ली: महिला पहलवानों द्वारा भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष और कोचों पर यौन उत्पीड़न और महासंघ के कामकाज में कुप्रबंधन के गंभीर आरोप लगाए जाने के बाद दिल्ली में ओलंपिक और राष्ट्रमंडल खेलों (सीडब्ल्यूजी) के पदक विजेताओं सहित पहलवानों द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शन का संज्ञान लेते हुए खेल मंत्रालय ने कुश्ती महासंघ से स्पष्टीकरण मांगा है और आरोपों पर अगले 72 घंटों के भीतर जवाब देने का निर्देश दिया.

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, मंत्रालय ने डब्ल्यूएफआई को भेजे अपने पत्र में कहा है, ‘चूंकि मामला एथलीटों से जुड़ा है, इसलिए मंत्रालय ने इस मामले को बहुत गंभीरता से लिया है.’

मंत्रालय ने आगे कहा है कि अगर डब्ल्यूएफआई अगले 72 घंटों के भीतर जवाब देने में विफल रहता है तो मंत्रालय राष्ट्रीय खेल विकास संहिता, 2011 के प्रावधानों के अनुसार महासंघ के खिलाफ कार्रवाई शुरू करेगा.

इसके अलावा 18 जनवरी, 2023 को लखनऊ में भारतीय खेल प्राधिकरण के राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र (एनसीओई) में 41 पहलवानों और 13 प्रशिक्षकों और सहायक कर्मचारियों के साथ शुरू होने वाले महिला राष्ट्रीय कुश्ती प्रशिक्षण शिविर को रद्द कर दिया गया है.

एनसीओई लखनऊ के कार्यकारी निदेशक को उन राष्ट्रीय शिविरार्थियों को सभी सुविधाएं प्रदान करने का निर्देश दिया गया है, जो पहले से ही रिपोर्ट कर चुके हैं और रिपोर्ट करने वाले हैं, जब तक कि वे शिविर केंद्र से प्रस्थान न कर दें.

सभी शिविरार्थियों को राष्ट्रीय कोचिंग शिविर रद्द करने के संबंध में आवश्यक सूचना भी भेज दी गई है.

गौरतलब है कि विश्व चैंपियनशिप की पदक विजेता और ओलंपियन विनेश फोगाट ने बुधवार (18 जनवरी) को आरोप लगाया था कि भारतीय कुश्ती महासंघ के पसंदीदा कोच महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार करते हैं और उन्हें परेशान करते हैं.

उन्होंने कुश्ती महासंघ के प्रमुख और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर लड़कियों का यौन उत्पीड़न करने और टोक्यो ओलंपिक 2020 में उनकी हार के बाद उन्हें ‘खोटा सिक्का’ कहने का भी आरोप लगाया.

दिल्ली के जंतर मंतर में डब्ल्यूएफआई के खिलाफ धरने पर बैठी फोगाट ने कहा, ‘कोच महिलाओं को परेशान करते हैं और कुछ कोच, जो फेडरेशन के पसंदीदा हैं, महिला कोचों के साथ भी दुर्व्यवहार करते हैं. वे लड़कियों का यौन उत्पीड़न करते हैं. डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष ने कई लड़कियों का यौन उत्पीड़न किया है.’

ओलंपियन बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और फोगाट ने भारतीय कुश्ती महासंघ के खिलाफ जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया और महासंघ द्वारा अपने मनमानी नियमों और विनियमों के माध्यम से पहलवानों के उत्पीड़न का आरोप लगाया.

विरोध करने वाले पहलवानों ने आगे कुश्ती महासंघ पर उनके निजी जीवन में दखल देने और उनका शोषण करने का आरोप लगाया.

विनेश फोगाट का टोक्यो ओलंपिक खेलों के बाद से ही डब्ल्यूएफआई से टकराव चल रहा है. फोगाट ने यह भी दावा किया कि लखनऊ में राष्ट्रीय शिविर में कई कोच ने भी महिला पहलवानों का शोषण किया है. उन्होंने आरोप लगाया कि शिविर में कुछ महिलाएं हैं, जो डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष के कहने पर पहलवानों से संपर्क करती हैं.

इस 28 साल की पहलवान ने हालांकि स्पष्ट किया कि उन्होंने खुद कभी इस तरह के शोषण का सामना नहीं किया है लेकिन दावा किया कि बुधवार को दिल्ली के जंतर-मंतर पर शुरू हुए ‘धरने’ में ‘एक पीड़ित’ मौजूद थी.

इनके अलावा रियो ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक, विश्व चैंपियनशिप पदक विजेता सरिता मोर, संगीता फोगाट, सत्यव्रत कादियान, जितेंद्र किन्हा और राष्ट्रमंडल खेल पदक विजेता सुमित मलिक ‘जंतर मंतर’ पर धरने पर बैठे 30 पहलवानों में शामिल हैं .

आरोपों पर संज्ञान लेते हुए खेल मंत्रालय ने डब्ल्यूएफआई से स्पष्टीकरण मांगा है और उसे “लगाए गए आरोपों पर अगले 72 घंटों के भीतर जवाब देने” का निर्देश दिया है.

एक अन्य पहलवान ने कहा, ‘जब हम ओलंपिक में गए थे, तो हमारे पास फिजियो या कोच नहीं था. जब हमने आवाज उठानी शुरू की, तो हमें धमकी दी गई.’

ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पुनिया ने कहा कि पहलवान चाहते हैं कि महासंघ के प्रबंधन को बर्खास्त किया जाए.

पुनिया ने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) और गृह मंत्री (अमित शाह) हमारी मांगों में हमारा समर्थन करेंगे.’

हालांकि, भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने कहा, ‘यौन उत्पीड़न की कोई घटना नहीं हुई है. अगर ऐसा कुछ हुआ है, तो मैं खुद को फांसी लगा लूंगा.’  उन्होंने यह भी कहा कि वह जांच के लिए तैयार हैं.’

उन्होंने कहा, ‘यौन उत्पीड़न एक बड़ा आरोप है. जब मेरा ही नाम इसमें घसीटा गया है तो मैं कैसे कार्रवाई कर सकता हूं? मैं जांच के लिए तैयार हूं.’

66 वर्षीय सिंह फरवरी 2019 में लगातार तीसरी बार डब्ल्यूएफआई के निर्विरोध अध्यक्ष निर्वाचित हुए थे.

साल 2022 राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक विजेता बजरंग पुनिया ने कहा कि पहलवान महासंघ की तानाशाही को बर्दाश्त नहीं करेंगे. बजरंग ने कहा, ‘हम चल रही तानाशाही को बर्दाश्त नहीं करेंगे.’

इस बीच रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (डब्ल्यूएफआई) के सहायक सचिव विनोद तोमर ने बुधवार को कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि विनेश फोगाट, साक्षी मलिक, बजरंग पुनिया सहित अन्य पहलवान किस बात का विरोध कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि पहलवानों के महासंघ से संपर्क करने के बाद सभी मुद्दों को सुलझा लिया जाएगा.

तोमर ने कहा, ‘पता नहीं ये क्या माजरा है. हालांकि डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष को लिखे पत्र से हमें पता चला कि कुछ पहलवान विरोध में बैठे हैं. मैं उनसे उनकी समस्या के बारे में पूछने आया हूं.’

तोमर ने कहा कि औपचारिक रूप से पहलवानों के महासंघ से संपर्क करने के बाद सभी मुद्दों को सुलझा लिया जाएगा. हालांकि, उन्होंने दावा किया कि प्रदर्शनकारी पहलवानों ने अभी भी फेडरेशन को अपने मसलों पर भरोसे में नहीं लिया है.

उन्होंने कहा, ‘उन्होंने अभी तक मुझे नहीं बताया है कि उनकी शिकायत क्या है. अभी तक मेरे या फेडरेशन के सामने कोई मुद्दा नहीं उठाया गया है.’

दिल्ली महिला आयोग ने खेल मंत्रालय और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया

पहलवान विनेश फोगाट द्वारा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर महिला पहलवानों का यौन शोषण करने का आरोप लगाए जाने के बाद दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) ने युवा मामले एवं खेल मंत्रालय और शहर पुलिस को नोटिस जारी किया है.

भाजपा सांसद बृज भूषण शरण सिंह. (फोटो साभार: फेसबुक)

डीसीडब्ल्यू प्रमुख स्वाति मालीवाल ने जंतर मंतर पर प्रदर्शन कर रहे पहलवानों से मुलाकात भी की. डीसीडब्ल्यू ने कहा कि उसने भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष और कुछ कुश्ती प्रशिक्षकों के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों के बारे में खबरों का स्वत: संज्ञान लिया है. उसने पुलिस से मामले में एफआईआर दर्ज करने को भी कहा है.

डीसीडब्ल्यू ने कहा, ‘खबरों के अनुसार भारत की महिला ओलंपियन पहलवानों ने कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष और कुछ प्रशिक्षकों पर महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है. यह एक बहुत ही गंभीर मामला है.’

इसने महिला पहलवानों द्वारा प्रशिक्षकों और महासंघ के अध्यक्ष के खिलाफ 21 जनवरी तक की गई कार्रवाई के विवरण के साथ दर्ज शिकायतों की एक प्रति मांगी है. इसने भारतीय कुश्ती महासंघ द्वारा गठित आंतरिक शिकायत समिति का विवरण भी मांगा है.

बेटी बचाओ का नारा देने वाले बेटियों का शोषण कर रहे हैं: कांग्रेस 

कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को भाजपा सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन शोषण के आरोपों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हुए पूछा कि क्या सरकार द्वारा खेलों के लिए यही ‘बेहतर माहौल’ बनाया गया है?

हिंदी में किए गए एक ट्वीट में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने कहा, ‘हमारे खिलाड़ी देश की शान हैं. विश्व स्तर पर अपने प्रदर्शन से वे देश का मान बढ़ाते हैं.’

उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों ने कुश्ती संघ और उसके अध्यक्ष के खिलाफ उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए हैं तथा उनकी आवाज सुनी जानी चाहिए. आरोपों की जांच कर उचित कार्रवाई करनी चाहिए.

कांग्रेस महासचिव व संचार प्रभारी जयराम रमेश ने हिंदी में एक ट्वीट में कहा, ‘बेटियों पर अत्याचार करने वाले भाजपा नेताओं की फेहरिस्त अंतहीन है. क्या ‘बेटी बचाओ’ बेटियों को भाजपा नेताओं से बचाने की चेतावनी थी! प्रधानमंत्री जी, जवाब दीजिए.’

उन्होंने पूछा, ‘प्रधानमंत्री जी, बेटियों पर अत्याचार करने वाले सारे भाजपाई ही क्यों होते हैं?’

जयराम रमेश ने कहा, ‘कल आपने कहा कि देश में खेलों के लिए बेहतर माहौल बना है. क्या यही है ‘बेहतर माहौल’, जिसमें देश का नाम रोशन करने वाली बेटियां भी सुरक्षित नहीं हैं?’

एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, ‘कुलदीप सेंगर, चिन्मयानंद, बाप-बेटे विनोद आर्य-पुलकित आर्य और अब यह नया मामला! बेटियों पर अत्याचार करने वाले बीजेपी नेताओं की फेहरिस्त अंतहीन है. क्या बेटी बचाओ बेटियों को बीजेपी नेताओं से बचाने की चेतावनी थी! प्रधानमंत्री जी, जवाब दीजिए.’

उत्तर प्रदेश में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से एक खेल कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए मोदी ने बुधवार को कहा था, ‘कितने ही सामर्थ्यवान युवा, कितनी ही प्रतिभाएं मैदान से दूर रह गईं. मगर पिछले आठ वर्षों में देश ने इस पुरानी सोच को पीछे छोड़ दिया है. खेलों के लिए एक बेहतर वातावरण बनाने का काम किया गया है, इसलिए अब ज्यादा बच्चे और नौजवान खेल को करिअर विकल्प के तौर पर देखने लगे हैं.’

कांग्रेस ने बुधवार को दावा किया कि इससे ‘भाजपा का असली चरित्र उजागर हो गया है.’ पार्टी ने ट्वीट कर आरोप लगाया कि बेटी बचाओ का नारा देने वाले बेटियों का शोषण कर रहे हैं.

कांग्रेस ने आरोप लगाया, ‘बेहद शर्मनाक! कुश्ती संघ में महिला खिलाड़ियों का यौन शोषण हो रहा है. महिला पहलवान विनेश फोगाट ने कुश्ती संघ के अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण सिंह पर खिलाड़ियों के यौन शोषण का आरोप लगाया है. बेटी बचाओ का नारा देने वाले बेटियों का शोषण कर रहे हैं. ये है भाजपा का असल चाल-चरित्र.’

कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला. उन्होंने कहा, ‘भाजपा के इन लोगों ने तो हद पार कर दी. महिला पहलवान विनेश फोगाट ने कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष एवं भाजपा सांसद बृजभूषण सिंह पर खिलाड़ियों और महिला कोच के यौन शोषण के गंभीर आरोप लगाए हैं.’

कांग्रेस प्रवक्ता ने ट्वीट किया, ‘बेटियों को भाजपा से बचाना है. प्रधानमंत्री मोदी और महिला विकास मंत्री स्मृति ईरानी से कुछ भी उम्मीद करना बेकार है.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)