जेल में बंद कश्मीरी कार्यकर्ता को मानवाधिकार क्षेत्र में दिया जाने वाला पुरस्कार मिला

कश्मीर के मानवाधिकार कार्यकर्ता ख़ुर्रम परवेज़ को 22 नवंबर, 2021 को राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने गिरफ़्तार किया था, तब से उनकी हिरासत को कई बार बढ़ाया जा चुका है. परवेज़ मानवाधिकार के क्षेत्र में दिए जाने वाले मार्टिन एनल्स अवॉर्ड, 2023 से सम्मानित होने वाले तीन लोगों में से एक हैं.

खुर्रम परवेज. (फोटो साभार: Facebook/UN Geneva)

कश्मीर के मानवाधिकार कार्यकर्ता ख़ुर्रम परवेज़ को 22 नवंबर, 2021 को राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने गिरफ़्तार किया था, तब से उनकी हिरासत को कई बार बढ़ाया जा चुका है. परवेज़ मानवाधिकार के क्षेत्र में दिए जाने वाले मार्टिन एनल्स अवॉर्ड, 2023 से सम्मानित होने वाले तीन लोगों में से एक हैं.

खुर्रम परवेज. (फोटो साभार: Facebook/UN Geneva)

नई दिल्ली: एक साल से अधिक समय से जेल में बंद कश्मीर के मानवाधिकार कार्यकर्ता खुर्रम परवेज 2023 के मार्टिन एनल्स अवॉर्ड से सम्मानित होने वाले तीन लोगों में से एक हैं.

रिपोर्ट के अनुसार, यह पुरस्कार एक प्रसिद्ध ब्रिटिश मानवाधिकार कार्यकर्ता के नाम पर है, जो ‘मानवाधिकारों को लेकर काम करने वाले उत्कृष्ट कार्यकर्ताओं’ को मान्यता देता है. दो अन्य विजेता चाड की एक अग्रणी मानवाधिकार वकील डेल्फ़िन जिराबे और वेनेज़ुएला के एक प्रमुख स्वास्थ्य अधिकार कार्यकर्ता फेलिसियानो रेयना हैं.

इन तीनों को दुनिया के 10 प्रमुख मानवाधिकार एनजीओ – एमनेस्टी इंटरनेशनल, ह्यूमन राइट्स वॉच, इंटरनेशनल फेडरेशन फॉर ह्यूमन राइट्स, ह्यूरिडॉक्स, ब्रेड फॉर द वर्ल्ड, ह्यूमन राइट्स फर्स्ट, वर्ल्ड ऑर्गनाइजेशन अगेंस्ट टॉर्चर, इंटरनेशनल कमीशन ऑफ ज्यूरिस्ट्स (आईसीजे) इंटरनेशनल सर्विस फॉर ह्यूमन राइट्स (आईएसएचआर) और फ्रंट लाइन डिफेंडर्स की जूरी द्वारा चुना गया.

जूरी के अध्यक्ष हांस थुलेन ने एक बयान में कहा, ‘2023 के पुरस्कार विजेताओं के बीच एक बात समान है… उन चुनौतियों- जो जान का खतरा भी हो सकती हैं, को सहते हुए साहस, जुनून के साथ बेआवाजों की आवाज को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लाने का दृढ़ संकल्प.’

पुरस्कार के आधिकारिक बयान में खुर्रम परवेज के परिचय में पत्रकार राणा अय्यूब ने परवेज की तुलना ‘आधुनिक समय के डेविड से की है, जिन्होंने उन परिवारों को आवाज दी, जिनके बच्चों को गायब कर दिया गया था.’

खुर्रम परवेज जम्मू कश्मीर कोलिशन ऑफ सिविल सोसायटी (जेकेसीसीएस) के समन्वयक और एशियन फेडरेशन अगेंस्ट इनवॉलंटरी डिसअपीयरेंस (एएफएडी), जो 10 एशियाई देशों के 13 गैर-सरकारी संगठनों का एक समूह है, के अध्यक्ष हैं.

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने परवेज के श्रीनगर स्थित आवास और उनके ऑफिस पर छापेमारी के बाद गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत 22 नवंबर 2022 को उन्हें गिरफ्तार किया था.

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख के कार्यालय द्वारा गिरफ्तारी के बारे में चिंता जताए जाने के बाद भारत ने यह कहते हुए कड़ी आलोचना की थी कि संयुक्त राष्ट्र के निकाय को मानवाधिकारों पर आतंकवाद के नकारात्मक प्रभाव की बेहतर समझ विकसित करनी चाहिए.

उसके बाद से नई दिल्ली में एनआईए की विशेष अदालत ने यूएपीए की धारा 43डी(2)(बी), जो जांच एजेंसी को 90 दिनों की अवधि के भीतर किसी मामले की जांच पूरी करने में असमर्थ रहने पर हिरासत की अवधि को 180 दिनों तक बढ़ाने की अनुमति देती है, के तहत परवेज की हिरासत को कम से कम पांच बार बढ़ाया है.

संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार विशेषज्ञों सहित कई राष्ट्रीय और वैश्विक मानवाधिकार और नागरिक समाज संगठनों ने कई बार उनकी रिहाई की मांग उठाई है.

खुर्रम को 2006 में रिबुक ह्यूमन राइट्स अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था. उन्हें 2016 में संयुक्त राष्ट्र अधिकार परिषद के सत्र में हिस्सा लेने के लिए जिनेवा (स्विट्जरलैंड) जाने से रोक दिया गया था, जिसके एक दिन बाद ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था और 76 दिनों तक हिरासत में रखा गया था.