बीबीसी की ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ नाम की एक डॉक्यूमेंट्री में बताया गया है कि ब्रिटेन सरकार द्वारा करवाई गई गुजरात दंगों की जांच में नरेंद्र मोदी को सीधे तौर पर हिंसा के लिए ज़िम्मेदार पाया गया था. सोशल मीडिया पर डॉक्यूमेंट्री से संबंधित पोस्ट हटाने का निर्देश देने पर कांग्रेस ने केंद्र की मोदी सरकार की आलोचना की है.
नई दिल्ली: कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बने बीबीसी की एक डॉक्यूमेंट्री पर ‘सेंसरशिप’ के लिए सरकार की आलोचना करते हुए शनिवार को पूछा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 2002 के गुजरात दंगों के बाद मोदी को ‘राज धर्म’ की याद क्यों दिलाई थी.
मीडिया में आई खबरों के अनुसार, भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र की मोदी सरकार ने डॉक्यूमेंट्री ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ के लिंक साझा करने वाले कई यूट्यूब वीडियो और ट्विटर पोस्ट को ब्लॉक करने के निर्देश जारी किए हैं.
इससे पहले बीते 20 जनवरी को विदेश मंत्रालय ने दो भागों वाली इस डॉक्यूमेंट्री को ‘दुष्प्रचार का एक हिस्सा’ करार देते हुए सिरे से खारिज करते हुए कहा था कि इसमें पूर्वाग्रह, निष्पक्षता की कमी और औपनिवेशिक मानसिकता स्पष्ट रूप से झलकती है.
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए ट्विटर पर कहा, ‘प्रधानमंत्री और उनके पीछे ढोल बजाने वालों का कहना है कि उनके (मोदी के) बारे में बीबीसी का नया डॉक्यूमेंट्री बदनाम करने वाला है. (इस पर) सेंसरशिप लगाई गई है.’
रमेश ने पूछा कि आखिर वाजपेयी ने उन्हें (मोदी को) ‘राज धर्म’ की याद क्यों दिलाई थी.
कांग्रेस नेता ने वाजपेयी के बगल में बैठे गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री मोदी से ‘राज धर्म’ की बात करते हुए वाजपेयी की एक वीडियो क्लिप भी संलग्न की.
PM and his drumbeaters assert that the new BBC documentary on him is slanderous. Censorship has been imposed. Then why did PM Vajpayee want his exit in 2002, only to be pressurised not to insist by the threat of resignation by Advani? Why did Vajpayee remind him of his rajdharma? pic.twitter.com/wwUkDQvlXi
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) January 21, 2023
कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने शुक्रवार को आरोप लगाया था कि मोदी ‘21 साल बाद 2002 का सच सामने आने को लेकर अब भी डरे हुए हैं.’
कांग्रेस ने शनिवार को ही नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ एक आरोप-पत्र भी जारी किया, जिसमें उसने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को ‘भ्रष्ट जुमला पार्टी’ करार दिया और आरोप लगाया कि इसका मंत्र ‘कुछ का साथ, खुद का विकास, सबके साथ विश्वासघात’ है.
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश और पार्टी के महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल ने दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में हुए एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान आरोप लगाया गया है कि भाजपा का मंत्र ‘कुछ का साथ, खुद का विकास, सबके साथ विश्वासघात’ है.
भाजपाई हुकूमत के खिलाफ जनता की चार्जशीट
भ्रष्ट जुमला पार्टी का नारा है- कुछ का साथ, खुद का विकास, सबके साथ विश्वासघात।
भ्रष्ट जुमला पार्टी ने 'मितरों' को फायदा पहुंचाने के लिए देश की जनता को ठग लिया।#HaathSeHaathJodo pic.twitter.com/bQXbFnaEqi
— Congress (@INCIndia) January 21, 2023
मालूम हो कि मोदी सरकार ने यूट्यूब और ट्विटर दोनों को 2002 के गुजरात सांप्रदायिक हिंसा से संबंधित बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री पोस्ट करने वाले लिंक को हटाने के लिए कहा है. दोनों प्लेटफॉर्म कथित तौर पर यह कार्रवाई करने के लिए सहमत हो गए हैं.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, ट्विटर के अलावा सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने यूट्यूब को कई वीडियो ब्लॉक करने का निर्देश दिया है, जिनमें बीबीसी डॉक्यूमेंट्री का एपिसोड-1 शामिल है (अब तक केवल एक ही एपिसोड जारी किया गया है. इसके अलावा, सूत्रों ने बताया कि ट्विटर को इन वीडियो के लिंक वाले 50 से अधिक ट्वीट्स को ब्लॉक करने के लिए कहा गया था.
Twitter links of citizens blocked by Govt for sharing @BBC report. @derekobrienmp & @pbhushan1 on it . My link is still up.
सच कहना अगर बगावत है तो समझो हम भी बागी हैं pic.twitter.com/2lcwy9Soyb
— Mahua Moitra (@MahuaMoitra) January 22, 2023
सूत्रों ने बताया कि विदेश, गृह मामलों और सूचना एवं प्रसारण सहित कई मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारियों ने डॉक्यूमेंट्री की पड़ताल की और पाया कि यह सुप्रीम कोर्ट के अधिकार और विश्वसनीयता पर आक्षेप लगाने, विभिन्न भारतीय समुदायों के बीच विभाजन का बीज बोने का प्रयास है.
इस बीच तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ’ब्रायन ने बीते शनिवार को ट्वीट किया कि डॉक्यूमेंट्री का लिंक शेयर करने वाले उनके ट्वीट को ट्विटर ने हटा दिया है. ट्विटर से उन्हें मिले नोटिस ने पुष्टि की कि उनका ट्वीट भारत सरकार के एक अनुरोध के आधार पर हटा दिया गया था.
CENSORSHIP@Twitter @TwitterIndia HAS TAKEN DOWN MY TWEET of the #BBCDocumentary, it received lakhs of views
The 1 hr @BBC docu exposes how PM @narendramodi HATES MINORITIES
Here’s👇the mail I recieved. Also see flimsy reason given. Oppn will continue to fight the good fight pic.twitter.com/8lfR0XPViJ
— Derek O'Brien | ডেরেক ও'ব্রায়েন (@derekobrienmp) January 21, 2023
ट्विटर से मिले एक ई-मेल को पोस्ट करते हुए ओ ब्रायन ने इसे ‘पाबंदी’ (सेंसरशिप) करार दिया. इस ई-मेल में कहा गया है कि उनके ट्वीट को भारत सरकार के अनुरोध पर डिलीट किया गया, जिसमें दावा किया गया था कि यह भारतीय कानून का उल्लंघन करता है.
उन्होंने आरोप लगाया, ‘सेंशरशिप. ट्विटर-इंडिया ने बीबीसी डॉक्यूमेंट्री पर मेरे ट्वीट को हटा दिया, इसे लाखों लोगों ने देखा था. एक घंटे की बीबीसी डॉक्यूमेंट्री में बेनकाब किया गया है कि किस तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अल्पसंख्यकों से नफरत करते हैं.’
डेरेक ओ’ब्रायन के ट्वीट के अलावा कार्यकर्ता कविता कृष्णन, पत्रकार ग़ज़ाला वहाब और मिताली सरन, अमेरिकी अभिनेता जॉन क्यूसैक और वकील प्रशांत भूषण द्वारा डॉक्यूमेंट्री के लिंक वाले पोस्ट को मोदी सरकार के निर्देश पर भारत में ट्विटर द्वारा हटा दिया गया है.
टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने ट्विटर पर लिखा, ‘सरकार युद्धस्तर पर यह सुनिश्चित करने के लिए है कि भारत में कोई भी बीबीसी का शो न देख सके.’
Govt on war footing to ensure noone in India can watch a mere @BBC show.
Shame that the emperor & courtiers of the world’s largest democracy are so insecure.
— Mahua Moitra (@MahuaMoitra) January 21, 2023
रविवार को एक ट्वीट में उन्होंने कहा, ‘बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री को लेकर मेनस्ट्रीम मीडिया पूरी तरह से चुप हैं और सरकार की सेंसरशिप कार्रवाइयां शर्मनाक हैं. इस पर कोई प्राइम टाइम शो क्यों नहीं होता? गोदी मीडिया के संपादक और एंकर क्यों ताली बजा रहे हैं?’
Complete silence of mainstream media on @BBC show & govt’s shameful censorship actions.
Why no prime time shows on this? Why are Godi editors & anchors zipping up?
— Mahua Moitra (@MahuaMoitra) January 22, 2023
वरिष्ठ अधिवक्ता और कार्यकर्ता प्रशांत भूषण ने ट्वीट कर कहा, ‘2002 के गुजरात दंगों पर बनी बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री देखकर मोदी सरकार इतनी भयभीत क्यों है कि वह इसके सभी लिंक को सेंसर कर रही है. सरकार वहां बताए गए तथ्यों पर सभ्य तरीके से प्रतिक्रिया क्यों नहीं देती. यह दिखाता है कि वे सच्चाई का सामना नहीं कर सकते हैं और उनके पास छिपाने के लिए बहुत कुछ है.’
Why is the Modi govt so petrified of people seeing the BBC documentary on the 2002 Gujarat riots, that it censors all links to the #BBCDocumentary. Why don't they respond to the facts stated there in a civilised manner. Shows they can't face the truth. They have much to hide
— Prashant Bhushan (@pbhushan1) January 22, 2023
मालूम हो कि बीबीसी ने ब्रिटेन में ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ नाम की एक डॉक्यूमेंट्री प्रसारित की है, जिसमें बताया गया है कि ब्रिटेन सरकार द्वारा करवाई गई गुजरात दंगों की जांच (जो अब तक अप्रकाशित रही है) में नरेंद्र मोदी को सीधे तौर पर हिंसा के लिए जिम्मेदार पाया गया था.
साथ ही इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और देश के मुसलमानों के बीच तनाव की भी बात कही गई है. यह 2002 के फरवरी और मार्च महीनों में गुजरात में बड़े पैमाने पर सांप्रदायिक हिंसा में उनकी भूमिका के संबंध में दावों की पड़ताल भी करती है, जिसमें एक हजार से अधिक लोगों की जान चली गई थी.
डॉक्यूमेंट्री ब्रिटेन सरकार की एक अब तक अनदेखी जांच रिपोर्ट का हवाला देती है, जिसमें कहा गया है कि ‘नरेंद्र मोदी सीधे तौर पर जिम्मेदार हैं’. ब्रिटेन के तत्कालीन विदेश सचिव जैक स्ट्रॉ इसमें कहते नजर आते हैं कि ब्रिटिश टीम ने ‘बहुत गहन रिपोर्ट तैयार की है’.
ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक बीते 20 जनवरी को संसद में डॉक्यूमेंट्री पर बात करते हुए मोदी का बचाव करते देखे गए. उन्होंने कहा, ‘इस पर ब्रिटिश सरकार की स्थिति लंबे समय से स्पष्ट है और बदली नहीं है.’
बहरहाल, बीबीसी अपनी डॉक्यूमेंट्री के साथ खड़ा हुआ है और उसका कहना है कि यह काफी शोध करने के बाद बनाई गई है, जिसमें महत्वपूर्ण मुद्दों को निष्पक्षता से उजागर करने की कोशिश की गई है.
बीबीसी के एक प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, ‘डॉक्यूमेंट्री पर उच्चतम संपादकीय मानकों के अनुसार गहन शोध किया गया था.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)