बिहार के सीवान ज़िले का मामला. अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षाकर्मियों की एक टीम को इलाके में तैनात कर दिया गया है. संबंधित थाने में केस दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है. अब तक कुल 16 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है.
सीवान: बिहार में सीवान जिले के भोपतपुर अनुमंडल में जहरीली शराब पीने से सोमवार को दो और लोगों की मौत होने के बाद मृतक संख्या बढ़कर पांच हो गई है, जबकि सात अन्य बीमार पड़ गए. अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी.
बिहार के सीवान जिले में संदिग्ध जहरीली शराब पीने से सोमवार को दो और लोगों की मौत होने के बाद मृतक संख्या बढ़कर पांच हो गई है.
जिला प्रशासन द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक, लकरी नबीगंज में पेट में दर्द, जी मिचलाने और चक्कर आने की शिकायत के बाद रविवार शाम करीब सात बजे 10 लोगों को सीवान जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया.
बयान में कहा गया है, ‘अस्पताल के डॉक्टरों ने एक व्यक्ति को मृत घोषित कर दिया, जबकि पटना मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (पीएमसीएच) ले जाते समय दो और लोगों की मौत हो गई. सात अन्य लोग जिला अस्पताल में भर्ती हैं.’
स्थानीय लोगों ने बताया कि बीमार पड़े सात लोगों में कई की हालत गंभीर है.
अधिकारियों के मुताबिक, ‘सुरक्षाकर्मियों की एक टीम को इलाके में तैनात कर दिया गया है. संबंधित थाना ने एक मामला दर्ज किया है और विषय की जांच की जा रही है. मामले में अब तक कुल 16 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.’
मालूम हो कि बिहार में अप्रैल 2016 में नीतीश कुमार सरकार द्वारा शराब की बिक्री और इसके इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. राज्य में शराबबंदी पर अमल को लेकर हमेशा से सवाल उठते रहे हैं और यहां जहरीली शराब से लोगों की मौत की घटनाएं अक्सर होती रहती हैं.
दिसंबर 2022 में जहरीली शराब पीने से बिहार में आठ लोगों की मौत का मामला सामने आया था. इनमें से सिवान जिले में छह लोगों की मौत हो गई थी, जबकि बेगूसराय में दो अन्य लोगों की जान गई थी.
पिछले साल दिसंबर महीने में छपरा (सारण) जिले में जहरीली शराब पीने से कथित तौर पर करीब 50 लोगों की जान चली गई थी. इस घटना के बाद बिहार विधानसभा में सत्ता प़क्ष और विपक्ष में आरोप-प्रत्यारोप लगाए गए थे. विपक्षी नेताओं ने जहरीली शराब पीने से होने वाली मौत की घटनाओं को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर प्रहार किया था.
भारतीय जनता पार्टी ने दावा किया था कि छपरा में जहरीली शराब पीने से 100 से ज्यादा लोगों की जान गई है.
राज्य में कथित शराब के कारण हुईं मौत की अन्य घटनाओं की बात करें तो अगस्त 2022 में छपरा जिले में कथित तौर पर जहरीली शराब पीने से कम से कम सात लोगों की मौत हो गई थी.
इसी महीने में छपरा जिले में हुई एक अन्य घटना में कथित जहरीली शराब पीने से 13 लोगों की मौत हो गई थी और कई लोग बीमार हो गए थे.
मई 2022 में पूर्ण शराबबंदी वाले बिहार के औरंगाबाद जिले में कथित तौर पर जहरीली शराब पीने से पांच लोगों की मौत हो गई थी. इस घटना के बाद पुलिस ने 67 लोगों को गिरफ्तार किया था.
इससे पहले राज्य के दो जिलों- भागलपुर और मधेपुरा में मार्च 2022 में होली के त्योहार के दौरान कथित तौर पर जहरीली शराब पीने से कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई थी.
जनवरी 2022 में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृहजिले नालंदा में कथित तौर पर जहरीली शराब पीने से चार लोगों की मौत हो गई थी.
साल 2021 में दीपावली के आसपास बिहार के चार जिलों (पश्चिम चंपारण, गोपालगांज, समस्तीपुर और मुजफ्फरपुर) में अवैध शराब ने 40 से अधिक लोगों की जान ले ली थी.
पुलिस रिकॉर्ड से पता चलता है कि दिसंबर 2021 तक शराबबंदी कानून के तहत 3.5 लाख से अधिक मामले दर्ज किए गए और चार लाख से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया.
26 दिसंबर 2021 को सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एनवी रमना ने किसी कानून का मसौदा तैयार करने में दूरदर्शिता की कमी के उदाहरण के रूप में बिहार के शराबबंदी कानून का हवाला दिया था.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)