शिवसेना (यूबीटी) और प्रकाश आंबेडकर की पार्टी वंचित बहुजन आघाड़ी (वीबीए) ने महाराष्ट्र के कई शहरों में निकाय चुनाव से पहले गठबंधन का ऐलान किया. संयुक्त प्रेसवार्ता में उद्धव ठाकरे ने कहा कि हम यह सुनिश्चित करने के लिए एकजुट हुए हैं कि लोकतंत्र बरक़रार रहे.
मुंबई: शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे – यूबीटी) और प्रकाश आंबेडकर की पार्टी वंचित बहुजन अघाड़ी (वीबीए) ने महाराष्ट्र के कई शहरों में निकाय चुनाव से पहले सोमवार (23 जनवरी) को शिवसेना संस्थापक बाल ठाकरे की जयंती पर गठबंधन का ऐलान किया.
मुंबई में एक संयुक्त प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि उनके दादा केशव ठाकरे और प्रकाश आंबेडकर के दादा भीम राव आंबेडकर समकालीन थे और एक-दूसरे की सराहना करते थे. उन्होंने कहा कि दोनों ने ही साामजिक बुराइयों और कुप्रथाओं को खत्म करने के लिए काम किया.
केशव ठाकरे को प्रबोधनकर ठाकरे के रूप में भी जाना जाता है. उद्धव ने कहा कि इन दिनों राजनीति में कुछ कुरीतियां हैं, जिनके उन्मूलन के लिए इन दोनों नेताओं (केशव ठाकरे और भीम राव आंबेडकर) के वंशज तथा उनसे जुड़े लोग एकजुट हुए हैं.
उद्धव ने कहा, ‘हम यह सुनिश्चित करने के लिए एकजुट हुए हैं कि लोकतंत्र बरकरार रहे.’
महाराष्ट्र और केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का नाम लिए बगैर उद्धव ने कहा कि देश निरंकुश शासन की ओर बढ़ रहा है.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, ठाकरे ने कहा, ‘शिवसेना और वीबीए ने एक साथ आने का फैसला किया है. उस विशेष क्षण में मौजूद स्थिति के आधार पर भविष्य के राजनीतिक रोडमैप का फैसला किया जाएगा.’
इस दौरान प्रकाश आंबेडकर ने कहा कि शिवसेना (यूबीटी) का हिंदुत्व वीबीए को स्वीकार्य है. उन्होंने कहा, ‘हम उस हिंदुत्व को स्वीकार करते हैं, जो प्रबोधंकर ठाकरे ने रखा है. शिवसेना बालासाहेब के विचारों और हिंदुत्व पर आधारित पार्टी है.’
द प्रिंट के मुताबिक, गठबंधन के बारे में बात करते हुए प्रकाश आंबेडकर ने कहा, ‘फिलहाल हम दोनों ही साथ हैं. कांग्रेस ने अभी तक गठबंधन को स्वीकार नहीं किया है, लेकिन मुझे उम्मीद है कि वे साथ आएंगे और हर कोई शरद पवार (एनसीपी प्रमुख) के साथ मेरे रिश्ते को जानता है. उनके साथ मेरे मतभेद दिशा और नेतृत्व पर आधारित हैं. यह व्यक्तिगत नहीं है, लेकिन मुझे उम्मीद है कि एनसीपी भी गठबंधन करेगी.’
इस पर ठाकरे ने कहा, ‘यहां तक कि कांग्रेस और एनसीपी के साथ हमारे संबंधों के बारे में पता है. लेकिन तीन साल पहले हम करीब आए और महा विकास अघाड़ी (एमवीए) बनाया. मैंने कांग्रेस और एनसीपी से भी बात की है. मुझे नहीं लगता कि उन्हें आपसे (आंबेडकर) कोई समस्या है. कांग्रेस, एनसीपी, शिवसेना हम सभी के राजनीतिक मित्र हैं और हमें एक साथ आना चाहिए.’
उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना का अतीत में भाजपा की सहयोगी होने के नाते कांग्रेस और राकांपा के साथ मतभेद रहा है.
जब एनसीपी प्रमुख शरद पवार से बीते 22 जनवरी को शिवसेना (यूबीटी) और वीबीए गठबंधन की संभावना के बारे में पूछा गया था, तो उन्होंने कहा था, ‘मुझे किसी भी घटनाक्रम की जानकारी नहीं है. मैं इन चीजों में शामिल भी नहीं होता.’
मुंबई, ठाणे और पुणे समेत कई नगर निगमों और नगर निकायों का कार्यकाल पिछले साल समाप्त हो गया था, लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण चुनाव नहीं हो सके.
मुंबई और ठाणे समेत कई शहरों में होने वाले नगर निकाय चुनावों से पहले गठबंधन के बारे में बात करते हुए आंबेडकर ने कहा कि वीबीए और शिवसेना (यूबीटी) का एकजुट होना परिवर्तन की राजनीति की शुरुआत है.
ठाकरे के इस कदम को राज्य में निकाय चुनाव से पहले दलितों के बीच समर्थन को मजबूत करने के रूप में देखा जा रहा है.
राज्य के विदर्भ क्षेत्र में वीबीए की उपस्थिति है और आंबेडकर ने वर्ष 1998 और 1999 में अकोला लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया था.
वीबीए ने वर्ष 2019 में ओवैसी की अगुवाई वाले ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) से गठजोड़ करके कई विधानसभा सीट पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और कांग्रेस को नुकसान पहुंचाया था.
इससे पहले जोगेंद्र कवाड़े की अगुवाई वाली एवं राज्य में दलित समुदाय में पैठ रखने वाली पीपुल्स रिपब्लिकन पार्टी (पीआरपी) ने पिछले महीने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की ‘बालासाहेबांची शिवसेना’ से हाथ मिला लिया था.
उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ दल भाजपा का रामदास अठावले की पार्टी रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (ए) के साथ पहले से ही गठबंधन है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)