हिमाचल प्रदेश चुनाव राउंडअप: भाजपा नेता और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, कांग्रेस की समस्या है कि चायवाला पीएम बन गया.
शिमला/नई दिल्ली: भाजपा नेता और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि वह हिमाचल प्रदेश की चुनावी लड़ाई से भाग चुकी है और राज्य की जनता यह चुनाव लड़ रही है.
राज्य में नौ नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले लगातार तीसरे दिन चुनाव प्रचार में भाग लेते हुए मोदी ने कहा कि राज्य का चुनाव उनकी पार्टी भाजपा नहीं लड़ रही बल्कि राज्य की जनता लड़ रही है जो भ्रष्टाचार और खराब कानून व्यवस्था के लिए कांग्रेस को सबक सिखाने पर उतारू है.
उन्होंने यहां एक रैली में कहा, मुझे दुख है क्योंकि इस बार मुझे चुनाव में मजा नहीं आ रहा. इस बार कांग्रेस मैदान छोड़कर भाग चुकी है. ये चुनाव एकतरफा हो गए हैं.
हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव को एकतरफा मुकाबला करार देते हुए भाजपा नेता ने रविवार को कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह मैदान छोड़कर भाग रही है. उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में शोक मनाने के सिवाय कांग्रेस के पास और कोई चारा नहीं है.
हिमाचल प्रदेश में कई जनसभाएं करते हुए मोदी ने यह भी कहा कि नोटबंदी का एक साल पूरा होने के मौके पर आठ नवंबर को कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन के आह्वान की उन्हें परवाह नहीं है और पुतला फूंका जाना उन्हें भ्रष्टाचार और कालेधन के खिलाफ लड़ाई में आगे बढ़ने से नहीं डरा सकता.
कांग्रेस की समस्या यह है कि एक चायवाला प्रधानमंत्री बन गया
प्रधानमंत्री ने कहा, कांग्रेस पार्टी मैदान छोड़कर भाग गई है. चुनाव एकतरफा हो गया है, ऐसा पहले कभी नहीं देखा गया. उन्होंने कहा, मैं कांग्रेस के अपने बंधुओं के दर्द को समझा सकता हूं. उनकी समस्या यह है कि एक चायवाला प्रधानमंत्री बन गया. एक गरीब मां का बेटा इस स्तर तक पहुंच गया. उन्होंने सोचा था कि इस सीट को उन्होंने हमेशा के लिए आरक्षित कर लिया था, लेकिन जनता सब जानती है.
उना, पालमपुर और कुल्लू में परिवर्तन रैली के नाम से जनसभाएं संबोधित करते हुए मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर आरोप लगाया कि जब जरूरत थी, तब उन्होंने नोटबंदी नहीं की और यदि उन्होंने यह काम सालों पहले कर लिया होता तो उन्हें यह बड़ा कदम नहीं उठाना पड़ता.
भ्रष्टाचार के मुद्दे पर कांग्रेस पर हमला बोलते हुए मोदी ने केंद्र की पिछली कांग्रेस नीत सरकारों पर 57000 करोड़ रुपये की सब्सिडी का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया. उन्होंने दावा किया कि उन्होंने इस दुरुपयोग को रोक दिया है और अब जनता के कल्याण के लिए पैसे का इस्तेमाल किया जा रहा है.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, इतने लंबे समय से राजनीति में होने की वजह से मैं महसूस कर सकता हूं कि हवा किस तरफ बह रही है. लेकिन इस बार हिमाचल में तूफान देखा जा सकता है. राज्य की जनता ने कांग्रेस की सल्तनत को सबक सिखाने का मन बना लिया है.
सब्सिडी के नाम पर बिचौलियों ने खजाना लूट लिया
मोदी ने कहा कि हिमाचल में रैली कर रहे कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने जनता का सामना करने का साहस किया और उन पर तथा प्रेम कुमार धूमल जैसे प्रदेश के नेताओं पर निशाना साधा. लेकिन उनके पास कहने को कुछ नहीं है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि सब्सिडी के नाम पर बिचौलियों ने खजाना लूट लिया. उन्होंने कहा, बिचौलियों ने सब्सिडी के 57 हजार करोड़ रुपये से अधिक लूट लिए. मोदी ने यह सब रोक दिया और अब इस पैसे को जनता के कल्याण के लिए खर्च किया जा रहा है.
मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत राजीव गांधी के इस बयान का जिक्र भी किया कि दिल्ली से एक रुपया जाता है तो गांवों तक केवल 15 पैसे पहुंचते हैं. मोदी ने कहा कि राजीव गांधी ऐसा कहकर महज उस तस्वीर को पेश कर रहे थे जो कांग्रेस ने देश चलाते समय किया.
उन्होंने कहा कि राजीव गांधी ऐसे डॉक्टर थे जिन्होंने भ्रष्टाचार की बीमारी का पता लगाया लेकिन इस बारे में किया कुछ नहीं. उन्होंने कहा कि 85 पैसे कहां गए. कांग्रेस के चुनाव चिन्ह की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा, कौन जादूगर था या उस धन को चुराने के लिए किस पंजे का इस्तेमाल किया गया.
कांग्रेस के पास मेरे पुतले जलाने के सिवा कोई विकल्प नहीं
जीएसटी पर मोदी ने कहा कि किसी कारोबारी या कारोबारी संस्था ने नई कर प्रणाली का विरोध नहीं किया और व्यापारियों एवं दुकानदारों की समस्याओं का समाधान करने के लिए सरकार सबकुछ कर रही है.
मोदी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के लोगों की ओर से भाजपा को सत्ता में लाने के बाद कांग्रेस को डर सताने लगा है कि वह 2024 में भी उनका मुकाबला नहीं कर पाएगी. उन्होंने कहा, इसलिए मेरे पुतले जलाने के सिवाय उनके पास और कोई विकल्प नहीं है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि नोटबंदी के बाद तीन लाख से अधिक कंपनियां बंद हो गईं और 5,000 ऐसी कंपनियों की जांच में 4000 करोड़ रुपए के फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ जबकि अन्य के खिलाफ जांच जारी है.
कांग्रेस की ओर से काला दिवस मनाने के आह्वान पर मोदी ने कुल्लू की एक रैली में कहा, नोटबंदी की मार का सामना करने वाले कुछ लोग अब भी शिकायत कर रहे हैं और आठ नवंबर को काला दिवस मनाने की योजना बना रहे हैं. मेरे पुतले जलाकर कांग्रेस मुझे डरा नहीं सकती.
नोटबंदी ने कांग्रेस की नींद उड़ा दी
पालमपुर की एक रैली में मोदी ने कहा, आगामी हफ्ते में कांग्रेस शोक मनाने की योजना बना रही है. मुझे मेरे पुतले फूंके जाने का डर नहीं है. भ्रष्टाचार के खिलाफ मेरी लड़ाई नहीं रुकेगी.
जनसभाओं के बाद एक ट्वीट कर मोदी ने कहा, हिमाचल में मेरी सभाओं से मुझे यकीन है कि कांग्रेस चुनावों में हारेगी. लोग इसके भ्रष्टाचार और कुशासन को बर्दाश्त नहीं कर सकते.
मोदी ने कहा कि नोटबंदी ने कांग्रेस के लोगों की नींद उड़ा दी और उन लोगों का गुस्सा ठंडा नहीं हुआ है. उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी के पास भारी मात्रा में नोट थे जो उनके फैसले के चलते प्रतिबंधित हो गए.
उन्होंने कहा, कांग्रेस और भ्रष्टाचार एक दूसरे से जुदा नहीं हो सकते. वे पेड़ और जड़ के समान हैं. उनके सारे नेता भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों में जमानत पर हैं और वे भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने की बात करते हैं.
मोदी की भाषा उनके पद की गरिमा के अनुरूप नहीं: वीरभद्र
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता वीरभद्र सिंह ने चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इस्तेमाल की जा रही भाषा पर टिप्पणी करते हुए कहा है कि मोदी जिस भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं वह उनके पद की गरिमा के अनुरूप नहीं है. इससे कोई उनकी पार्टी के स्तर की भी कल्पना कर सकता है.
वीरभद्र चुनाव आयोग से अनुरोध किया है कि वह नौ नवंबर को राज्य विधानसभा चुनाव के लिए होने वाले मतदान के दिन से 18 दिसंबर को होने वाली मतगणना तक वीवीपीएटी मशीनों की उचित सुरक्षा सुनिश्चित करें.
चुनाव में अपना भरोसा व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि चूंकि मतदान और मतगणना के बीच अवधि लंबी है इसलिए मशीन की उचित सुरक्षा का आश्वासन जरूरी है.
मोदी के ‘मित्रों’ की तुलना गब्बर के ‘कितने आदमी’ से
कांग्रेस ने जीएसटी के मुद्दे को लेकर रविवार को मोदी सरकार पर निशाना साधा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मित्रों’ के संबोधन की तुलना शोले फिल्म के खलनायक गब्बर सिंह के मशहूर संवाद कितने आदमी थे से की.
पार्टी प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने एक रैली में कहा, जब गब्बर सिंह ने बोला कि कितने आदमी थे तो लोग डर गए और अब जब मोदी मित्रों कहते हैं तो लोग डर जाते हैं क्योंकि वे नहीं जानते कि आगे क्या होने वाला है.
उनके इस बयान से कुछ दिनों पहले कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने जीएसटी को गब्बर सिंह टैक्स करार दिया था. सुरजेवाला ने कहा, खेती पर 18 प्रतिशत कर वसूला जाता है और 12 प्रतिशत कर कृषि उपकरणों पर लिया जा रहा है. किसान हमारा पेट भरने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं और उनको कर से छूट मिलनी चाहिए. इसीलिए राहुल ने गब्बर सिंह टैक्स कहा.
कांग्रेस के खिलाफ मोदी की टिप्पणी उनकी हताशा दर्शाती है: अमरिंदर
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कांग्रेस को दीमक बताने वाली टिप्पणी करने को लेकर आलोचना की. उन्होंने आगामी विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी के उम्मीदवारों के लिए समर्थन जुटाने के लिए निराशा में एक विधानसभा क्षेत्र से दूसरे विधानसभा क्षेत्र में घूमने के लिए भाजपा नेता नरेंद्र मोदी का उपहास उड़ाया.
उन्होंने कहा, भाजपा के लिए दीवार पर लिखी इबारत साफ है. प्रधानमंत्री व्यग्रता में हिमाचल का चक्कर लगा रहे हैं. सिंह ने कहा कि उनकी अपनी रैली पहाड़ी राज्य में मोदी के उन्मुक्त आवागमन से विलंबित हो रही है.
कांग्रेस के खिलाफ मोदी की दीमक वाली टिप्पणी पर सिंह ने कहा, अगर ऐसा होता तो पिछले 70 वर्षों में प्रगति करने की बजाय देश का अब तक पतन हो गया होता. हिमाचल प्रदेश ने भी उस तरह से विकास नहीं किया होता, जिस तरह से विभिन्न कांग्रेसी सरकारों के तहत उसका विकास हुआ है.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का बयान देशभर में शुरू हुए भाजपा के विरोध में बदलाव की चल रही बयार को लेकर उनकी हताशा को दर्शाता है.
कांग्रेस प्रमुख ने हार का बदला लेने के लिए कमर कसी
हिमाचल के हमीरपुर जिले के नादौन विधानसभा क्षेत्र में छह पक्षीय मुकाबले में हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के प्रमुख सुखविंदर सिंह सुक्खु जीत के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं. वर्ष 2012 के चुनाव में उन्हें यहां से हार का मुंह देखना पड़ा था और अब वह यहां से जीत की इबारत लिखना चाहते हैं.
इस बार भी उनका मुकाबला अपने पुराने प्रतिद्वंद्वी भाजपा के वर्तमान विधायक विजय अग्निहोत्री से है. पिछले चुनाव में अग्निहोत्री ने सुक्खु को 6,750 मतों के अंतर से हराया था. कांग्रेस के दिग्गज नेता सुक्खु दर-दर जाकर मतदाताओं को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने पूरा ध्यान नादौन पर केंद्रित कर रखा है और घिरथ समुदाय तथा महिलाओं के मतों पर उनकी उम्मीदें टिकी हैं. यहां विधानसभा चुनाव नौ नवंबर को होने हैं.
प्रेम कुमार धूमल का नाम मुख्यमंत्री पद के लिए घोषित करने के साथ ही हमीरपुर जिले में सभी पांच निर्वाचन क्षेत्रों में भाजपा उम्मीदवारों के हौसले बुलंद हो गए हैं. नादौन में भी यही स्थिति है.
सुक्खु और मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बीच कटुता किसी से छिपी नहीं है, ऐसे में सिंह के समर्थक सुक्खु के लिए चुनाव में कोई दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं.
मतदाताओं को लुभाने के लिए सुक्खु एक के बाद एक गांव का दौरा कर रहे हैं. वह जनता को बता रहे हैं कि उन्होंने और कांग्रेस ने इस क्षेत्र के लिए क्या-क्या किया है. इन दौरों में उनकी पत्नी कमलेश कुमारी भी उनके साथ हैं जो क्षेत्र की महिलाओं के समूह को साथ लेकर जनता से अपने पति और पार्टी के पक्ष में मतदान करने का अनुरोध कर रही हैं.
2012 के विधानसभा चुनाव में सुक्खु को 24,555 मत मिले थे जबकि भाजपा के अग्निहोत्री को 31,305 मत मिले थे. नादौन में भारी, करीब 78.37 फीसदी मतदान हुआ था.
कांग्रेस के किसी भी शीर्ष नेता ने अब तक इस निर्वाचन क्षेत्र में उनके लिए प्रचार नहीं किया है. हालांकि सुक्खु ने जब नामांकन भरा था तब आनंद शर्मा जरूर मौजूद थे.
दूसरी ओर, अग्निहोत्री के लिए समर्थन जुटाने के उद्देश्य से धूमल कई जनसभाओं को संबोधित कर चुके हैं. लेकिन भाजपा के बागी नेता और जिला परिषद सदस्य लेखराज शर्मा भी मैदान में हैं जो भगवा दल के लिए परेशानी पैदा कर सकते हैं.
शर्मा को उनके अच्छे स्वभाव के लिए जाना जाता है, उन्होंने क्षेत्र में गरीब लोगों के लिए काफी काम किया है. मसलन बच्चों की पढ़ाई और गरीब लोगों की बेटियों के विवाह के लिए आर्थिक सहायता देना.
वह भाजपा के मतों में सेंध लगा सकते हैं और भगवा दल के नेता उनके समर्थकों को पार्टी के उम्मीदवार के पक्ष में मतदान करने के लिए बहलाने की कोशिश कर रहे हैं. सुक्खु और अग्निहोत्री दोनों ही राजपूत और ब्रामण मतों पर भरोसा करके चल रहे हैं जबकि दोनों समुदाय राजनीतिक तौर पर मतभिन्नता रखते हैं.
शिमला शहरी सीट पर चतुष्कोणीय मुकाबला
प्रतिष्ठित शिमला शहरी सीट पर इस बार चतुष्कोणीय मुकाबला है और यहां से तीन बार विधायक रहे भाजपा के सुरेश भारद्वाज अपनी सीट को बचाने के लिए कड़ी चुनौती का सामना कर रहे हैं.
इस मुकाबले में उनके सामने हैं कांग्रेस के हरभजन सिंह भज्जी, शिमला नगर पालिका के पूर्व महापौर माकपा के संजय चौहान और कांग्रेस के बागी हरीश जनरथ जो निर्दलीय के तौर पर चुनाव मैदान में हैं.
भाजपा का एक वर्ग भारद्वाज को टिकट देने से खुश नहीं है जबकि कांग्रेस के बड़ी संख्या में नेता और पालिका के पार्षद खुलकर जनरथ के समर्थन में सामने आए हैं. जनरथ मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के करीबी हैं, यह स्थिति कांग्रेस के उम्मीदवार भज्जी के लिए परेशानी भरी है.
भाजपा को बीते 31 वर्षों में पहली बार निगम पालिका की कमान मिली है. उसे उम्मीद है कि जीत आसान होगी लेकिन चुनावी मैदान में तीन अन्य उम्मीदवार भी खासे मजबूत हैं. ऐसे में यह लड़ाई आसान नहीं रहने वाली.
वर्ष 2012 के चुनाव में जनरथ शिमला से कांग्रेस उम्मीदवार थे. तब वह 628 मतों के बेहद कम अंतर से हार गए थे. कांग्रेस शिमला को स्मार्ट सिटी का दर्जा दिलवाने का श्रेय लेना चाह रही है लेकिन सत्तारूढ़ दल के सामने पीलिया फैलना, जलसंकट, पानी और सीवरेज की समस्या और सड़कों की खराब हालत जैसे मुद्दे मुंहबाए खड़े हैं.
जनरथ मुख्यमंत्री के नाम पर वोट मांग रहे हैं जबकि भज्जी संगठन और अपने संपर्कों की ताकत पर भरोसा करके चल रहे हैं. यहां के लोगों के जेहन में गुड़िया के साथ बलात्कार और हत्या की बर्बर घटना और चार वर्षीय बच्चे की हत्या जैसी घटनाएं अभी भी ताजा है.
कांग्रेस ने लोकलुभावन घोषणाएं की हैं मसलन कर्मचारियों और कामगारों की वर्ष 2004 से पहले की पेंशन योजना की बहाली की मांग को मानना. भारद्वाज ने वर्ष 2007 और 2012 में यहां से जीत हासिल की थी और इस बार वह हैट्रिक की उम्मीद लगाए हैं.
भाजपा को मुख्यमंत्री उम्मीदवार धूमल के जीतने का भरोसा
हिमाचल प्रदेश के ठंडे मौसम वाले सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र में जहां राजनीतिक तापमान बढ़ रहा है जहां से भारतीय जनता पार्टी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार प्रेम कुमार धूमल अपने आत्मीय कांग्रेस के राजेंद्र राणा के खिलाफ चुनाव मैदान में हैं.
सत्ता पर काबिज होने के लिए प्रदेश में सात नवंबर को चुनाव प्रचार समाप्त होने से पहले विपक्षी भारतीय जनता पार्टी जबरदस्त चुनाव अभियान चला रही है.
मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की तरह धूमल भी वोट मांगने तथा चुनाव अभियान के लिए पूरे प्रदेश में घूम रहे हैं. यहां सुजानपुर में उनका प्रचार अभियान मुख्य रूप से उनके छोटे बेटे अरुण धूमल ने संभाल रखा है जबकि उनके बडे सुपुत्र तथा हमीरपुर से भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर भी यहां वोट मांगने के लिए मौजूद हैं.
पार्टी कार्यालय में यहां अनुराग ठाकुर के सहयोगी अुनपम लखनपाल व्यस्त व्यक्ति हैं. वह पार्टी के नेताओं तथा रणनीति बनाने वालों से समन्वय रखते हैं ताकि प्रचार का खाका एवं दिन के प्रचार अभियान की योजनायें तैयार किया जा सके.
इस विधानसभा क्षेत्र में लगभग 64 हजार मतदाता हैं. इसमें मौजूदा और अवकाश प्राप्त सैन्यकर्मियों की तादाद 15 से 20 फीसदी है. अन्य लोग छोटे व्यापारी और कृषि कार्य करने वाले हैं. पार्टी समाज के सभी वर्ग के लोगों तक पहुंचने के लिए सभी प्रयास कर रही है.
सुजानपुर से हमीरपुर के बीच सड़क के दोनों तरफ देवदार के पेड़ों पर होर्डिंग लगा हुआ है जिस पर लिखा है- अबकी बार सुजानपुर से सरकार तथा अबकी बार साठ के पार.
भारतीय जनता पार्टी के समर्थकों का मानना है कि मुख्यमंत्री के उम्मीदवार के रूप में धूमल के नाम का ऐलान किए जाने से हिमाचल में पार्टी की संभावनाओं को बढ़ा दिया है क्योंकि वह बहुत ताकतवर नेता हैं.
उनका यह भी मानना है कि अगर यहां से भाजपा जीत जाती है तो सुजानपुर को निश्चित तौर पर लाभ होगा. कांगेस समर्थकों का मानना है कि धूमल के मुकाबले चुनाव लड़ रहे राणा भी कोई छोटी बात नहीं है क्योंकि इसी सीट से राणा ने 2012 के चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर 14 हजार मतों के भारी अंतर से जीत हासिल की थी. बाद में वह कांग्रेस में शामिल हो गए थे.
अपनी चुनावी रैलियों में धूमल ने कथित भ्रष्टाचार, कथित रूप से बदतर होती कानून व्यवस्था, भूमि, वन एवं ड्रग माफिया तथा कथित आर्थिक अव्यवस्था के लिए कांग्रेस को निशाना बनाया.
धूमल ने वादा किया है कि राज्य में अगर भाजपा जीतती है तो वह देवभूमि हिमाचल को नई उंचाइयों पर लेकर जाएंगे. हिमाचल प्रदेश के 68 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के मिशन 60 प्लस को महसूस करने की अपील लोगों से करते हुए धूमल उनसे कहते हैं कि जैसे पहाड़ी की तरफ जाने के लिए रेलगाड़ी में दोहरे इंजन की आवश्यकता होती है वैसे ही राज्य में विकास के लिए दोहरे इंजन केंद्र की मोदी सरकार तथा राज्य में भाजपा सरकार की जरूरत है.
कांग्रेस का घोषणा पत्र लांड्री की सूची: धूमल
हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों में भाजपा के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार प्रेम कुमार धूमल ने कांग्रेस के चुनावी घोषणा पत्र को आधारहीन वादों की लांड्री की सूची बताया.
उन्होंने सत्तारूढ़ दल पर आरोप लगाया कि पिछले विधानसभा चुनावों में की गई घोषणाओं में से आधे भी पूरे नहीं किए. धूमल ने बयान जारी कर बताया, कांग्रेस ने आगामी चुनावों के लिए घोषणापत्र के तौर पर आधारहीन वादों की लांड्री की सूची बनाई है. लेकिन उन्हें यह महसूस नहीं हुआ कि पिछले पांच वर्षों के शासनकाल में जिन चीजों को वे पूरा नहीं कर पाए, उन्हें फिर से प्रस्तावित किया है.
उन्होंने कहा, आधे चुनावी वादे पूरा नहीं करने के बावजूद कांग्रेस फिर उन्हीं वादों के साथ सामने आई है ताकि उनका घोषणा पत्र विस्तृत नजर आ सके. भाजपा नेता ने कहा कि लोग उस सरकार पर फिर विश्वास नहीं करेंगे जो सत्ता में रहने के दौरान अपने वादों को पूरा नहीं कर पाई.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)