नोटबंदी और जीएसटी से कर आतंक का डर: मनमोहन सिंह

गुजरात चुनाव राउंडअप: पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा, 'देश में निजी निवेश 25 बरस के न्यूनतम स्तर पर, यह भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए काफी खराब स्थिति है.'

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Ahmedabad: Former prime minister Manmohan Singh with Congress leader Ashok Gehlot during an interactive session with traders and businessmen, in Ahmedabad on Tuesday. PTI Photo by Santosh Hirlekar (PTI11 7 2017 000094A)
Ahmedabad: Former prime minister Manmohan Singh with Congress leader Ashok Gehlot during an interactive session with traders and businessmen, in Ahmedabad on Tuesday. PTI Photo by Santosh Hirlekar (PTI11 7 2017 000094A)

गुजरात चुनाव राउंडअप: पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा, ‘देश में निजी निवेश 25 बरस के न्यूनतम स्तर पर, यह भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए काफी खराब स्थिति है.’

Ahmedabad: Former prime minister Manmohan Singh addresses a press conference in Ahmedabad on Tuesday. PTI Photo  (PTI11_7_2017_000101A)
गुजरात के अहमदाबाद में मंगलवार को मीडिया को संबोधित करते पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह. (फोटो: पीटीआई)

अहमदाबाद/नई दिल्ली: कांग्रेस पार्टी के नेता एवं पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मंगलवार को राजग सरकार पर आरोप लगाया कि नोटबंदी और उसके बाद जीएसटी के क्रियान्वयन के उसके तौर तरीकों से देश के कारोबारी समुदाय के मन में कर आतंक का डर बैठ गया है.

यहां अपनी पार्टी द्वारा आयोजित लघु एवं मझोले कारोबारियों के सम्मेलन में उन्होंने कहा कि इस समय देश में निजी निवेश 25 बरस के न्यूनतम स्तर पर है. यह भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए काफी खराब स्थिति है. इस कार्यक्रम का आयोजन गुजरात विधानसभा चुनाव के सिलसिले में किया गया था.

पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि समाज के विभिन्न वर्गों के युवाओं के हालिया आंदोलनों से पता चलता है कि गुजरात की भाजपा सरकार के कामकाज से उनमें असंतोष है. गुजरात में भाजपा पिछले करीब 22 साल से लगातार सत्ता में है.

मनमोहन ने कहा कि सिर्फ सूरत में 60,000 करघे बंद हो गए हैं. प्रत्येक 100 करघों पर यदि 35 लोगों का रोजगार छिनने की दर को लिया जाए, तो सूरत में सिर्फ एक उद्योग में 21,000 लोग बेरोजगार हो गए हैं.

मनमोहन ने कहा कि देश के अन्य हिस्सों में भी स्थिति यदि अधिक नहीं तो इतनी ही खराब है. उन्होंने कहा कि नोटबंदी और जीएसटी दोनों ने कारोबारी समुदाय के मन में कर आतंक का भय पैदा कर दिया है.

उन्होंने कहा कि ऐसे समय अर्थव्यवस्था बैठ गई है जबकि वैश्विक वृहद आर्थिक परिस्थितियां अनुकूल थीं. कर आतंक के डर से निवेश को लेकर भरोसा डगमगा गया है. उन्होंने कहा कि विभिन्न कांग्रेस सरकारों ने नर्मदा बांध परियोजना को आगे बढ़ाया था. मुख्य नहर ने उस वर्ष पानी आया है जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री बने. उन्होंने कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री के रूप में उन्होंने आगे बढ़कर केंद्र की ओर से परियोजना के लिए धन उपलब्ध कराया था.

मनमोहन ने गुजरात की भाजपा सरकार पर आरोप लगाया कि वह आदिवासियों का समर्थन करने में विफल रही है. वन अधिकार कानून, 2008 तथा अन्य सामाजिक संकेतकों के क्रियान्वयन को लेकर उसका प्रदर्शन सबसे खराब रहा है.

बुलेट ट्रेन परियोजना सिर्फ दिखावा

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने केंद्र की बुलेट ट्रेन परियोजना को आड़े हाथ लिया. उन्होंने इसे दिखावा बताते हुए कहा कि सरकार प्राथमिकताएं सही दिशा में नहीं हैं. सरकार को बुलेट ट्रेन के बजाय मौजूदा यात्री रेल नेटवर्क को सुधारने पर ध्यान देना चाहिए.

अहमदाबाद में कारोबारी समुदाय को संबोधित करते हुए मनमोहन ने दावा किया कि इस परियोजना से न तो राज्य के 6.5 करोड़ लोगों को कोई फायदा होगा और न ही इससे देश का कुछ भला होगा. उन्होंने कहा कि गुजरात के उद्यमी अच्छी तरह से जानते हैं कि कोई सौदा बहुत आकर्षक दिख रहा हो तो वास्तव में वह वैसा होता नहीं है.

अमित शाह ने शुरू किया भाजपा का घर-घर प्रचार अभियान

गुजरात में अगले माह होने जा रहे विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने मंगलवार को पार्टी के छह दिवसीय गुजरात गौरव महा-संपर्क अभियान की शुरुआत की.

Ahmedabad: BJP National President Amit Shah meeting the residents of Naranpura during his door-to-door campaign for Assembly polls, in Ahmedabad, Gujarat on Tuesday. PTI Photo by Santosh Hirlekar   (PTI11_7_2017_000081B) *** Local Caption ***
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने अहमदाबाद में मंगलवार को घर घर प्रचार अभियान की शुरुआत की. (फोटो: पीटीआई)

इस अभियान के तहत भाजपा कार्यकर्ता विकास के संदेश के साथ मतदाताओं के घर पहुंच रहे हैं. घर-घर जाकर प्रचार करने के इस तरीके के माध्यम से पार्टी ने राज्य के 50 हजार मतदान केंद्रों के तहत मत डालने वाले लोगों तक पहुंचने की योजना बनाई है.

हालांकि, सत्तारूढ़ पार्टी ने आगामी चुनावों के लिए अभी तक प्रत्याशियों की घोषणा नहीं की है. शाह ने सोला रोड इलाके में अंबाजी मंदिर में पूजा करने के बाद इस अभियान की शुरुआत नारनपुरा निर्वाचन क्षेत्र से की जहां से वह पूर्व में विधायक रह चुके हैं.

प्रचार अभियान के तहत उन्होंने करीब 10 आवासीय सोसायटियों का दौरा किया. ढोल-नगाड़ों के बीच उन्होंने पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ निवासियों से बातचीत की, कुछ घरों में गए, लोगों का हाल-चाल पूछा और उनसे आगामी चुनाव में भाजपा को वोट देने का निवेदन किया.

शाह 1998 से विधायक थे, लेकिन कुछ माह पहले राज्यसभा के लिए चुने जाने के बाद उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था. शाह और पार्टी कार्यकर्ताओं ने प्रत्येक घर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लिखे गए एक पत्र की प्रति भी वितरित की.

गुजरात भाजपा के प्रवक्ता आईके जडेजा ने बताया कि स्मृति ईरानी, जेपी नड्डा, निर्मला सीतारमण, वीके सिंह, मनसुख मंडाविया और प्रकाश जावड़ेकर भी अभियान के दौरान गुजरात का दौरा करेंगे तथा मतदाताओं से संवाद करेंगे.

हार्दिक, मेवानी ने कहा, पुलिस सुरक्षा गतिविधियों पर नजर रखने के लिए

गुजरात सरकार ने आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल और दलित नेता जिग्नेश मेवानी को सशस्त्र पुलिस सुरक्षा उपलब्ध कराई है. दोनों नेताओं ने दावा किया है कि उनकी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए यह कदम उठाया गया है.

भाजपा की नीतियों को लेकर उसकी आलोचना करने वाले पटेल और मेवानी ने सोमवार को कहा कि उन्होंने कभी भी सुरक्षा की मांग नहीं की थी.

Surat: PAAS convener Hardik Patel as he arrives at a court, in Surat on Friday. PTI Photo(PTI11_3_2017_000195B)
पाटीदार आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल. (फोटो: पीटीआई)

हालांकि, पुलिस का कहना है कि विशुद्ध रूप से सुरक्षा के दृष्टिकोण से दोनों नेताओं को सुरक्षा उपलब्ध कराया गया है. शहर की पुलिस ने सोमवार को पटेल और मेवानी की सुरक्षा में एक-एक सशस्त्र पुलिसकर्मी की तैनाती की.

पुलिस के मुताबिक अगले हुए चुनाव से पहले पटेल और मेवानी पर हमले की किसी भी आशंका को खत्म करने के लिए दोनों नेताओं को 24 घंटे सुरक्षा उपलब्ध कराई जा रही है.

ईवीएम, वीवीपैट के खिलाफ अदालत पहुंची गुजरात कांग्रेस, आयोग को नोटिस

गुजरात उच्च न्यायालय ने सोमवार को कांग्रेस की राज्य इकाई की एक याचिका पर चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया. कांग्रेस की राज्य इकाई ने याचिका में अनुरोध किया कि दोषपूर्ण पाई गई ईवीएम और वीवीपैट सील की जाएं और उनका आगामी विधानसभा चुनावों में प्रयोग नहीं हो.

न्यायमूर्ति अकील कुरैशी और न्यायमूर्ति एजे कागजी की खंडपीठ ने गुजरात प्रदेश कांग्रेस कमेटी की याचिका पर चुनाव आयोग, राज्य के प्रमुख चुनाव अधिकारी, और विधि एवं न्याय मंत्रालय के जरिये केंद्र सरकार को नोटिस जारी किए. इन सभी को 13 नवंबर तक नोटिस के जवाब देने हैं.

फोटो: पीटीआई
फोटो: पीटीआई

कांग्रेस ने अपनी याचिका में कहा कि कुल 70,182 वीवीपैट (मतदाता सत्यापन जांच पर्ची) इकाइयों में करीब सात प्रतिशत पहले स्तर की जांच के दौरान दोषपूर्ण पाई गईं और ईवीएम तथा नियंत्रण इकाइयां भी दोषपूर्ण थीं. इन्हें सील किया जाना चाहिए तथा इनका राज्य में किसी मतदान केंद्र पर प्रयोग नहीं होना चाहिए.

याचिकाकर्ता ने अदालत से अनुरोध किया कि वह या तो आयोग को निर्देश दे या खुद एक विशेषज्ञ समिति गठित करे जो दोषपूर्ण मशीनों पर गौर कर सके ताकि इनसे कोई गड़बड़ी नहीं हो सके.
राज्य में दो चरणों में नौ और 14 दिसंबर को मतदान होना है और मतगणना 18 दिसंबर को होगी.

गुजरात के पाटीदारों को आरक्षण नहीं मिलना चाहिए: मांझी

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री तथा राजग के घटक दल हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने रविवार को कहा कि गुजरात के पाटीदारों को आरक्षण नहीं मिलना चाहिए.

बिहार के गया स्थित अपने आवास पर पत्रकारों को संबोधित करते हुए मांझी ने गुजरात विधानसभा चुनाव में एक बार फिर अपार बहुमत से राजग की सरकार बनने का दावा करते हुए कहा कि पाटीदारों को आरक्षण नहीं मिलना चाहिए.

मांझी ने कहा कि गुजरात में पाटीदार समाज की हैसियत जमींदारों जैसी है, ऐसे में वहां दलित एवं पिछड़ों को मिले आरक्षण में कटौती कर पाटीदारों को आरक्षण देने की बात को कही से भी न्यायोचित नहीं ठहराया जा सकता है.

उन्होंने कहा कि यदि आरक्षण का कोई पैमाना तय करना है तो आबादी के अनुपात के अनुसार आरक्षण सुनिश्चित किया जाना चाहिए.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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